बच्चों की बंद नाक (Nasal ...
Only For Pro
Reviewed by expert panel
मौसम बदलने के साथ ही अपनी सेहत को लेकर हमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, और इनमें जो परेशानी सबसे आम है वो है सर्दी-जुकाम होना। बड़े हों या बच्चे, सर्दी-जुकाम होने पर सभी में एक जैसे लक्षण दिखाई देते हैं जैसे गले में खराश, खांसी आना या नाक बंद हो जाना।
नाक बंद(Nasal Congestion) होने पर बड़े तो बर्दाश्त कर लेते हैं पर छोटे बच्चे के लिए यह तकलीफदेह हो सकता है। उन्हे सांस लेने में तकलीफ होती है और वे अजीब सी बैचेनी महसूस करते है।
अगर आपका बच्चा भी इस समस्या से परेशान हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताएंगे, जो इस परेशानी से निजात पाने में आपके काम आएंगे-
गर्मा-गर्म भाप सांस के जरिये अंदर लेने से बच्चे की नाक में जमा बलगम ढीला हो जाता है, जिससे नाक से सांस लेने वाली नली खुल जाती है। कुछ डॉक्टरों का कहना है कि इससे शिशु जल्दी स्वस्थ हो सकता है। इसके लिए आपको अपने बाथरूम में इतना गर्म पानी रखना है जिससे भाप बन सके। बच्चे को लेकर बाथरूम में जाइए और दरवाजा बंद कर लीजिए और कम से कम 15 मिनट के लिए अपने बच्चे के साथ वहाँ बैठें।
गीले कपड़े से बच्चे की गर्म सिंकाई करना बंद नाक को खोलने में मददगार होता है। गर्म सिंकाई करते समय कपड़ा कितना गर्म होना चाहिए, इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है क्योंकि बच्चों की त्वचा कोमल होती है और कपड़े का ज्यादा गर्म होना सिंकाई के समय बच्चे की त्वचा को झुलसा सकता है।
इसके लिए एक साफ कपड़े या तौलिए को गर्म पानी में भिगोएँ और अतिरिक्त पानी अच्छे से निचोड़ कर निकाल दें। अब इस कपड़े को बच्चे के माथे और गाल पर 5-6 सेकंड के लिए रख कर सिंकाई करें। इसे बच्चे की नाक पर भी रखा जा सकता है पर केवल 1-2 सेकेंड के लिए। कपड़े की गर्मी से बलगम की वजह से बंद नाक की सांस लेने वाली नली खुल जाती है और बच्चे को आराम मिलता है।
बच्चे को उचित मात्रा में तरल और पानीदार चीजों का सेवन कराना उसे न केवल अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखता है बल्कि बलगम को पतला कर देता है। इससे जमा हुआ कफ बाहर निकल जाता है और सीने की जकड़न खत्म करने में भी मदद मिलती है।
बच्चे को हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी, दूध और फलों को रस बड़ा कारगर है लेकिन यदि आप मांसाहारी हैं तो इसके लिए चिकन सूप से बेहतर कुछ भी नहीं। चिकन सूप नाक के अंदर की नसों की सूजन को खत्म कर देता है और बलगम को ढ़ीला करने में मददगार होता है। चिकन सूप में थोड़ा सा अदरख मिलाए जाने पर और बेहतर नतीजे मिलते हैं।
साधारण या बेबी वेपर रब (खासतौर पर छोटे बच्चों के लिए निर्मित) को आपके बच्चे के पैरों के तलवों पर रगड़िए और मोजे पहना दीजिए। यह आपके बच्चे को रात में अधिक आसानी से सांस लेने में मदद करेगा। इसे आप बच्चे की छाती और पीठ के साथ-साथ बच्चे के सिरहाने गद्दे पर भी लगा सकते हैं जिससे बच्चे को सांस लेने में कठिनाई नहीं होगी।
वेपर रब की जगह अगर कुछ कुदरती चीज इस्तेमाल करना चाहें तों नीलगिरी का तेल बहुत बेहतर है क्योंकि ज्यादातर डॉक्टर बच्चों पर वेपर रब के इस्तेमाल की सलाह नहीं देते। इससे जलन पैदा हो सकती है और बच्चे को बेचैनी हो सकती है इसलिए इसे बच्चे की आंखों और दूसरे नाजुक अंगों के पास लगाने से बचें।
एक्यूप्रेशर बच्चे की बंद नाक को खोलने का एक बेहतर तरीका है। यदि बच्चा बहुत छोटा है, तो इसे खुद ही करना ठीक है। होंठ के ऊपर नाक के दोनों किनारों और आंख के अंदरूनी किनारों पर नाक वाले हिस्से पर पर स्थित एक्यूप्रेशर बिंदुओं पर हल्के हाथ से से दबाएं। यह बच्चे की बंद नाक खोलने में बड़ा कारगर है।
अगर आपका बच्चा 8-10 साल की उम्र का है तो आप उसे ऐसा करना बड़ी आसानी से सिखा सकती है। इसे लगभग 1 मिनट तक करें और एक्यूप्रेशर करते समय अपनी पहली और दूसरी उंगलियों का इस्तेमाल करें।
आमतौर पर बच्चों को नाक बंद होने की समस्या से एक-दो दिन में आराम मिल जाता है मगर कभी-कभी यह लंबे समय तक बनी रहती है और ऐसे हालात में डाॅक्टर से सलाह लिया जाना बेहतर है।
Be the first to support
Be the first to share
Comment (0)