जानिए बच्चों के दूध के दा ...
क्या आप जानते हैं कि बच्चे के दूध के दांत (Doodh ke dant) गिरने का समय भी सुनिश्चित होता है? दूध के दांत (Milk tooth in Hindi) अगर समय से पहले गिर जाते हैं या निर्धारित समय के बाद भी नहीं गिरते हैं तो आपको डॉक्टर से जरूर परामर्श करना चाहिए? खानपान की आदतों में आ रहे बदलाव का सीधा असर बच्चों के दांतों के स्वास्थ्य ( Dental Health) पर देखने को मिल सकता है। इस ब्लॉग में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं कि दूध के दांत के गिरने से संबंधित किन जरूरी बातों का आपको ध्यान रखना चाहिए?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक 3 साल से 13 साल की अवस्था में बच्चों के दूध के दांत गिरते हैं। दूध के दांत गिरने के बाद ही नए दांत निकलते हैं। आमतौर पर बच्चे के सामने के नीचे के दो दांत और फिर ऊपर के सामने के दो दांत गिरते हैं। अगर दूध के दांतों की अच्छे से देखभाल नहीं की गई है तो दांत सड़ जाते हैं और फिर समय से पहले टूट जाते हैं। मुमकिन है कि किसी दुर्घटना के चलते भी दांत समय से पहले गिर सकते हैं। इन परिस्थितियों में खाली जगह पर एक की बजाय 2 परमानेंट दांत निकल सकते हैं और इसके चलते ही दांत टेढे मेढ़े हो सकते हैं। समय पर दांत नहीं गिरते हैं तो उसकी जगह पर टेढ़े दांत निकल सकते हैं। इसलिए ये बहुत आवश्यक है कि आप अपने बच्चे के दांतों की अच्छे से देखभाल जरूर करें। हालांकि ये भी देखा गया है कि अधिकांश बच्चों के 6 साल होने पर ही दूध के दांत टूटने लगते हैं।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक दूध के दांतों के जल्दी गिरने के प्रमुख कारणों में से एक है खानपान की आदतों में बदलाव आना। जंक फूड, चॉकलेट जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने के चलते बच्चों के दांत जल्दी गिरने लगते हैं। इन सब तरह की चीजों का सेवन करने के चलते बच्चों के दांतों में सड़न जैसी समस्या पैदा हो जाते हैं। पेरेंट्स को यही कहना चाहूंगा कि अपने बच्चे को नियमित तौर पर ब्रश कराएं और जहां तक संभव हो सके, जंक फूड व चॉकलेट आईसक्रीम जैसी चीजें ज्यादा खाने को ना दें। अपने बच्चे के खाने में फल, सूखे मेवे, सलाद इत्यादि खाने के लिए प्रेरित करे
मीडिया में छपि रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडियन डेंटल एसोसिएशन के संयोजक डॉ. अरुण प्रताप मल्ल ने जानकारी देते हुए कहा है कि पिछले साल कई स्कूलों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया था। लगभग 20 फीसदी बच्चों में दांतों के समय से पहले गिर जाने की समस्या पाई गई थी। डॉ मल्ल ने ये भी कहा कि जिन बच्चों के दांत समय से पहले टूट रहे हैं उनको डॉक्टर से जरूर चेकअप कराया जाना चाहिए। एक्सपर्ट्स की माने तो किशोर-युवाओं में 28 दांत ही निकल पा रहे हैं। बहुत कम लोग ही हैं जिनेक 32 दांत निकल रहे हैं। गन्ना, भुट्ठा व अन्य ठोस आहार बच्चे को जरूर देना चाहिए, जिससे उनके दांतों की कसरत हो सके और मसूड़े मजबूत हो जाएं। बर्गर, पिज्जा, चाऊमीन में नुकसानदायक केमिकल मिला होता है, जो मसूड़ों के लिए हानिकारक होता है।
डॉक्टर बताते हैं कि बच्चे के दांत को मिट्टी में गाड़ देना चाहिए लेकिन निशानी के तौर पर अगर आप इसको रखना चाहती हैं तो किसी बॉक्स में रख सकती है। इसके साथ ही अगर आप स्टेम सेल बैंकिंग के लिए बच्चे के दांत को रखना चाहती हैं तो प्रिजर्व करके रख सकती हैं। आप इस दांत को दिखाकर अपने बच्चे को समझा सकती हैं कि अगर अब से अगली बार उनका कोई दांत गिरता है तो उन्हें परेशान नहीं होना चाहिए। अपने बच्चो को रात में दूध पिलाने के बाद उन्हें ब्रश जरूर कराएं। अगर ऐसा नहीं हैै, तो उन्हें अच्छे से कुल्ला करा दें। इससे दांत में कीड़े नहीं लगेंगे और मसूड़े स्वस्थ्य रहेंगे।
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