ओमिक्रोन की दस्तक और कई र ...
ओमिक्रोन की दस्तक के बाद हमें और ज्यादा सतर्क और सावधान रहने की आवश्यकता है। सबसे ज्यादा चिंताजनक बात जो सामने आ रहे हैं वो है कोरोना की R वैल्यू। आपको बता दें की कोरोनो की R वैल्यू 1 के आसपास है। 2 दिसंबर तक के आंकड़ों की बात करें तो अपने देश की R वैल्यू 0.95 है लेकिन इसके साथ ही तेलंगाना, मिजोरम, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक में R वैल्यू 1 से ज्यादा हो गई है। अब आप ये भी सोच रहे होंगे कि R वैल्यू क्या है और इसके बढ़ने या कम होने से कोरोना के केस का क्या संबंध हो सकता है। इस ब्लॉग में हम आपको R R वैल्यू के बढ़ने या कम होने के प्रभाव के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं। इस ब्लॉग में एक्सपर्ट से जानें:- क्या हैं ओमिक्रोन से बचाव के उपाय?
R वैल्यू यानि कि इसका पूरा नाम है रीप्रोडक्शन वैल्यू। R वैल्यू की मदद से ये आंका जाता है कि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति से कितने अन्य लोग संक्रमित हो रहे हैं। आसान शब्दों में आप इसको ऐसे समझिए कि अगर R वैल्यू 1 से ज्यादा है तो इसका मतलब की केस बढ़ रहे हैं और अगर 1 से कम हो रही है तो कोविड के केस कम हो रहे हैं। इस ब्लॉग को जरूर पढ़ लें- अपने देश में कब पीक पर हो सकता है Omicron का खतरा?:
उदाहरण के तौर पर अगर 100 व्यक्ति संक्रमित हैं और वे 100 लोगों को संक्रमित बना रहे हैं तो R वैल्यू 1 होगी लेकिन अगर वे 70 व्यक्तियों को ही संक्रमित कर पा रहे हैं तो R वैल्यू 0.70 होगी।
मौजूदा हालात में भले देश की R वैल्यू 1 से कम है लेकिन कुछ ऐसे राज्य या शहर हैं जहां का R वैल्यू 1 या 1 से ज्यादा है और एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये स्थिति चिंताजनक अवश्य है।
कोविड हो या अन्य किसी प्रकार की महामारी, इसकी गंभीरता को मापने के लिए 3 पैमानों का इस्तेमाल किया जाता है। पहला है R वैल्यू दूसरा है केसेज की संख्या और तीसरा है गंभीरता। महामारी की चपेट में आने वाले कितने मरीजों में गंभीर लक्षण देखे जा रहे हैं इस पर भी महामारी के खतरे को मापा जाता है।
R वैल्यू को लेकर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंसेज के 2 दिसंबर तक के आंकड़ों की माने तो पूरे भारत की R वैल्यू 0.95 है। मिजोरम की R वैल्यू सबसे ज्यादा है। फिलहाल मिजोरम की R वैल्यू 1.14 से घटकर 1.11 हो गई है। कर्नाटक में 1 सप्ताह के दौरान R वैल्यू 0.94 से बढ़कर 1.09 हो गए हैं। केरल की R वैल्यू 0,88 बताई जा रही है। नोट: ये सभी आंकड़े 2 दिसंबर 2021 तक के हैं)
मुंबई और पुणे की R वैल्यू 1 से ज्यादा बताई जा रही है। मुंबई की R वैल्यू 1.02 से बढ़कर 1.09 है। मुंबई से सटे ठाणे में R वैल्यू 1.19 है।
चेन्नई और कोलकाता की R वैल्यू में गिरावट दर्ज की गई है। चेन्नई में 1.04 जबकि बेंगलुरु में भी 1.04 R वैल्यू है। कोलकाता की R वैल्यू भी 1 के आसपास पहुंच गए हैं।
क्या आप जानते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश की R वैल्यू क्या थी? दूसरी लहर की शुरुआत के दौरान यानि 9 मार्च और 21 अप्रैल के बीच 1.37 थी और यही वजह है कि इस समय में कोरोना संक्रमित के केस काफी तेजी से बढ़ रहे थे। 24 अप्रैल से लेकर 1 मई के दौरान R वैल्यू 1.18 दर्ज किए गए थे। 29 अप्रैल से लेकर 7 मई के बीच में R वैल्यू घटकर 1.10 रह गए थे। इसके बाद से R वैल्यू में गिरावट आना शुरू हो गए और यही वजह है कि उसके बाद से कोविड संक्रमितों की संख्या में भी कमी देखने को मिले।
तमाम एक्सपर्ट्स यही बता रहे हैं कि ओमिक्रोन से बचाव के लिए वैक्सीनेशन सबसे जरूरी है। इसके साथ ही कोविड व्यवहार का पालन करते रहें। समय समय पर हाथ को सैनिटाइज करना, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना भी सुरक्षा व बचाव के लिहाज से जरूरी है।
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