नवजात शिशु को गोद में लेन ...
जब कभी हम किसी नवजात शिशु को देखते हैं तो अनायास ही उसे लाड़ लड़ाने, प्रेम करने और गोद में लेना चाहते हैं पर जब कभी हम नवजात शिशु को गोद में उठाने को होतें हैं तो मन तनिक सशंकित और आशंकाओं से भर उठता है की कहीं अगर हाथ फिसल गया तो , क्या बच्चे को गोदी में उठाना ठीक रहेगा ? क्यूँ ना इसे बिना उठाए ही प्यार कर लूँ या फिर आखिर इसे गोद मे कैसे उठाऊँ की ये सुरक्षित रहें और साथ ही खुश भी अथवा नवजात शिशु को गोद में लेने का सबसे सुरक्षित तरीका क्या है? ये सारी आशंकाएं सिर्फ इसलिए की हमें इस बात की कोई ट्रैनिंग या मेथड नहीं बताया गया की नवजात शिशु को गोद में लेने का सबसे सुरक्षित तरीका क्या है?
वैसे सैद्धांतिक रूप से आसान दिख रहे इस टास्क का असली अवतरण बहुत ही चुनौतीपूर्ण खास कर तब जा आप कुछ दिन पहले ही माता -पिता बनें हैं। हम में से ज्यादातर ने ये महसूस किया होगा कि जब हम पहली बार किसी नवजात को उठा रहे थे तो दिल की धड़कने तेज हो आईं थी, मुमकिन है कि किसी के हाथ भी कांप गए होंगे।
नवजात शिशु को गोद में लेना सिर्फ प्यार या स्नेह प्रदर्शन मात्र नहीं, ये एक जिम्मेदारी और गंभीरता से लिया जानेवाला कार्य क्योंकि इससे शिशु का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है अतः कुछ सावधानी अति आवश्यक है ।
1. स्वच्छता : (Cleanliness & Hygiene)- अपने हाथों को अच्छी तरह धोएं क्योंकि आपके हाथों में उपस्थित किटाणु-जीवाणु बच्चे की अल्प विकसित प्रतिरोधक क्षमता को पार कर उन्हें बीमार कर सकतें हैं। अतः किसी भी नवजात शिशु को गोद में लेने से पहले अपने हाथों को जरूरी तौर पर साफ करें ।
2 . सहजता (Comfort)- यह बहुत ही आवश्यक है की बच्चा आपे गोद में सुरक्षित महसूस करें और यह तभी संभव है जब आप खुद शिशु को गोद में लेते समय कॉमफरटेबले हों । यह ना सिर्फ आपको शिशु को सुरक्षा का अहसास देता है वरन आपके कान्फिडन्स को भी बढ़ाता है जिससे शिशु आपके साथ जुड़ाव महसूस करता है ।
3. सहारा (Support)- नवजात शिशु के अंग अत्यंत ही नाजुक होतें हैं और शरीर के विकास क्रम के इस शैशव अवस्था में सिर का भर बाकी शरीर की तुलना में अधिक होता है जिसे वह खुद संभाल पाने मे असमर्थ होता है अतः यह जरूरी है की आप जब भी शिशु को उठाए उसके सिर और गर्दन को सहारा दें ।
4. सही पोसचर (Right Posture) - बच्चे को गोद मे लेने के उपरांत आपकी स्थिति (पोसचर) बहूत मायने रखती है ताकि शिशु आपके गोद में सुरक्षित और कम्फर्टेबल महसूस करे । गोद में लेने के बाद यह सुनिश्चित करें की आपका एक साथ शिशु के सिर और दूसरा उसके कमर के नीचे हो और वह आपके छाती से सटा हुआ हो ।
कुछ आसान और सबसे सुरक्षित तरीके
a. क्रैडल होल्ड(Cradle Hold)- क्रैडल होल्ड को बच्चे को गोद में लेने का सबसे आसान पोजीशन माना जाता है, इस अवस्था में दाहिना हाथ बच्चे के सिर के नीचे होता है, कोहनी या हाथ से शिशु के पीठ को आधार मिलता और बायां हाथ उसके बम्स पर होता है । यह स्थिति बेहद ही आरामदायक होती है और शिशु अपने को पालने में महसूस करता है ।
b. शोल्डर होल्ड (Shoulder Hold)- शोल्डर होल्ड बच्चे को सुलाने अथवा दूध पिलाने के बाद डकार दिलाने के लिए सबसे बेहतर पोजीशन है । इस अवस्था में शिशु को गोद उठाते हैं ,एक हाथ उसकी गर्दन और सिर के बीच होता है और दूसरा हाथ नीचे उसे उठाए रखता । शिशु के शरीर को छाती के समानांतर रखना होता है ।
c . लैप होल्ड(Lap Hold)- जब कोई पहली बेबी को पहली बार उठा रहा होता है तो लैप होल्ड सबसे आसान और बेहतर चुनाव हो सकता है । इस अवस्था में बच्चे को कहीं बैठ कर पाने गोद मे रखना होता है जहां बच्चे का सिर घुटनों पर ऊपर की ओर होता है, हाथ सिर को सहारा दिए होता है और पूरा शरीर कमर और दोनों जांघों पर आश्रित होता है ..
