क्या आपके बच्चे भी अँधेरे ...
रात को सोने से पहले हाथों में मोबाइल लेकर रील्स देखना या OTT प्लेटफॉर्म्स पर वेब सीरीज या अपना पसंदीदा कार्यक्रम देखना..आमतौर पर अधिकांश लोगों की यही आदत होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी की देखादेखी आपके बच्चे के अंदर भी इस तरह की आदतें विकसित हो सकते हैं। रात को सोने के दौरान जब आप कमरे की लाइट बंद कर देते हैं उसके बाद अगर आप या आपका बच्चा मोबाइल देख रहा होता है तो इसके चलते आंखों को काफी हद तक नुकसान पहुंच सकता है। स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम क्या है और इसके बचाव के लिए क्या उपाय हो सकते हैं इसके बारे में हम आपको इस ब्लॉग में विस्तार से बताएंगे।
हाल ही में हैदराबाद के एक डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए स्मार्टफोन के चलते एक महिला के आंखों की रोशनी जाने के बारे में जानकारी दी थी। अगर आप लगातार कई घंटों तक मोबाइल फोन देखते रहते हैं और आपके आंखों के सामने डार्क जिग जैसी लाइन नजर आना, कभी कभार 1-2 सेकेंड के लिए आंखों से बिल्कुल नहीं दिखाई देना इस तरह के कुछ लक्षण अगर महसूस हों तो तत्काल आंखों के डॉक्टर से चेकअप कराना चाहिए। इस तरह की बीमारी को स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम कहते हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में बच्चे पढ़ाई करने के लिए भी लैपटॉप या टैब का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा हम लोग ऑफिस के कामकाज के लिए भी लैपटॉप या कंप्यूटर का प्रयोग करते हैं। हालांकि एक रिसर्च में ये भी पाया गया है कि महिलाओं को स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम होने की संभावनाएंं ज्यादा हो सकते हैं। अधिकांश मामलों में इसके लक्षण मामूली ही होते हैं लेकिन कुछ खास परिस्थितियों में गंभीर मामले भी सामने आ सकते हैं। इसलिए आंखों की रोशनी में जैसे ही कुछ बदलाव नजर आए तो आपको तत्काल डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए।
हम ये जानते हैं कि आज के युग में स्मार्ट फोन लैपटॉप या कंप्यूटर के बगैर ज्यादातर लोगों का काम नहीं चल सकता है लेकिन आप 20-20-20 के नियम का पालन तो अवश्य कर सकते हैं।
अगर आप 20 मिनट तक लगातार स्क्रीन पर काम कर रहे हैं या मोबाइल देख रहे हैं तो इसके बाद लगभग 20 सेकेंड के लिए इसको 20 फीट की दूरी पर देखें।
जब आप किसी प्रकार के स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ये सुनिश्चित करें कि वहां पर अच्छे से लाइट का इंतजाम हो। अंधेरे में स्मार्टफोन का प्रयोग नहीं करें।
सालाना नियमित हेल्थ चेकअप में अपने आंखों के स्वास्थ्य का भी खास ख्याल रखें
अगर आप चश्मा पहनते हैं तो एंटी ग्लेयर चश्मे का प्रयोग करें।
अगर आप लंबे समय के लिए स्क्रीन का प्रयोग करते हैं तो नीली रोशनी को कम करने वाला चश्मा प्रयोग करें।
विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थों को आप अपने भोजन की थाली में जरूर शामिल करें। गाजर, आंवला, बादाम, मछली, हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, अखरोट, काजू, मूंगफली, चिया, अलसी के बीज, फलिया जैसे खाद्य पदार्थों का अगर आप सेवन करती हैं तो ये आपके आंखों के लिए बेहतर साबित हो सकते हैं।
आपकी आंखें अगर बार बार झपक रही हो
आंखों का लाल हो जाना
बार बार आंख मलने का मन करता है
आंखों के आसपास के हिस्से में जलन महसूस होना
आंखों में किसी प्रकार का चुभन होना
अचानक से धुंधला दिखाई देना
आंखों में थकान महसूस होना
आंखों में गंदगी जमा हो जाना
आंखों में भारीपन महसूस होना
अगर आप लगातार मोबाइल पर काम कर रहे हैं या आपके बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं तो कुछ देर के अंतराल पर ब्रेक लेते रहें।
घर पर अगर आप खाली बैठे हैं तो इस दौरान मोबाइल देखने की बजाय आप किसी प्रकार की किताब को पढ़ सकते हैं। खुद को व्यस्त रखने के लिए आप संगीत सुन सकते हैं या घर के अन्य कार्य में खुद को बिजी कर सकते हैं।
अगरबत्ती या किचन से निकलने वाली धुआं से बचें, किचन में चिमनी का प्रयोग करें।
अगर कोई आपके सामने सिगरेट पी रहा है तो वहां से कुछ दूरी बना लें
तेज धूप में अगर आप घर से बाहर निकल रहे हैं तो धूप से बचाव करने वाला चश्मा धारण करें
अपने आंखों की नमी को मेंटेन रखने का प्रय़ास करते रहें।
डॉक्टर ने अगर आपको किसी प्रकार का आई ड्रॉप लेने का निर्देश दिया है तो निर्धारित समय पर उसको लेते रहें। बिना डॉक्टर की सलाह के आप किसी प्रकार की दवाई या आई ड्रॉप का इस्तेमाल नहीं करें।
प्रतिदिन जब आप सुबह उठते हैं तो तकरीबन 5 मिनट के लिए अपने आंखों की पलकों पर एक नर्म या नम कपड़ा रखें। फिर पलकों की हल्के से मालिश करें। जो कपड़ा आप प्रयोग में ला रहे हैं वो साफ सुथरा होना चाहिए।
अगर आपके आंखों में किसी प्रकार की समस्या आ रही है तो निश्चित रूप से आंखों के डॉक्टर से चेकअप करवाएं
मोबाइल या कंप्यूटर पर फॉन्ट के साइज को बड़ा रखें और ये सुनिश्चित करें कि फॉन्ट स्पष्ट दिख रहा हो।
पर्याप्त मात्रा में नींद लें और पानी खूब पीएं। कम पानी पीने से भी आंखों में सूखेपन की समस्या बढ़ सकते हैं।
इस बात का ध्यान रखें कि आप स्क्रीन टाइम को जितना कम मेंटेन करेंगे उतना बेहतर। स्कूल या दफ्तर से वापस लौटकर आने के बाद परिवार के साथ अच्छा समय बिताएं ना कि खुद को मोबाइल में व्यस्त कर लें। उम्मीद करता हूं कि ये सुझाव आपके लिए अवश्य फायदेमंद होंगे, इसके अलावा अगर आपके पास भी कुछ सुझाव हों तो निश्चित रूप से कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अन्य पेरेंट्स के साथ साझा करें।
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