कोविड के मामले फिर से बढे ...
कोरोना की रफ्तार जरा धीमी क्या पड़ी, देश में ऐसा लगने लगा की मानो जनजीवन सामान्य होने लगे। दफ्तर जाने के समय में मेट्रो में भारी भीड़, सड़कों पर भी भीड़, और अब तो मास्क नहीं लगाने पर जुर्माना कटने का भय भी समाप्त कर दिया गया तो अब कई लोग मास्क लगाने की जहमत भी नहीं उठाते हैं। स्कूल-कॉलेज और कोचिंग संस्थान पूरी तरह खुले हैं। अब एक बार फिर देश में बड़ी तेजी के साथ कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर के अलावा मुंबई व देश के अलग-अलग हिस्सो में कोविड से संक्रमित होने के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। आज हम आपको इस ब्लॉग में विस्तार से बताने जा रहे हैं कि अगर आपका बच्चा भी स्कूल जा रहा है तो कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पेरेंट्स औऱ स्कूल मैनेजमेंट को किन जरूरी बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। पेरेंट्स होने के नाते हम आपसे भी ये कहना चाहेंगे कि आप अपने बच्चे के स्कूल मैनेजमेंट से इन जरूरी बातों की पुष्टि अवश्य कर लें कि क्या बचाव के लिए सभी गाइडलाइंस का सही से पालन किया जा रहा है?
अपने बच्चे को स्कूल भेजने के दौरान पेरेंट्स कुछ खास बातों के बारे में अपने बच्चे को अवश्य जानकारी दें।
अगर बच्चा छींक रहा है, खांस रहा है तो उस दौरान टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करने को कहें।
अपने बच्चे को बार-बार मुंह, नाक, कान को छूने से मना कर दें
अगर आपका बच्चा पहली बार स्कूल जा रहा है तो उसे कोरोना वायरस और उससे होने वाले खतरे एवं बचाव के लिए की जाने वाली चीजों के बारे में अवश्य बता दें
स्कूल में समय समय पर अपने हाथों को सैनिटाइज करने के बारे में बताएं
कुछ बच्चों की आदतें होती है कि वे पेन-पेंसिल को जैसी चीजों को मुंह में डाल लेते हैं, उन्हें ऐसा नहीं करने के बारे में बताएं और इसके क्या नुकसान हो सकते हैं इसके बारे में भी बताएं।
लंच टाइम में बच्चे आपस में लंच शेयर कर लेते हैं लेकिन कोविड टाइम में एहतियात के तौर पर ऐसा नहीं करना चाहिए। आप अपने बच्चे को अपने दोस्तों के साथ लंच शेयर करने से मना कर दें।
स्कूल जाने के लिए बच्चे स्कूल बस की मदद लेते हैं और स्कूल बस में उनके साथ कई बच्चे साथ में होते हैं इसलिए ये बहुत आवश्यक है कि स्कूल बस में भी पूरी एहतियात बरती जाए। स्कूल मैनेजमेंट इस बात को सुनिश्चित करे कि स्कूल बस का ड्राइवर औऱ स्टाफ हमेशा मास्क पहने रहे।
बस के अंदर सिटिंग एरेंजमेंट का खास ख्याल रखा जाए जैसे कि एक सीट पर एक ही बच्चा बैठे ये नियम निर्धारित किया जाए और इसका पालन करा जाए
बस के अंदर भीड़ ना हो इसके लिए बस की संख्या बढ़ा दी जाए या फिर बस के फेरे भी बढ़ाए जा सकते हैं।
प्रतिदिन और प्रत्येक फेरे के बाद बस को अच्छे से सैनिटाइज किया जाए इन नियमों का भी पालन किया जाए
स्कूल में एंट्री करने के साथ ही सभी बच्चों का बॉडी टैंपरेचर चेक किया जाए, अगर बच्चे में बुखार या अन्य किसी प्रकार के लक्षण नजर आए तो उस बच्चे के पेरेंट्स को सूचित करके वापस घर भेज दिया जाए।
स्कूल में प्रवेश करने से पहले बच्चों को मास्क पहनने के लिए कहा जाए
संक्रमण से बचाव के लिए सैनिटाइजेशन का ध्यान रखना सबसे महत्वपूर्ण है।
स्कूल के दरवाजे, क्लास रूम के अंदर के स्विच बोर्ड, क्लासरूम में लगे ब्लैकबोर्ड, बेंच, लाइब्रेरी, जिम, खेल का मैदान, लैब, टॉयलेट का समय समय पर सैनिटाइजेशन होना अनिवार्य है।
स्कूल के क्लासरूम, लाइब्रेरी और स्टाफ रूम में वेंटीलेशन का पूरा ध्यान रखा जाए और ये सुनिश्चित किया जाए कि स्कूल के अंदर के सभी कमरे हवादार हों।
स्कूल में सभी जगहों पर हाथ को धोने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाए
ये सुनिश्चित किया जाए कि भले गर्मी का मौसम है लेकिन अभी एसी का इस्तेमाल नहीं किया जाए। इसलिए सुझाव दिया जाता है कि स्कूल के सभी कमरे हवादार हों।
ये भी तय किया जाए कि एक बच्चे औऱ दूसरे बच्चे के बीच कम से कम 1 मीटर का फासला रहे।
प्रार्थना के दौरान या अन्य गतिविधियों में शामिल होने के समय में एक साथ ज्यादा बच्चे स्कूल के कॉरीडोर या असेंबली में इकट्ठा ना होएं
ऐसी किसी भी तरह की गतिविधियों को कराने से परहेज रखें जिसमें ग्रुप या टीम बनाने की आवश्यकता हो
जैसा की हमने ऊपर भी बताया कि बच्चों को आपस में लंच शेयर ना करने दें। स्कूल के शिक्षक इस बात का ध्यान रखें कि आपस में कोई बच्चा पेंसिल बुक या लंच शेयर ना करें।
स्कूल में अलग से एक सिक रूम बनाया जाए जहां सभी जरूरी दवाएं रखी जाएं। अगर किसी बच्चे की तबियत खराब हो जाती है तो उसको क्लास रूम में अन्य बच्चों के साथ रखने की बजाय सिक रूम में रखें और पेरेंट्स को इस बात की जानकारी तुरंत दें।
कई सारे स्कूलों में स्विमिंग पुल और डांस म्यूजिक जैसे एक्टिविटीज होते हैं लेकिन अभी एहतियात के तौर पर इस तरह की गतिविधियों में बच्चे को शामिल नहीं करें।
भले आपका बच्चा स्कूल से वापस लौटकर थकावट महसूस करे लेकिन कुछ बेसिक नियमों का पालन अवश्य कराएं।
स्कूल से वापस लौटने के बाद अपने जूते-मोजे को घर से बाहर ही उतारकर घर के अंदर प्रवेश करे
घर लौटने के बाद उसको अपने हाथों को अच्छे से धोने के लिए कहें।
हाथ धोने के बाद अच्छा होगा कि आप उसको नहला भी दें
घर वापस लौटने के बाद बच्चे के बैग पेन पेंसिल को भी सैनिटाइज करें।
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय से जारी तमाम निर्देशों का स्कूल प्रशासन एवं पेरेंट्स को भी पालन करना चाहिए। अगर आपको ये लगता है कि बच्चा बीमार है तो उसको स्कूल नहीं भेजें और सबसे पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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