क्या लंपी वायरस से संक्रम ...
देश में लंपी वायरस से संक्रमित गायों की संख्या लगातार बढ़ने की खबरों के सामने आने के बाद आपके मन में भी ये सवाल उठ रहे होंगे कि क्या इस लंपी वायरस से पीड़ित गाय का दूध पीना सुरक्षित है? इस ब्लॉग में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं कि इसको लेकर एक्सपर्ट और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के अधिकारियों का क्या कहना है।
लंपी स्कीन डिसीज (एलएसडी) से संक्रमित पशु के दूध का सेवन करना सुरक्षित है, क्योंकि ये संक्रमण जानवरों से इंसानों में नहीं फैलता। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के संयुक्त निदेशक अशोक कुमार मोहंती ने ये जानकारी दी है। उन्होंने कहा, 'संक्रमित पशुओं से प्राप्त होने वाले दूध का सेवन किया जा सकता है। दूध को आप अच्छे से उबालकर या फिर बिना उबाले पिएं, उसकी गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता। हम आपको बता दें कि एलएसडी नाम की बीमारी गुजरात, राजस्थान, यूपी, पंजाब और हरियाणा समेत दर्जनभर से ज्यादा राज्यों में फैल चुकी है।
एलएसडी एक संक्रामक रोग है, जिसमें जानवरों में बुखार और त्वचा पर दाने या गांठ निकलने जैसे लक्षण पनपते हैं। इससे उनकी मौत भी हो सकती है। यह बीमारी संक्रमित मच्छरों, मक्खियों, जूं और अन्य कीटों के सीधे संपर्क में आने से फैलती है। दूषित भोजन-पानी और हवा के माध्यम से भी यह रोग फैलता है। यदि पशु को समय पर टीका दिया गया हो तो बीमारी और दूध उत्पादन पर लंपी रोग के असर को कम किया जा सकता है। एलएसडी रोधी टीकाकरण पर मोहंती ने कहा कि इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए अभी तक राज्यों में ‘गोट पॉक्स’ टीका दिया जा रहा है।
बिहार के मुजफ्फरपुर के पीडियाट्रिशियन डॉ. अरुण शाह बताते हैं कि आमतौर पर सभी घरों में गाय के दूध को लोग उबालकर पीते हैं। दूध के उबालने से उसमें मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया या वायरस खत्म हो जाते हैं। ऐसे में अगर लोग गाय के दूध को उबाल कर पीते हैं तो उससे खतरा होने की आशंका नहीं है। अगर किसी स्थिति में दूध उबाले बिना भी पीते हैं तो ये बच्चे या व्यक्ति की इम्यूनिटी पर निर्भर करता है, अगर इम्यूनिटी बेहतर है तो वायरस से संक्रमित होने का खतरा नहीं है।
अगर आप सही मायने में अपनी सेहत और अपने परिवार की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहते तो आपके लिए टेट्रा पैक दूध ही सबसे सही रहेगा। इसके बहुत से कारण हैं, जिनमें से एक है जिस तरह इसे तैयार किया जाता है। इसके अलावा इसमें किसी तरह की अन्य कोई मिलावट नहीं होती। साथ ही यह हाइजिनिक और लंबे समय तक इस्तेमाल करने में भी सुरक्षित है।
स्लिप टेस्ट-आप दूध की गुणवत्ता के बारे में स्लिप टेस्ट करके भी पता लगा सकते हैं। इसके लिए आपको दूध की 2-3 बूंद लेकर उसको एक प्लेन सरफेस पर गिराना है। अगर दूध प्लेन सरफेस पर गिरने के बाद धीरे-धीरे बढते हुए पीछे निशान छोड़ता है। ऐसे में आपका दूध शुद्ध है। वहीं अगर दूध सरफेस पर गिरने के बाद किसी प्रकार का निशान नहीं छोड़ता है। इस स्थिति में आपके दूध में मिलावट की गई है। इसके अलावा आप दूध से खोया बनाकर भी उसकी मिलावट के बारे में पता कर सकते हैं। इसके लिए दूध को एक बर्तन में धीमीं आंच पर चम्मच पर चलाते रहें। इसके बाद आपको उसे आंच से उतारकर 2 से 3 घंटे ठंडा होने के लिए इंतजार करना है। अगर खोया ठोस और तैलीय होता है। ऐस में आपका दूध शुद्ध है। वहीं अगर वह पत्थर जैसा ठोस है। ऐसे में आपका दूध सिंथेटिक है।
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