आपके परिवार के लिए किस तर ...
शैंपू और साबुन हमारे रोजमर्रा की जरूरतों में से एक हैं और हमारे शरीर को स्वच्छ और तंदरुस्त बनाए रखने में इन चीजों का अहम योगदान होता है। अगर मैं आपसे ये सवाल पूछूं की आप अपने बच्चे और परिवार के लिए शैंपू और साबुन को खरीदने के दौरान किन बातों का ध्यान रखते हैं? ज्यादातर लोग बस ब्रांड को देखकर ही किसी प्रोडक्ट को खरीद लेते हैं और उन्हें बेसिक बातों की जानकारी होती भी नहीं है। हाल ही में ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ ऐसे नामी गिरामी ब्रांड के ड्राई शैंपू में बेंजीन (Benzene) नाम के खतरनाक केमिकल पाए जाने की बातें सामने आई है। हम आपको बता दें कि नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के मुताबिक बेंजीन एक ऐसा खतरनाक केमिकल है जिससे एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया सहित एक्यूट नॉन लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया जैसी बीमारी होने का खतरा हो सकता है। इस केमिकल के प्रभाव से खून का कैंसर यानि ब्लड कैंसर होने का खतरा भी हो सकता है। इस ब्लॉग में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं कि अगर आप अपने परिवार व बच्चे के लिए शैंपू या साबुन खरीद रहे हैं तो किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बालों को छोड़कर साबुन का इस्तेमाल हम पूरे शरीर पर करते हैं और ये सीधे हमारी त्वचा के संपर्क में आता है। कौन सा साबुन हमारी त्वचा के लिए कितना सुरक्षित है और इस साबुन में कौन-कौन से इंंग्रीडिएंट्स व केमिकल मिलाए जा रहे हैं इसके बारे में भली-भांति परख लेना चाहिए। हालांकि इसके साथ ही ये भी जानना महत्वपूर्ण है कि कुछ साबुन में अल्फा और बीटा हाइड्रोक्सीड होते हैं जो स्किन के भीतरी भाग में छुपे नुकसानदेह कीटाणुओं को बाहर निकालने में भी मददगार होते हैं। फिलहाल हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं कि जब कभी आप साबुन को खरीदें तो किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. साबुन में कौन सा तेल मौजूद है- हम आपको बता दें कि साबुन को बनाए जाने के दौरान इसमें कुछ तेल का भी इस्तेमाल किया जाता है। आप बस इस बात का ध्यान रखें कि साबुन में नैचुरल यानि प्राकृतिक तेल का प्रयोग किया गया हो। साबुन में तेल होने के चलते ये त्वचा में नमी प्रदान करते हैं और स्किन को राहत पहुंचाते हैं।
2. जीरो केमिकल- जैसा कि आप जानते हैं कि हम नुकसानदेह केमिकल का जितना कम प्रयोग करें हमारे शरीरे के लिए वो उतना ज्यादा फायदेमंद होगा। आप एक बार साबुन के लेबल पर इस बात को जरूर चेक कर लें कि इसमें उच्च मात्रा में केमिकल्स का प्रयोग तो नहीं किया गया है? अगर आप किसी साबुन को पहली बार इस्तेमाल करने जा रहे हैं तो उसका टेस्ट भी कर लें, कई बार गलत साबुन को उपयोग में लाने पर त्वचा पर कुछ देर के बाद ही उसके नुकसान देखने को मिल सकते हैं।
3. पीएच स्तर- पीएच के स्तर 7 से कम का होना हर चीज अम्लीय और इससे ज्यादा क्षारीय होती है। हमारे स्किन का पीएच स्तर 4 से 6.5 के बीच होता है। वहीं साबुन क्षारीय होता है, तो साबुन के इस्तेमाल से स्किन का पीएच स्तर प्रभावित हो सकता है। इससे आपकी स्किन को नुकसान हो सकता है।
4. साबुन का चयन करते समय ये ध्यान रखें कि साबुन बायोडिग्रेडेबल हो और उसकी पैकेजिंग प्राकृतिक हो और ये शत प्रतिशत पर्यावरण के अनुकूल हो
5. किसी भी प्रकार के मेडिकेटिड साबुन को प्रयोग में लाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। अपने चेहरे पर साबुन की बजाय आप फेस वॉश का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बालों की खूबसूरती को निखारने में और बालों को तंदरुस्त बनाए रखने में शैंपू का अहम योगदान होता है। अगर 2-4 दिन तक बालों में शैंपू नहीं लगाया जाए तो बाल बेतरतीब दिखना शुरू हो जाते हैं। लेकिन सबसे जरूरी बात की आपके बालों के लिए कौन सा शैंपू उपयुक्त है? अक्सर देखने में ये आता है कि पूरे परिवार के लिए एक ही शैंपू खरीदा जाता है जबकि बालों की प्रकृति अलग-अलग होती है। कुछ लोग तो विज्ञापनों में मॉडल्स को देखकर ही ये मान लेते हैं कि उनके बालों के लिए वही शैंपू सबसे परफेक्ट है। शैंपू में भी केमिकल्स मिले होते हैं और अगर बात केमिकल्स की जाए तो कुछ रसायन आपके बालों की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं तो कुछ नुकसानदेह भी हो सकते हैं।
