नेपाल में गोलगप्पे पर लगा ...
गोलगप्पे की बस कोई चर्चा भर कर दे तो मुंह में पानी आ जाता है, गोलगप्पे खाने के ऑफर को ठुकरा पाना काफी मुश्किल काम हो सकता है। गोलगप्पे की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगा लीजिए कि गांव से लेकर बड़े बड़े शहरों व मेट्रो में भी गोलगप्पे के स्टॉल आपको आसानी से मिल जाएंगे। गोलगप्पे को चाव से खाने वाले की लिस्ट में सिर्फ महिलाएं नहीं बल्कि हर उम्र के लोग मिल जाएंगे। लेकिन इसके साथ ही गोलगप्पे से संबंधित एक महत्वपूर्ण खबर आपको बताना आवश्यक है। दरअसल नेपाल की राजधानी काठमांडू में गोलगप्पे पर बैन लगा दिया गया है। जाहिर है, ये जानकर आपको झटका जरूर लगा होगा और इसलिए हम आपको इस ब्लॉग में गोलगप्पे पर बैन क्यों लगाया गया इसके बारे में भी विस्तार से बताएंगे और साथ में गोलगप्पे के शौकीन हैं तो खाने के दौरान आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए इसके बारे में भी विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं।
नेपाल की राजधानी काठमांडू के ललितपुर मेट्रोपोलिटन सिटी में गोलगप्पे पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पिछले कुछ दिनों से इस इलाके में हैजा (Cholera cases in Nepal) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एहतियात के तौर पर गोलगप्पे पर फिलहाल बैन लगा दिया गया है। खुले में बिक रहे तमाम फूड आइटम्स की जांच की जा रही है और इस दौरान ही गोलगप्पे के पानी में हैजा के बैक्टीरिया पाए गए थे। इसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थानीय प्रशासन ने गोलगप्पे की बिक्री पर फिलहाल रोक लगा दिया है। स्थानीय लोगों से भी अपील की जा रही है कि फिलहाल ऐसी खाद्य सामग्रियों का इस्तेमाल नहीं करें जिनसे जल जनित रोग जैसे की हैजा का संक्रमण बढ़ सके।
जैसा कि आप जानते ही हैं नेपाल हमारा सबसे नजदीकी देशों में से एक है और नेपाल में गोलगप्पे पर बैन से भारत में भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। चूंकि अभी मानसून ने दस्तक दे दी है और इस मौसम में पानी से पनपने वाली बीमारियों में और ज्यादा सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है। भारत में गोलगप्पे जो बेचे जा रहे हैं उसमें सुरक्षा के मानकों का ध्यान नहीं रखा जाता है। भारत में सबसे ज्यादा बेचे जाने वाले स्ट्रीट फूड्स में शामिल है गोलगप्पा। गोलगप्पे के ज्यादातर वेंडर खाद्य सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं करते हैं और साफ-सफाई स्वच्छता का भी ध्यान नहीं रखा जाता है। गोलगप्पे के पानी को खट्टा, चटपटा और तीखा बनाने के लिए जिन सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है वे भी स्वास्थ्य विभाग के मानकों का अक्षरश: पालन नहीं करते हैं।
अगर गोलगप्पे के पानी में सही तरीके से प्राकृतिक व शुद्ध मसालों का इस्तेमाल किया जाए तो यकीनन गोलगप्पा फायदेमंद भी हो सकता है लेकिन मिलावटी मसालों के चलते बाजार में उपलब्ध गोलगप्पे नुकसानदायक ही होते हैं। ज्यादा गोलगप्पे या पानीपूरी का सेवन करने से डायरिया, डिहाइड्रेशन, उल्टी, दस्त, पीलिया, अल्सर, पाचन क्रिया में गड़बड़ी, पेट में हल्का या तेज दर्द और आंतों में सूजन जैसी समस्या हो सकती है। इसके साथ ही गोलगप्पे खाने से ब्लडप्रेशर की शिकायत भी हो जाती है. दरअसल, गोलगप्पे के पानी में नमक का इस्तेमाल ज्यादा मात्रा में किया जाता है, इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इसके अलावा गोलगप्पों को तलने के लिए कई बार इस्तेमाल किए हुए तेल का इस्तेमाल किया जाता है जिससे सेहत खराब होती है.
गोलगप्पे का पानी घर में ही तैयार करें।
सूजी के बजाय आटे के गोल गप्पे खाने चाहिए
गोलगप्पे में आलू की बजाय आप उबले हुए चने का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
जलजीरा में पुदीना, कच्चा आम, काला नमक, कालीमिर्च, पिसा हुआ जीरा और साधारण नमक का मिश्रण होना चाहिए
नॉर्मल नमक की जगह आप काले नमक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे गैस की समस्या दूर होती है.
लाल चटनी की बजाय दही का इस्तेमाल कर सकते हैं.
ध्यान रखें की बारिश के मौसम में जल जनित रोग के फैलने का ज्यादा खतरा होता है और इसलिए एक्सपर्ट्स सुझाव देते हैं कि इस दौरान बाहर के खाने से परहेज रखना ही सही रहेगा। आपको अगर स्ट्रीट फूड का स्वाद लेना ही है तो आप इस रेसिपी को खुद से घर में भी तैयार करके आनंद ले सकती हैं।
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