15 मिनट तक वॉशिंग मशीन मे ...
आपने ये कहावत तो जरूर सुनी होगी कि सावधानी हटी, दुर्घटना घटी । हाल ही में दिल्ली में एक वाकया सामने आया है जहां डेढ़ साल का बच्चा खेलते खेलते वॉशिंग मशीन के साबुन वाले पानी में जा गिरा। 15 मिनट तक ये बच्चा कपड़ों के साथ धोया जाता रहा। आनन फानन में बच्चे को अस्पताल ले जाया गया। ये बच्चा 7 दिन तक कोमा में रहा हालांकि राहत की बात ये है कि अब ये बच्चा सुरक्षित है। इस तरह की घटना दोबारा घटित ना हो इसलिए हम आपको इस ब्लॉग में बताएंगे कि रोजमर्रा की जिंदगी में आपको अपने बच्चे की सुरक्षा के लिए आपको किस तरह की सावधानियां रखने की आवश्यकता है? किसी प्रकार की अनहोनी घटना से बचाव के लिए आपको कैसे सतर्कता बरतनी चाहिए इसके बारे में भी ब्लॉग में विस्तार से जानेंगे।
ज्यादातर घरों में लोग पालतू जानवरों को रखते हैं और वे अपने बच्चे के आसपास आने से इनको नहीं रोकते हैं। लेकिन कई बार होता ये है कि पालतू जानवरों के शरीर पर मौजूद बालों के चलते बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो सकते हैं।
बच्चे के जन्म से पहले उसके स्वागत की तैयारी तो खूब करते हैं लेकिन अपने घर में बच्चे की सुरक्षा को लेकर खाश इंतजाम नहीं करते हैं।
बिजली से संबंधित सुरक्षा मानकों से अपने बच्चे को जरूर अवगत कराएं
अगर आप वर्किंग हैं और बेबीसिटर में बच्चे को छोड़ना आपकी मजबूरी है तो वैसी परिस्थिति में बेबीसिटर का चयन सोच समझकर करें। ये ध्यान में रखें कि वहां पर बच्चे की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है या नहीं
अगर आपने अपने घर में बच्चे की देखभाल के लिए आया या नैनी रखा है तो भी आपको अपने घर में सीसीटीवी लगा कर रखना चाहिए ताकि आप आपने मोबाइल से भी उसकी गतिविधियों पर नजर रख सकें
भूलकर भी कार में बच्चे को लॉक करके कहीं नहीं जाएं। हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें बच्चे गाड़ी में लॉक हो गए हैं। गाड़ियों में सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम के चलते जब बच्चे खुद को असहज महसूस करने लगते हैं तब वे चाह कर भी खुद गाड़ी से बाहर नहीं आ सकते हैं।
घर मे इस्तेमाल हो रहे सर्फ साबुन, या पानी के आसपास बच्चे को अकेला नही छोड़ें
आपकी रसोई में इस्तेमाल हो रहे चाकू लाइटर या गैस सिलेंडर को बच्चे की पहुंच से दूर रखें
नैनी या आया को रखने के समय में विश्वसनीयता का पूरा ध्यान रखें, अगर आप पहले से किसी को जानती हैं या आपके परिचित उसके व्यवहार के बारे में जानते हैं तो उसको ही प्राथमिकता दें। नैनी पूर्व में किन घरों में काम कर चुकी है वहां भी जरूर जांच पड़ताल कर लें। अपने नैनी का पुलिस वेरिफिकेशन तो जरूर करवा लें
12 महीने से अधिक उम्र के बच्चे को डे केयर सेंटर में डाल सकते हैं।
अगर आप बच्चे के साथ कार में ट्रेवल कर रहे हैं तब कार के चाइल्ड सेफ्टी लॉक को एक्टिवेट कर दें। होता क्या है कि बच्चे खुद से कार का दरवाजा खोलने लगते हैं।
बच्चे को अपनी गोद में बैठाकर सीट बेल्ट नहीं लगाएं…इससे बच्चे को घुटन महसूस हो सकती है। बेहतर यही होगा कि बच्चे को अलग सीट पर बैठाकर सीट बेल्ट लगाएं
अगर आपके बच्चे छोटे हैं तो घर में स्लाइड होने वाले दरवाजे और खिड़कियां नहीं लगाएं। ऑटोमैटिक लॉक होने वाले दरवाजे भी बच्चे की सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं हैं। खिड़कियों में मोटे लोहे की जाली जरूर लगवाएं। खिड़की के पास कोई ऐसा सामान नहीं रखें जिस पर बच्चे आसानी से चढ़ सकें।
आपके बच्चे की पहुंच में जो भी बिजली के स्विच बोर्ड आते हैं उनको अच्छे से टेप या कागज से ढक दें। ये भी सुनिश्चित करें कि घर में किसी प्रकार का खुला तार नहीं हो। घर में फ्रीज को लॉक करके रखें।
ऐसे ही कुछ और महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें। इस ब्लॉग में बताए जा रहे उपायों के अलावा अगर आप कुछ और उपाय साझा करना चाहती हैं तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करें। इसके साथ ही आप इस ब्लॉग को अपने साथी पेरेंट्स के संग जरूर शेयर करें ताकि वे भी बच्चे की सुरक्षा को लेकर तमाम बातों का ध्यान रख सकें।
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