आपने नोटिस किया होगा कि आपके बच्चे हर उस चीज के बारे में सवाल पूछते होंगे जिनके बारे में उन्हें जानकारी नहीं होती है। और ये अच्छी बात है कि आपका बच्चा जिज्ञासु प्रवृत्ति का है। इस बार साल का पहला चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। साल का दूसरा चंद्रगहण 29 अक्टूबर को लगने जा रहा है और जब आप अपने घर में इसके बारे में चर्चा करेंगे तो जाहिर है कि आपका बच्चा भी आपसे चंद्रग्रहण से संबंधित सवाल जरूर पूछेगा। तो चलिए आज हम आपको इस ब्लॉग में बताने जा रहे हैं चंद्रग्रहण से संबंधित कुछ रोचक जानकारियां जिन्हें आप अपने बच्चे को बताकर उसका ज्ञान वर्धन कर सकती हैं।
भारत में कितने बजे शुरू होगा चंद्र ग्रहण ?
चंद्र ग्रहण की तिथि: 29 अक्टूबर, रविवार 2023
चंद्रग्रहण का समय : रात 01 बजकर 05 मिनट से 02 बजकर 23 मिनट रात्रि तक
कब और क्यों होता है चंद्रग्रहण? / When & Why Happens Lunar Eclipse in Hindi
चंद्रग्रहण 2023 से जुड़ी 7 खास बातें गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को जरूर जान लेनी चाहिए...
- सौरमंडल का हिस्सा है हमारी धरती। सूर्य के चारों तरफ धरती चक्कर लगाती है और पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा घूमता है। चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है।
- खगोलशास्त्रियों के मुताबिक चंद्रमा धरती की छाया से ढ़क जाती है। इस दौरान गहरे लाल रंग और बदलते दृष्यों को देखना अपने आप में एक मजेदार अनुभव हो सकता है।
- चंंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते हैं जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में अवस्थित हो जाते हैं और चंद्रमा धरती की छाया से निकलता है।
- चंद्रग्रहण पूर्णिमा के दिन ही पड़ता लेकिन ये भी ध्यान रखें कि प्रत्येक पूर्णिमा को चंद्रगहण नहीं पड़ता है।
- पृथ्वी की कक्षा पर चंद्रमा का कक्षा तकरीबन 5 डिग्री झुका होता है। इस झुकाव की वजह से हर बार चंद्रमा पृथ्वी की छाया में प्रवेश नहीं करता है और इसके ऊपर या नीचे से निकल जाता है। जब धरती की छाया में चंद्रमा प्रवेश कर जाता है तब चंद्रग्रहण की स्थिति आती है।
- सूर्यग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन होता है और चंद्रग्रहण पूर्णिमा के दिन
- चंद्रग्रहण पूरी दुनिया में एक साथ ही शुरु होता है और एक साथ ही समाप्त होता है
इन वजहों से है खास चंद्रगहण / Why So Special Lunar Eclipse in Hindi
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चंद्रग्रहण को देखना पूरी तरह से सुरक्षित है और इसको देखने के लिए किसी खास उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है
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सूर्यग्रहण देखने के दौरान जरूर सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है क्योंकि नंगी आंखों से सूर्यग्रहण को देखने पर आंख खराब होने का खतरा बना रहता है
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भारत के महान गणितज्ञ आर्यभट्ट ने ग्रहण से संबंधित वैज्ञानिक सिद्धांत पेश किया था।
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आर्यभट्ट ने इस बात को सिद्ध किया कि जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आती है तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने से चंद्रग्रहण होता है। इस बार साल में कुल 4 चंद्रग्रहण पड़ने वाले हैं जिनमें से 3 चंद्रग्रहण का असर भारत में रहेगा।
क्या गर्भावस्था में चंद्रग्रहण देखना असुरक्षित है?/ Is Any Side Effects of Lunar Eclipse in Pregnancy in Hindi
देखा जाए तो वैज्ञानिक तौर पर इसकी कतई पुष्टि नहीं हुई है कि ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंसी पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव पड़ता है, लेकिन इससे जुड़े कई ऐसे मिथक हैं जिनका लोग पालन करते हैं।
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं से जुड़े अंधविश्वास - ग्रहण से जुड़े कई ऐसे अंधविश्वास हैं जैसे कि गर्भवती महिलाओं को इस दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, ग्रहण के दौरान चाकू या कैंची का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, ग्रहण के दौरान सूई का प्रयोग नहीं करना चाहिए या फिर ग्रहण के समय में महिला को पानी तक नहीं पीना चाहिए। लेकिन इस तरह के अंधविश्वासों के पीछे किसी प्रकार की वैज्ञानिक प्रामाणिकता नहीं है।
- तार्किक रूप से सही बातों को जरूर स्वीकार करें - चंद्रग्रहण हो या सूर्यग्रहण के समय में निश्चित रूप से गर्भवती महिलाओं को कुछ सतर्कता बरतने की आवश्यकता है अब जैसे की सूर्यग्रहण के दौरान खुली आंखों से सूर्य को नहीं देखना चाहिए। इसके अलावा सूर्यग्रहण के दौरान अंधकार भी हो जाता है तो उस समय में निश्चित रूप से चाकू, कैंची या सूई का प्रयोग नहीं करना चाहिए नहीं तो चोट लगने का खतरा हो सकता है।
- ग्रहण के समय में अनेक प्रकार के जीवाणु पैदा होते हैं इसलिए कहा जाता है कि पानी प्रदूषित हो सकता है, लेकिन अगर पीने के पानी में तुलसी का पत्ता डाल दिया जाए क्योंकि तुलसी में एंटी ऑक्सीडेंट तत्व होते हैं जो नुकसान करने वाले जीवाणुओं को समाप्त कर देते हैं।
- ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने की सलाह नहीं दी जाती है लेकिन चूंकि ग्रहण की अवधि घंटों की होती है तो इतने समय तक प्रेग्नेंसी के दौरान भूखे रहना भी सही नहीं। तो आप इस दौरान बिस्किट्स वगैरह साथ में रख सकती हैं ताकि भूख का एहसास होते ही आप कुछ खा सकें।
- ग्रहण के बाद स्नान - जैसा कि हमने आपको बताया कि ग्रहण के दौरान कई प्रकार के जीवाणु पैदा होते हैं और मरते रहते हैं इसलिए साफ-सफाई और स्वच्छता के लिहाज से ये तो सही है कि इसके बाद स्नान कर लिया जाए लेकिन अगर चंद्रग्रहण मध्य रात्रि में समाप्त हो रहा है तो जरूरी ये नहीं की आप मध्यरात्रि में ही स्नान कर लें। आप सुबह तक का इंतजार कर लें और फिर सुबह में स्नान करें।
- ग्रहण के दौरान मंत्रोच्चारण - मंत्रों का उच्चारण अगर आप करना चाहती हैं तो ये अच्छी बात है क्योंकि मंत्रों के उच्चारण करने से ऊर्जावान तरंगे उत्पन्न होती हैं और आपके अंदर सकारात्मक सोच विकसित होगी।
ग्रहण पूरी तरह से वैज्ञानिक एवं खगोलीय घटना है। ग्रहण के नुकसान व फायदों को लेकर आपको जरा भी पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है।