1. घर हो या स्कूल, बच्चे पर ...

घर हो या स्कूल, बच्चे पर हाथ छोड़ना या सजा देने के खिलाफ क्या कहता है कानून

All age groups

Prasoon Pankaj

2.6M बार देखा गया

3 years ago

घर हो या स्कूल, बच्चे पर हाथ छोड़ना या सजा देने के खिलाफ क्या कहता है कानून
बाल यौन शोषण
स्कूल में सुरक्षा

अगर आपको याद हो तो आज से कुछ साल पहले ही एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में 12 साल का एक बच्चा जो उस समय में 7वीं क्लास का छात्र था इटावा थाने में पहुंचा। थाना पहुंचकर इस बच्चे ने अपने खुद के पिता पर ही पिटाई करने का आरोप लगाया। बच्चे की मांग थी की उसके पिता के खिलाफ कार्रवाई की जाए। दरअसल ये पूरी घटना साल 2017 की है, इस बच्चे ने अपने पिता से मेला घूमाने की जिद की, पापा ने कहा कि 2 दिन बाद लेकर चलेंगे लेकिन ये बच्चा अपनी जिद पर अड़ा रहा। इसके बाद गुस्से में आकर पिता ने दो थप्पड़ लगा दिए। इस बात से नाराज होकर बच्चा पुलिस थाने जा पहुंचा। इस एक घटना के बारे में जानने के बाद आपके मन में ये प्रश्न जरूर उठ रहे होंगे कि क्या बच्चे भी अपने पेरेंट्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं? क्या बच्चे को सजा देने या बच्चे पर हाथ उठाने के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है? हम आपको इस ब्लॉग में विस्तार से बताने जा रहे हैं कि इस विषय को लेकर अपने देश और दुनियाभर में किस तरह के कानून हैं और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

बच्चे को सजा देने को लेकर दुनिया के देशों में क्या हैं कानून?

More Similar Blogs

    हम आपको एक रोचक जानकारी देना चाहते हैं कि लगभग 53 ऐसे देश हैं जहां के कानून के मुताबिक घर में या स्कूल में बच्चे को किसी प्रकार की शारीरिक सजा देने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। सबसे पहले स्वीडन में बच्चे को शारीरिक सजा देने पर बैन लगाया गया था। 

    • अगर हम स्कूलों की बात करें तो कुल ऐसे 117 देश हैं जहां पर शिक्षक बच्चे पर किसी हालत में हाथ नहीं उठा सकते हैं। 

    • हालांकि जिम्बाब्वे और मोरक्को जैसे कुल 20 देश ऐसे भी हां जबां बच्चे को सजा देने पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है। 

    • इंग्लैंड में बच्चे पर हाथ उठाना प्रतिबंधित है लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में और ठोस वजहों के चलते पेरेंट्स बच्चे पर हाथ उठा सकते हैं।

    • अगर हम ऑस्ट्रेलिया की बात करें तो बच्चे अगर शैतानी कर रहे हैं तो सजा दिया जा सकता है लेकिन उसके पीछे की वजहें ठोस होनी चाहिए। ऑस्ट्रेलिया के ही तस्मानिया में इस कानून की समीक्षा चल रही है और पेरेंट्स के द्वारा दी जाने वाली सजा पर बैन लगाने की मांग भी की जा रही है। अगर बच्चे के सिर या गर्दन पर मारा गया है तो वो बच्चा पुलिस में जाकर शिकायत दर्ज करा सकता है। 

    • कनाडा जैसे विकसित देशों में पेरेंट्स को बच्चे पर हाथ उठाने की इजाजत है लेकिन ये काम बच्चे को अनुशासित करने के लिए होना चाहिए। बच्चे पर पेरेंट्स, कानूनी अभिभावक ही हाथ उठा सकते हैं। दादा-दादी, चाचा-चाची या स्कूल के शिक्षकों को बच्चे के ऊपर हाथ उठाने की अनुमति नहीं दी गई है। पेरेंट्स भी बिना किसी कारण के बच्चे पर हाथ नहीं उठा सकते हैं। अगर इस दौरान बच्चे को किसी प्रकार की गंभीर चोट लगती है तो पेरेंट्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

