एक मां की मदद कर पुलिस का ...
आप इस ब्लॉग में जिस महिला की तस्वीर देख रहे हैं वो गुजरात पुलिस में महिला कांस्टेबल दया बेन है। एक नन्हे-मुन्ने शिशु के साथ हंसती-खिलखिलाती ये तस्वीर इंटरनेट पर बड़ी तेजी के साथ वायरल हो रही है। पहली नजर में इस तस्वीर को देखकर आपके मन में भी यही भाव प्रकट हो सकता है कि दया बेन अपने बच्चे के साथ ही खेल रही है लेकिन इस पूरे घटनाक्रम को जानकर आप भी दया बेन की खूब प्रशंसा करने लगेंगे। इस ब्लॉग में आप जानेंगे कि क्यों सोशल मीडिया में हर कोई दयाबेन की तारीफ कर रहा है और इसके साथ ही आप ये भी जानेंगे कि दयाबेन की तरह हम और आप कैसे किसी मां की मदद कर सकते हैं।
जैसा कि हमने आपको बताया कि दया बेन गुजरात पुलिस में कांस्टेबल है और उनकी ड्यूटी गुजरात हाईकोर्ट के चपरासी पद के लिए हो रही परीक्षा में लगी थी। एक मां अपने छोटे बच्चे के साथ परीक्षा देने पहुंची लेकिन समस्या ये थी कि बच्चे के साथ बैठकर वो परीक्षा कैसे दे पाएंगी। मां की इस मुश्किल को वहां मौजूद दयाबेन ने फौरन भांप लिया। दयाबेन ने उस मां को भरोसा दिलाया कि जब तक वो परीक्षा देंगी तब तक उनके बच्चे को दयाबेन संभालते रहेंगी। परीक्षा पूरे 3 घंटे की थी और इस दौरान मां की भूमिका में नजर आईं दया बेन। दया बेन ने ना सिर्फ उस बच्चे को संभाला बल्कि उसके साथ खूब खेला भी, मासूम बच्चे ने भी दया बेन के साथ खूब एन्जॉय किया, तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि कैसे दयाबेन और इस बच्चे की ट्यूनिंग जम गई है। दया बेन ना सिर्फ अपने नाम को चरितार्थ किया बल्कि उन्होंने ये भी दिखाया कि एक मां की मुश्किल घड़ियों में हम उनका सपोर्ट करके इंसानियत के रिश्ते को और आगे भी बढ़ा सकते हैं। दयाबेन की दरियादिली की ये तस्वीरें जब सोशल मीडिया पर खूब वायरल होने लगे तब पुलिस महकमे के उच्च अधिकारी डीजीपी विकास सहाय ने भी व्यक्तिगत तौर पर दया बेन को बुलाकर उन्हें सम्मानित किया। दयाबेन को इस कार्य के लिए डीजीपी ने प्रशंसा पत्र भी सौंपा है।
इस वीडियो ब्लॉग को जरूर देख लें:- हम इन तरीकों से कर सकते हैं नवजात शिशु की मां की मदद देखिए VIDEO
दयाबेन ने उस मां की परेशानियों का समाधान निकालकर मिसाल प्रस्तुत किया है लेकिन इसके साथ ही हमारी और आपकी भी कुछ जिम्मेदारियां हैं।
बस मेट्रो या सार्वजनिक परिवहन में यात्रा के दौरान अगर किसी छोटे बच्चे के साथ मां को देखें तो उन्हें फौरन अपनी सीट ऑफर कर दें।
सार्वजनिक जगहों पर कई बार भीड़ भाड़ के चलते बच्चे खुद को असहज महसूस कर सकते हैं और इसके चलते वे रोने या चिल्लाने लगते हैं। आप इस बात को मानकर चलें कि मां अपने बच्चे को चुप कराने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है लेकिन इसके साथ ही कुछ लोग चिढ कर मां को ही खरी खोटी सुनाने लगते हैं। ऐसा करने से बचें और बच्चे का दिल बहलाने में सहयोग करें।
टिकट या अन्य किसी काम के चलते अगर लंबी कतार लगी है और उसमें कोई मां अपने बच्चे के साथ खड़ी है तो उन्हें आगे बढ़ने में अपना सहयोग प्रदान करें।
अगर आप ट्रेन में सफर कर रहे हैं और लोअर सीट आपका है, उसी ट्रेन में एक मां अपने छोटे बच्चे के साथ यात्रा कर रही हैं और उनका सीट अपर है तो आप नैतिकता के आधार पर उनको अपनी सीट भी ऑफर कर सकते हैं।
इस तरह के कई और अवसर हो सकते हैं जहां आप अपनी सूझबूझ से मां और छोटे बच्चे की मदद कर सकते हैं।
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