रूम हीटर का प्रयोग करते स ...
देशभर में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। शीतलहर का प्रकोप ऐसा की मानो हड्डियां भी कांपने लग जाए…भयानक ठंड से बचाव के लिए कंबल और रजाई भी कम साबित हो रहे हैं। ठंड के कहर से सुरक्षित रहने के लिए क्या आप रूम हीटर का प्रयोग करते हैं। यकीनन रूम हीटर आपके कमरे को गर्म रखता है और इससे आपको राहत भी मिलती होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रूम हीटर का प्रयोग करने के दौरान आपको कुछ सावधानियां भी बरतने की आवश्यकता है। इसके अलावा आपको ये भी जान लेना चाहिए की रूम हीटर का ज्यादा इस्तेमाल करने के क्या नुकसान हो सकते हैं?
आपके लिए महत्वपूर्ण जानकारी ये है कि रूम हीटर या ब्लोअर चलाकर सोने से उस कमरे में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो सकती है। इसके पीछे की प्रमुख वजह ये भी है कि रुम हीटर को चलाने के बाद कई बार लोग खिड़की दरवाजे बंद कर देते हैं ताकि कमरा ज्यादा गर्म हो सके। अब इसका प्रभाव ये होता है कि बाहर की हवा अंदर तक आ नहीं पाती हैं और इसके चलते ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। नींद आ जाने की वजह से लोग कई बार रूम हीटर बिना बंद किए सो जाते हैं और ये जानलेवा भी साबित हो सकता है।
रूम हीटर के अंदर धातु की रॉड या सिरेमिक कोर लगा होता है। गर्म होने के बाद इसमें लगा हुआ धातु की रॉड गर्मी पैदा करता है। इसके बाद कमरे का तापमान बढ़ने लगता है। कमरे में बैठे लोगों को गर्मी का एहसास होने लगता है। कमरे में नमी की मात्रा कम होने से ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
जो लोग हीटर या ब्लोअर के पास ज्यादा देर तक बैठते हैं उनको कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं।
त्वचा से संबंधित समस्या- गर्म हवा त्वचा को ड्राई कर देती है इसके अलावा खुजली और लाल निशान जैसी परेशानी भी हो सकते हैं।
सांस से संबंधित समस्या- कमरे में ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्थमा या एलर्जी की परेशानी बढ़ सकती है।
सिर दर्द- हीटर में ज्यादा देर रहने से लोगों में अनिद्रा या नींद की कमी, सिर में दर्द जैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
आंखों की समस्या- जो लोग चश्मा पहनते हैं या कॉन्टैक्ट लेंस का प्रयोग करते हैं उनके साथ आंखों की समस्या हो सकती है।
ज्यादा देर तक रूम हीटर के सामने रहने से इससे निकलने वाले रसायन शरीर के अंदरुनी हिस्सों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
ऑक्सीजन लेवल कम होने से शरीर में सुस्ती की समस्या भी हो सकते हैं
शरीर में बलगम की समस्या भी पैदा हो सकते हैं
कमरे में ऑक्सीजन की कमी औऱ कार्बन डाइ ऑक्साइड का स्तर बढ़ने से घुटन की समस्या भी हो सकते हैं
रात भर हीटर में रहने से बेहोश होने का भी खतरा हो सकता है
अस्थमा, साइनस, ब्रोंकाइटिस, त्वचा की एलर्जी, के मरीजों, छोटे बच्चे व बुजुर्गों को हीटर से उचित दूरी पर ही बैठने का सुझाव दिया जाता है
हीटर का प्रयोग करने के दौरान अपने कमरे में एक बर्तन में पानी भरकर अवश्य रखें
हीटर चलाने के दौरान लोग अक्सर गलती कर देते हैं कि वे सारे दरवाजे खिड़की बंद कर देते हैं लेकिन हमारा सुझाव है कि आप हीटर चला रहे हैं तो खिड़की या दरवाजे खुला रहने दें
हीटर का एक टेंपरेचर सेट कर लें और कुछ समय चलाने के बाद हीटर को बंद भी जरूर कर दें
हीटर का इस्तेमाल करने से पहले उसकी सर्विसिंग अवश्य करा लें
अगर किसी कमरे में बुजुर्ग या बच्चे सो रहे हैं तो उस कमरे में हीटर का प्रयोग कम ही करें
बंद कमरे में रातभर हीटर चलाने से बचें क्योंकि ऑक्सीजन लेवल कम होने से बेहोश होने का खतरा हो सकता है
लोहे के हीटर को ज्यादा देर तक प्रयोग में लाने से आग लगने का खतरा भी होता है
भूलकर भी हीटर के सामने कागज, कंबल या लकड़ी के टुकड़े को ना रखें नहीं तो आग लगने का खतरा हो सकता है
अस्थमा के मरीजों के लिए गैस हीटर की जगह ऑयल हीटर बेहतर विकल्प साबित हो सकता है
अस्थमा के मरीजों को गैस हीटर के संपर्क में रहने पर घरघराहट औऱ सांस लेने की समस्या हो सकते हैं जबकि ऑयल हीटर में हवा सूखी नहीं होते हैं
एलर्जी की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए भी ऑयल हीटर बेहतर विकल्प हो सकते हैं
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