बजट में आपके बच्चे के लिए ...
केंद्र सरकार हर साल अपना बजट पेश करती है और जाहिर है एक टैक्सपेयर होने के नाते हर साल आपकी नजरें बजट पर टिकी रहती है। सरकार क्या ऐलान करने वाली है इसको लेकर आपके दिल-दिमाग में अनेक प्रकार के सवाल रहते होंगे लेकिन क्या कभी इस मुद्दे पर गंभीरतापूर्वक विचार किया कि आपके बच्चे के भविष्य और वर्तमान को लेकर हमारी सरकार के पास में इस बजट में कोई स्थान है? क्या अरबो-खरबों वाले हमारे देश के बजट में बच्चों के हित को देखते हुए भी कुछ प्रावधान किए गए हैं? आज इस ब्लॉग में हम आपको बजट में बच्चों के हितों को देखते हुए क्या ऐलान किए गए हैं उनके बारे में विस्तार से जानकारी देना जा रहे हैं।
इस बार बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छात्रों को विशेष रूप से बड़ी सौगात पेश की है।
कक्षा 1 से 12वीं के बच्चों की शिक्षा को और आसान बनाने के लिए पीएम ई विद्या के 'वन क्लास, वन टीवी चैनल' प्रोग्राम के तहत लगभग 200 नए चैनल खोले जाएंगे
इन चैनलों को माध्यम से बच्चों को शिक्षित करने का काम किया जाएगा
बजट में शिक्षा और कौशल को बढ़ावा देने के लिए अहम एलान किए गए हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गांवों के बच्चे और एससी-एसटी व अन्य कमजोर समुदाय के बच्चे प्रभावित हुए. ऐसे बच्चों की मदद के उद्देश्य से वित्त मंत्री ने पीएम ई विद्या (PM eVIDYA) के ‘वन क्लास-वन टीवी चैनल’ कार्यक्रम को 12 टीवी चैनलों से बढ़ाकर 200 टीवी चैनलों तक पहुंचाने का एलान किया है।
इससे सभी राज्य 1-12 तक की पढ़ाई कर रहे बच्चों को क्षेत्रीय भाषाओं में सप्लीमेंट्री एजुकेशन प्रदान कर सकेंगे.
वोकेशनल कोर्सेज में क्रिएटिविटी और थिंकिंग स्किल को बढ़ावा देने के लिए अगले वित्त वर्ष में विज्ञान और गणित के 750 वर्चुअल लैब्स और समकालीन शिक्षण परिवेश के लिए 75 स्किलिंग ई-लैब्स की स्थापना की जाएगी.
इंटरनेट, मोबाइल फोन्स, टीवी और रेडियो पर डिजिटल टीचरों के माध्यम से क्षेत्रीय भाषाओं में बेहतर क्वालिटी का ई-कंटेंट तैयार किया जाएगा.
ऑनलाइन ट्रेनिंग के जरिए अपनी स्किल्स मजबूत करने के लिए एक डिजिटल इकोसिस्टम DESH-Stack e-portal तैयार किया जाएगा. डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एंड लिवलीहुड- द डीईएसएच-स्टैक ई-पोर्टल के जरिए अपने स्किल को बढ़ाया जा सकेगा.
बजट 2022 के तहत हुई घोषणा के अनुसार, जो नए 200 चैनल 'वन क्लास-वन टीवी चैनल' प्रोग्राम से जोड़े जाएंगे. इस चैनलों में से कई पर क्षत्रीय भाषाओं में शिक्षा दी जाएगी.
सरकार की इस पहल से देश में कई राज्यों के कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चे क्षेत्रीय भाषा में सप्लीमेंट्री शिक्षा हासिल कर सकेंगे.
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