d. हैलो-वर्ल्ड होल्ड (Hello-world hold) : नवजात शिशु को अपने सीने के पास इस तरह सटा लें को सिर को सहारा मिले। एक हाथ जे नवजात शिशु की सीने को बांध ले और अपने हाथ पर शिशु को सहारा दे दूसरा हाथ उसके नितंब और कमर के पास रखें । यह तरीका शिशु में उत्सुकता पैदा करते हैं और वे देखना चाहते है कि उनके आस-पास क्या हो रहा है ।
e. फेस टू फेस होल्ड(Face to Face hold) : नवजात शिशु के सिर और गर्दन को हाथ नीचे रख कर सहारा दें और अपने दूसरे हाथ से उसके कमर और नीचे के भाग को सहारा दें। सीने से थोड़ा नीचे शिशु को इस तरह से रखे कि उसका चेहरा आपके सामने हो और वो आपको देख सके , पहचान सकें । नवजात शिशु के साथ खेलने और उससे बातें करने के लिए सबसे बेहतर विकल्प यही तरीका हो सकता है ।
स्तनपान के दौरान बच्चे को तकिये के शेयर गोदी मे लिटाना चाहिए। एक हाथ सिर के नीचे हो और वो आपसे चिपका हुआ रहे ताकि उसे लगातार गरमाहट भी मिलती रहे ।
रोते हुए बच्चे को कैसे पकड़ें? (How to hold baby while he or she is crying)
बच्चा यदि रो रहा है इसका मतलब वो असहज है अतः उसे उसी पोजीशन मे रखें जिसमे वो सहज हो । सामान्यतः अगर बच्चे के हाथों को उसकी छाती पर दूसरे पर बच्चे रखें और बच्चे की ठोड़ी को सहारा दें और बच्चे को 45 डिग्री के कोण पर पकड़ें रखें और फिर बच्चे को धीरे-धीरे झुलाएं तो वो रोना बंद कर देता है ।
नहलाने के दौरान बच्चे को कैसे पकड़ें? (How to hold baby during bath)
नहलाने के दौरान शिशु को पकड़ने का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है उसे हाथ में इस तरह होल्ड करके ही आपको नहलाना चाहिए ताकि बच्चे के कान या नाक में पानी ना जाए, कोशिश करें कि बच्चा आपकी गोद में ऊपर की पोजिशन में हो ताकि आप उसके शरीर को देखकर अच्छी तरह से साफ किया जा सके ।
खास ख्याल
● नवजात शिशु का शरीर, विशेष रूप से सिर बहुत नाजुक होते हैं अतः सतत सपोर्ट जरूरी है साथ ही शिशु को खुद के संपर्क मे रखें ताकि उसे गरमाहट मिलती रहे ।
● खाना बनाते हुए अथवा किसी सामान को पकड़े हुए शिशु को गोद मे ना उठाएं ।
● कभी भी बच्चे को गोद मे तेजी से ना हिलाएं या झटका ना दें इससे उसके दिमाग में ब्लीडिंग हो सकता है ।
● शिशु को हमेशा बैठ कर जांघों के ऊपर सहारा देकर ही दूध पिलाने ।
● नवजात शिशु अपनी गोद मे अरामदायक महसुस कराएं और अगर वो रोता हो या असहज हो तो तुरंत पोजीशन को बदलें । -
● भुलवश भी नवजात शिशु को हवा में ना उछालें यह खतरनाक हो सकता है जो उसके मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकती है ।
● लगातार प्यार-स्नेह और करीब होने का एहसास शिशु की आवश्यकता है अतः उसे कंगारु केयर दें
● आप हमेशा खयाल रखे कि, आपका नवजात शिशु गोद लेने पर क्या प्रतिक्रिया करता है
बस इतना ही की नवजात शिशु को गोद लेते समय हमेशा याद रखना चाहिए कि शिशु अभी बहुत ही छोटा और नाजुक है आपकी थोड़ी सी लापरवाही से आप अपने शिशु को चोट पहुँचा सकती है।
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