गैस चूल्हा या इंडक्शन? आप ...
बदलते वक्त के साथ-साथ हमारे घरों में खाना बनाने के तौर तरीकों में भी भारी बदलाव देखने को मिल रहा है। गैस सिलेंडर के आने से गृहणियों का खाना बनाना आसान हो गया। अब इंडक्शन चूल्हे पर खाना बनाने का ट्रेंड चल चुका है। इस ब्लॉग में हम ये जानने का प्रयास करेंगे कि गैस चूल्हे या इंडक्शन का इस्तेमाल करने के फायदे और नुकसान क्या हैं? इस ब्लॉग में हम आपको ये भी बताएंगे कि बच्चे की सेहत के लिहाज से गैस चूल्हे या इंडक्शन चूल्हे में बेहतर विकल्प क्या हो सकते हैं? अस्थमा या सांस संबंधित अन्य मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और बड़ी संख्या में बच्चे भी ग्रसित हो रहे हैं। क्या गैस चूल्हे से उत्सर्जित होने वाले केमिकल या गैस से भी बच्चे के सेहत पर हो सकता है असर, इसके बारे में भी इस ब्लॉग में विस्तार से आप जान सकेंगे।
ये सवाल बहुत महत्वपूर्ण है कि कूकिंग के लिए गैस बेहतर है या इंडक्शन चूल्हा? गैस चूल्हा या इंडक्शन दोनों के ही कुछ फायदे हैं और कुछ नुकसान भी। गैस चूल्हा जहां ज्वलनशील होने के कारण नुकसानदेह माना जाता है वही दूसरी तरफ इंडक्शन चूल्हे में आप सभी प्रकार के बर्तन में खाना नहीं पका सकते हैं। एलपीजी और पीएनजी गैस की लगातार बढ़ती कीमतें मध्यमवर्गीय परिवारों के जेब पर सीधे चोट करती है और इंडक्शन चूल्हा अब इसलिए भी ज्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं कि इसके इस्तेमाल के लिए बिजली की जरूरत होती है। इस ब्लॉग में आपको आगे ये भी जानकारी मिल सकेगी की समय और सुरक्षा के लिहाज से गैस और इंडक्शन में कुकिंग के उद्देष्य से क्या बेहतर हो सकता है।
गैस चूल्हे में खाना बनाने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें आपकी निर्भरता बिजली पर नहीं होती है। अगर आपके इलाके में बिजली कट की समस्या बनी रहती है तब तो आप कतई इंडक्शन खाना नहीं बना सकते हैं।
भारतीय भोजन बनाने की शैली के हिसाब से जैसे रोटी पकाने या अच्छे से मसाला भूनने के लिहाज से गैस चूल्हा बेहतर हो सकता है।
गैस में खाना पकाने के लिए आपको किसी खास प्रकार के बर्तनों की जरूरत नहीं होती है, आपके पास स्टील, लोहा, पीतल या एल्युमिनियम के बर्तन हैं तो इन सभी प्रकार के बर्तनों में आप गैस चूल्हे में खाना पका सकते हैं।
वर्तमान समय में 2 बर्नर से ज्यादा यानि 3 या 4 बर्नर वाले गैस चूल्हे आसानी से उपलब्ध हैं। आप एक साथ 2-3 प्रकार के व्यंजन तैयार कर लेते हैं और इसमें आपका समय भी बच जाता है।
आपने ऊपर ये तो जान लिया है कि गैस चूल्हे के क्या फायदे हैं, अब आपको इसके कुछ नुकसान के बारे में भी जरूर जान लेना चाहिए।
गैस स्टोव ज्वलनशील होने के कारण नुकसानदेह माने जाते हैं। साथ ही इससे निकलने वाली लौ से जलने का खतरा होता है।
गैस में खाना पकाने के दौरान कमरे में ज्यादा गर्मी हो जाती है
गैस चूल्हे की लौ से कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस ज्यादा निकलती है
खाना बनाने के दौरान गर्मी के चलते भूलवश पंखा का प्रयोग करना खतरनाक साबित हो सकता है
ऊर्जा उपयोग के मामले में इंडक्शन सबसे सही माने जाते हैं।
इंडक्शन चूल्हे में तापमान को नियंत्रण करने के लिए ऑप्शन होते हैं।