सबसे पहले जानिए कि शैंपू क्या है? (What Is Shampoo?)- शैंपू बालों में लगाया जाने वाले एक उत्पाद है जिसका इस्तेमाल बालों को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने के लिए किया जाता है। बालों को गीला करने के बाद शैंपू की कुछ बुंदे मिलाकर इसका मसाज करने के कुछ देर बाद पानी से अच्छे से धो दिया जाता है। शैंपू खरीदते समय में इन बातों का ध्यान अवश्य रखें।
सल्फेट का प्रयोग ना किया गया हो- सल्फेट युक्त शैंपू का इस्तेमाल करने से बाल रुखे और बेजान हो सकते हैं इसके अलावा त्वचा में जलन जैसी समस्याएं भी पैदा हो सकते हैं। सल्फेट का इस्तेमाल करने से बाल गिरने की समस्याएं भी हो सकती है। कुछ प्रोडक्ट शैंपू में सल्फेट इसलिए मिलाते हैं ताकि ज्यादा मात्रा में झाग उत्पन्न हो लेकिन ये आपके बालों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए हमारा सुझाव है कि आप जब शैंपू खरीदें तो ये जरूर चेक कर लें कि सल्फेट फ्री लिखा हुआ है या नहीं।
पैराबेन फ्री का विकल्प बेहतर- अधिकांश ब्यूटी प्रोडक्ट्स में पैराबेंस का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल से त्वचा में जलन, खुजली और रूखेपन की समस्या हो सकते हैं। इसलिए पैराबेन फ्री शैंपू बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
सिलिकॉन फ्री शैंपू का चयन करें- शैंपू में सिलिकॉन युक्त होने से आपके बाल भले कोमल, मुलायम हो जाते हों लेकिन आगे चलकर इसके बड़े नुकसान हो सकते हैं। बालों का कमजोर हो जाना, दोमुंहे बाल या रूखेपन के चलते बालों का गिर जाना जैसी समस्याएं इसके चलते हो सकते हैं। बाल विशेषज्ञों के मुताबिक महीने में बस एक बास सिलिकॉन युक्त शैंपू का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया जाता है। इसलिए इस ब्लॉग को पढ़ने के बाद अगर आप शैंपू खरीदने जा रही हैं तो ये जरूर चेक कर लें कि सिलिकॉन फ्री शैंपू हो।
1. जैसा कि आप जानती हैं कि छोटे बच्चों के सिर में अक्सर गंदगी जमा हो जाते हैं और इसके चलते क्रैडल कैप जैसी समस्याएं हो जाते हैं। कुछ लोग अज्ञानतावश इसको ही डैंड्रफ समझ लेते हैं और डैंड्रफ हटाने वाले शैंपू का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। लेकिन ये सही नहीं है और इसलिए सबसे पहले अपने बच्चे के स्कैप्ल की स्किन की पहचान करने के बाद ही शैंपू का चयन करें। इसके लिए आप अपने पीड्रीटीशियन की मदद भी ले सकते हैं ताकि बच्चे को ड्राई स्कैल्प जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े।
2. बच्चे के लिए शैंपू खरीदते समय यह जरूर चेक कर लें कि बच्चे की त्वचा में पीएच का स्तर संतुलित है या नहीं। सामान्यतया छोटे बच्चों की त्वचा का पीएच स्तर 5.5 होता है। इसलिए आपको ऐसा शैंपू लेना चाहिए जो पीएच स्तर को बनाए रखे। क्योंकि आपके बच्चे की त्वचा बहुत कोमल और मुलायम होते हैं इसलिए शैंपू में पीएच के स्तर की जांच करना अत्यंत आवश्यक है।
3. आपके बच्चे के लिए ऐसा शैंपू चाहिए जिसमें त्वचा और बालों की देखभाल के लिए जरूरी विटामिन शामिल हों। शैंपू में विटामिन ई, विटामिन डी और विटामिन ए जैसे तत्व जरूर मौजूद हों।
4. शैंपू में मौजूद सामग्री की जांच करें- सबसे महत्वपूर्ण बात की बच्चे के शैंपू में कौन कौन सी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है ये जानना जरूरी है। क्या किसी प्रकार के हानिकारक केमिकल का प्रयोग किया गया है? प्राकृतिक शैंपू के विकल्प बेहतर हो सकते हैं और इसमें आपके डॉक्टर की सलाह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
5. शैंपू FDA द्वारा अप्रूव होना चाहिए- आपके बच्चे के लिए जो भी शैंपू खरीद रहे हों वह ट्राइड और टेस्टेड होना चाहिए। मेडिकली जांच के बाद सुरक्षित पाए गए शैंपू ही अच्छे होते हैं।
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