जानिए जीका वायरस के लक्षण ...
कई देशों में दहशत फैलाने के बाद अब जीका वायरस (ZIKA VIRUS) ने भारत में भी दस्तक दे दी है। राजस्थान में जीका वायरस से संक्रमित लोगों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही है। ब्लॉग लिखे जाने तक राजस्थान में जीका वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 72 तक जा पहुंची है। जीका वायरस के संक्रमण फैलने का खतरा सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं और बच्चों को है। जीका वायरस के दुष्प्रभाव के चलते गर्भवती महिलाओं का बच्चा अविकसित दिमाग के साथ पैदा होता है। इसे भी पढ़ें - How to protect against Zika when pregnant?
तो आइये जानते हैं कि जीका वायरस (jica virus) का इतिहास क्या है और इससे संक्रमित होने के बाद क्या लक्षण नजर आते हैं एवं इससे बचाव के लिए आप किन उपायों को आजमा सकते हैं।
जीका (jica) मच्छर का वायरस इंसानों में एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू के मच्छर की तरह ये भी दिन में एक्टिव रहता है। साल 1947 में सबसे पहली बार युगांडा के जंगलों में ये संक्रमण बंदरों के समुदाय में फैला था। इसके बाद 1951 में इंसानों में पहली बार जीका वायरस (ZIKA VIRUS) का संक्रमण पाया गया। साल 2007 तक जीका का संक्रमण केवल अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों में पाया जाता था। इसके बाद साल 2016 में ब्राजील में इसका कहर इस कदर फैला कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि WHO ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आपातकाल तक घोषित कर दिया और अब चिंता की बात ये है कि अपने देश में राजस्थान में जीका वायरस के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं।
आइये जानते हैं कि क्या हैं जीका वायरस से संक्रमित (Zika Virus Infecton Signs) होने के बाद क्या लक्षण नजर आते हैं ताकि समय रहते इनसे बचने के उपाय तलाश सकें। इसे पढ़ें -
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सबसे जरूरी बात की सावधानी ही इससे बचने का उपाय है। जीका वायरस (jica virus) को फैलने से बचने के लिए आप उन्हीं उपायों को दोहराएं जो डेंगू के मच्छर से बचने के लिए हम लोग करते हैं। इन Zika Virus Treament advice/उपायों को भी पढ़ें -
फिलहाल राजस्थान समेत कई और राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके अलावा इस वायरस से निपटने के लिए WHO से भी मदद मांगी गई है।
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