इंडक्शन चूल्हे में आसपास का वातावरण बिल्कुल भी गर्म नहीं होते हैं। इंडक्शन बंद होने के बाद तापमान सामान्य स्तर पर पहुंच जाता है।
इंडक्शन में जलने का खतरा नहीं होता
इंडक्शन के साथ जो सबसे बड़ी समस्या है कि इसमें आप सभी प्रकार के बर्तन में खाना नहीं पका सकते हैं। इसमें केवल सपाट सतह पर ही खाना पकाया जा सकता है।
इंडक्शन पर खाना बनाने के लिए के लिए कुछ खास किस्म के बर्तन आते हैं (जैसे इंडक्शन बेस और नॉनस्टील) जो कि महंगे होते हैं।
पॉवर कट या बाधित बिजली आपूर्ति के कारण खाना पकाने में दिक्कतें आ सकती है।
इंडक्शन में रोटी जैसे भारतीय व्यंजन अच्छे से नहीं पकाए जा सकते हैं
आपको बता दें कि अमेरिका जैसे कई और विकसित देशों में कूकिंग गैस के चूल्हे से निकलने वाली गैसों के दुष्प्रभावों पर गंभीर रूप से चर्चा चल रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि गैस चूल्हे से निकलने वाली गैस से बच्चों को अस्थमा (दमा) या सांस संबंधित अन्य समस्याएं हो सकते हैं। अमेरिका में तो सरकारी नियामक एजेंसियांं गैस चूल्हे पर प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रहे हैं।
अमेरिकी कंज्यूमर प्रोटेक्ट सेफ्टी कमीशन (सीपीएससी) के कमिश्नर रिचर्ड टुमका ने हाल ही में बताया है कि गैस चूल्हे खतरनाक स्तर पर जहरीले केमिकल का उत्सर्जन करते हैं।
अमेरिका में लगभग 35 प्रतिशत घरों में गैस स्टोव का उपयोग होता है। दिसंबर 2022 में इंटरनेशनल एनवायरनमेंटल रिसर्च और पब्लिक हेल्थ मैग्जीन में प्रकाशित स्टडी के अनुसार अमेरिका में बच्चों को अस्थमा के 12% मामलों का संबंध गैस स्टोव के इस्तेमाल से जुड़ा हो सकता है।
अब तक आप ये तो जान गए होंगे कि गैस चूल्हे से निकलने वाली गैस सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। अस्थमा काउंसिल का सुझाव है कि खाना बनाने के दौरान किचन की खिड़कियों को खोले रखें। प्रदूषित हवा को रसोई या घर से बाहर निकालने का इंतजाम कर कुकिंग गैस के नुकसान से बचाव संभव है।
नेशनल अस्थमा काउंसिल का सुझाव है, जिन घरों में ऊंची चिमनियां नहीं हैं, वहां कुकिंग के दौरान और उसके बाद खिड़कियों को खोले रखना चाहिए।
अक्टूबर में एनवायरनमेंटल साइंस के द्वारा प्रकाशित एक स्टडी में पाया गया कि इस्तेमाल नहीं किए जाने पर भी गैस स्टोव थोड़ी मात्रा में सही मीथेन और बेंजीन का उत्सर्जन करते हैं। हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए घरों में एयर प्यूरिफायर लगाए जा सकते हैं। एक बर्नर का चूल्हा भी खरीद सकते हैं।
अस्थमा और सांस संबंधी समस्याओं को गंभीरतापूर्वक लेने की आवश्यकता है। अपने देश की बात करें तो लगभग 3 करोड़ लोग अस्थमा बीमारी से ग्रसित हैं। रसोई गैस चूल्हे से होने वाले नुकसानों को देखते हुए अगर आप इंडक्शन चूल्हे का इस्तेमाल करती हैं तो ये आपके परिवार की सेहत के लिए ज्यादा बेहतर हो सकता है। आपके आसपास में या आपके जानने वाले भी कई लोग अस्थमा या सांस संबंधित परेशानियों से जूझ रहे होंगे, आप उनको जागरुक करके उनकी मदद कर सकते हैं। आप इस ब्लॉग को अपने साथियों के साथ जरूर शेयर करें ताकि वे भी जागरुक हो सकें।
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