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सिंगल फादर तुषार कपूर से जानिए कैसे मैनेज करते हैं पेरेंटिंग को?

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दीप्ति  अंगरीश

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2 years ago

 सिंगल फादर तुषार कपूर से जानिए कैसे मैनेज करते हैं पेरेंटिंग को?
नियमित टिप्स
Story behind it

आप कैसे माता-पिता बनेंगे, यह किसी और पर नहीं, बल्कि आप पर निर्भर करता है। पहले इसके लिए शादी अनिवार्य शर्त थी। मगर बदलते समय के साथ सोच भी बदलती जा रही है। मान्यताएं नई स्थापित होती जा रही है। अब बेहतर माता-पिता के लिए आपको शादी भी जरूरी नहीं है। यह किसी किस्सा का नहीं, बल्कि हकीकत की बात है। सरोगेसी के जरिए अपने प्रतिबिंब यानी संतान को गोद में ले सकते हैं। सरोगेसी महिला-पुरुष, दोनों ही कर सकते हैं। माना कि एकल माता-पिता (Single parenting) बनने पर कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। खासतौर से समाजिक स्तर और बच्चे के लालन-पालन में। आम महिला से लेकर बॉलीवुड में कई महिलाएं सरोगेसी के जरिए सिंगल मदर बनी हैं। लेकिन सिंगल फादर (Single Father) की फेहरिस्त काफी कम है। इसमें हम सेलिब्रिटी की बात करें, तो बॉलीवुड से निर्माता-निर्देशक करण जौहर और अभिनेता-निर्माता तुषार कपूर नाम शामिल है। इनका पेरेंटिंग में कैसा सफर चल रहा है ? वे इस राह को आसान बनाने के लिए कैसे सब मैनेज करते हैं? यह बात इस ब्लॉग के जरिए जानेंगे ये सब सिंगल फादार तुषार कपूर से। यदि आप भी सरोगेसी के जरिए सिंगल फादर बनने का सोच रहे हैं, तो आपके लिए यह ब्लॉग काफी उपयोगी साबित होगा।

तुषार कपूर ने किया लक्ष्य कपूर का स्वागत

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    तुषार कपूर गिने-चुने सिंगल फादर्स में से हैं, जिन्हें टिनसेल टाउन में देखा जा सकता है। कहना गलत नहीं होगा कि सांस्कृतिक मानदंडों को तोड़ते हुए तुषार कपूर ने एकल पितृत्व को सफर चुना है। साल 2016 में सरोगेसी के जरिए तुषार कपूर ने अपने जीवन में बेटे लक्ष्य कपूर का स्वागत किया। हाल ही में 45 वर्षीय अभिनेता तुषार कपूर ने अपनी नवीनतम पुस्तक बैचलर डैड में माता-पिता की अपनी छह साल की लंबी यात्रा को लिखी है।

    सिंगल फादर बनने पर तुषार कपूर के सामने आईं कई चुनौतियां

    एक साक्षात्कार में तुषार कपूर ने एकल पितृत्व को अपनाने के कई पहलुओं और साथ आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ’बहुत से लोग चिकित्सकीय पहलुओं के बारे में उत्सुक थे, यहां तक कि इस विचार में भी जा रहे थे कि मुझे गोद लेना चाहिए था या अभी शादी करनी चाहिए थी। लोगों की अपनी धारणाएं थीं। किसी ने वास्तव में नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी। बहुत सारी सकारात्मक  ता थी, वे सभी सहायक थे, लेकिन सवाल थे कि मेरी यात्रा कैसी होगी। यही कारण है कि मैंने अपनी यात्रा का एक ईमानदार लेखा-जोखा देने के लिए यह पुस्तक लिखी है। पिता बनने का कदम उठाने से पहले मैं नर्वस था।’

    दादा, दादी, बुआ हैं साथ में

    तुषार कपूर कहते हैं सिंगल फादर का सफर तब मुश्किल होता होगा जब आप अकेले हों। मुझे लक्ष्य को पालने में कोई मुष्किल नहीं हो रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है मेरा स्पोर्ट सिस्टम। मेरे अलावा मेरा मां, पिता और बहन लक्ष्य को खूब लाड-दुलार देते हैं, जो एक बच्चे चाहिए। मैं भी लक्ष्य के लिए हमेषा उपलब्ध रहता हूं। लक्ष्य को मैं मां और पिता दोनों का प्यार देता हूं। लक्ष्य खुष है। उसके पास पिता, दादा, दादी और बुआ है।

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