    • जैसा कि हमने आपको पूर्व में भी बताया कि स्वीडन दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने बाल अधिकारों को बढ़ावा देने पर बल दिया। आपको जानकर हैरानी होगी की साल 1950 से ही स्वीडन में टीचर्स के द्वारा छात्रों को पीटने या हाथ उठाने पर प्रतिबंध लागू है। साल 1979 में बच्चे के पेरेंट्स और रिश्तेदार भी हाथ नहीं उठा सकते हैं। स्वीडन के कानून के मुताबिक बच्चे के खिलाफ किसी प्रकार की हिंसा पूरी तरह से प्रतिबंधित है। अगर बच्चा इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कर देता है तो जुर्म साबित होने के बाद पेरेंट्स को जेल तक जाना पड़ सकता है। 

    • फांस के कानून के मुताबिक बच्चे को मारने पीटने पर बैन लागू है। साल 2019 में लागू किए गए कानून के मुताबिक पेरेंट्स बच्चों पर हाथ नहीं उठा सकते हैं। इन नियमों को नहीं मानने वाले पर उचित कानूनी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान भी लागू है।

    बच्चे को सजा देने या हाथ उठाने पर अपने देश में क्या है कानून?/ What is the punishment for beating your child?

    हाल के दिनों में ही एक और वीडियो वायरल हुआ औऱ जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश भी देखने को मिला था। दरअसल इस वीडियो में एक मां अपनी बच्ची को कड़ी धूप में छत पर छोड़ देती है। पड़ोसियों ने जब इस बच्ची को देखा तो पुलिस में शिकायत कर दी। कुछ बच्चे किसी बात को लेकर जिद पर उतारू हो जाते हैं और तब इस दौरान पेरेंट्स बच्चे पर गुस्सा कर देते हैं। कुछ पेरेंट्स मजबूरी में ही सही लेकिन बच्चे पर हाथ भी उठा देते हैं। अब ये जानना आवश्यक हो जाता है कि घर हो या स्कूल, बच्चे पर हाथ उठाना या बच्चे को सजा देने के खिलाफ अपने देश का कानून क्या कहता है?

    दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक एडवोकेट किरण सिंह इस पूरे मामले पर कहती हैं कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज की जा सकती है। अगर बच्चे को गंभीर चोट पहुंचती है तो IPC एक्ट के तहत केस भी दर्ज किए जा सकते हैं। अगर कोई भी व्यक्ति बच्चे या नाबालिग के ऊपर हाथ उठाता है या बेवजह मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता है तो ऐसी परिस्थिति में 3 साल तक की कैद और 1 लाख रुपये के जुर्माने की सजा भी हो सकती है। हालांकि अनुच्छेद 88 और 89 के मुताबिक अगर बच्चे की भलाई के लिए हाथ उठाया जाता है तो कुछ हद तक रियायत का भी प्रावधान है। 

    Be the first to support

    Be the first to share

    support-icon
    Support
    bookmark-icon
    Bookmark
    share-icon
    Share

    Comment (0)

    Related Blogs & Vlogs

    What Precautions to Take If Traveling with An Allergic Child?

    What Precautions to Take If Traveling with An Allergic Child?


    All age groups
    |
    12.2K बार देखा गया
    How to Handle Insects and Bug Bites and Ways to Relief It

    How to Handle Insects and Bug Bites and Ways to Relief It


    All age groups
    |
    2.6M बार देखा गया
    When is a Child ready for a Pet?

    When is a Child ready for a Pet?


    All age groups
    |
    2.2M बार देखा गया
    Celebrating Independence at 65

    Celebrating Independence at 65


    All age groups
    |
    11.4M बार देखा गया