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पढ़ाई के लिए गांव में ताने सुने लेकिन इस पिता ने 'अफसर बिटिया' बना दिया

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Prasoon Pankaj

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2 years ago

पढ़ाई के लिए गांव में ताने सुने लेकिन इस पिता ने 'अफसर बिटिया' बना दिया
लिंग समावेशी

राजस्थान के बाड़मेर में पाकिस्तान की सरहद से सटा हुआ एक छोटा सा गांव सरणु है। गांव में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है, लेकिन इस गांव में अब जश्न का माहौल है। गांव की एक बेटी ने सब इंस्पेक्टर की परीक्षा में सफलता हासिल कर ली। पुलिस की वर्दी में हेमलता नामकी ये लड़की जब अपने गांव आई तो गांव वाले खुशी से झूम उठे। भाइयों ने कंधे पर बैठाकर अपनी बहन को पूरे गांव में घुमाया। हेमलता भले आज अफसर बन गई हो लेकिन उसके इस सफर की राह बहुत आसान नहीं थी। इसी गांव के कुछ लोगों ने ताने भी सुनाए थे लेकिन हेमलता के माता पिता और परिवार पूरी तरह से साथ खड़ा रहा। आज हेमलता की इस उपलब्धि से पूरे गांव का सिर ऊंचा हो गया है। 

हेमलता के पिता दुर्गा राम जाखड़ बेटी की इस सफलता को देखकर भावुक हो जाते हैं। हेमलता बताते हैं कि ये उनकी बेटी का जुनून था जिसने उसे आज इस पद पर पहुंचा दिया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रहते हुए हेमलता ने अपनी पढ़ाई को जारी रखा और अब उसका चयन राजस्थान पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर हुआ है। आपको बता दें कि हेमलता ने आठवीं क्लास तक की पढ़ाई राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल सरनुचिमनजी से की। इसके बाद की पढ़ाई करने के लिए वो रोजाना 14 किलोमीटर का फासला पैदल तय करके दूसरे गांव के स्कूल में जाती रही। हेमलता के पिता साधारण किसान हैं। हेमलता कहती है कि साल 2021 में उसका चयन राजस्थान पुलिस में हुआ। उसके गांव सरणु में अब तक ना तो कोई पुरुष और ना ही कोई महिला इंस्पेक्टर या पुलिस सेवा में गए थे। बचपन से ही हेमलता के अंदर पुलिस सेवा में भर्ती होने का धुन सवार था। 

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    आपको बता दें की हेमलता के माता पिता को अनेक प्रकार के ताने सहन करने पड़े। लड़की को पढ़ाने को लेकर गांव में पुरानी सोच रखने वाले लोगों ने खूब ताने दिए। लेकिन हेमलता का परिवार इन तानों की परवाह किए बगैर अपने फैसले पर अडिग रहा। हेमलता को स्पोर्ट्स में भी काफी अभिरूचि रही। कबड्डी के खेल में वो राजस्थान का प्रतिनिधित्व भी कर चुकी है। अपनी इस सफलता का श्रेय हेमलता ने अपने मां, पापा, दादी, भाई बहन और पूरे परिवार को दिया है। अब हेमलता की सफलता पूरे गांव की लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है। हेमलता ने कहा भी है कि वो अपने गांव की लड़कियों को उनकी पढ़ाई लिखाई करने में पूरा सहयोग करेगी और उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान करेगी। 

    सूदूर देहात के एक गांव में रहने वाली वंदना ने ये साबित करके दिखा दिया है कि अगर मन में लगन और निश्चय हो तो फिर सफलता हासिल करने से आपको कोई रोक नहीं सकता है। हेमलता की इस सफलता के पीछे यकीनन उनके माता पिता का बहुत बड़ा योगदान है। गांव कस्बे में जहां अच्छे स्कूल नहीं होते हैं और स्कूलों में लड़कियों की संख्या बहुत कम होती है इन परिस्थितियों में हेमलता के पेरेंट्स ने ठान लिया कि किसी भी हालत में उन्हें अपनी लड़की को पढ़ाना है। आज उनकी इस सोच का परिणाम हम सबके सामने है, हेमलता जैसी अनगिनत लड़कियां जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकती हैं बशर्ते उन्हें बचपन से ही अपने परिवार का सपोर्ट मिले।

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