बच्चों की सुरक्षा में स्क ...
स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करने के लिए शिक्षा मंत्रालय की तरफ से गाइडलाइंस जारी किए गए हैं। इस गाइडलाइंस के तहत अब स्कूलों के लिए जवाबदेही को लेकर स्पष्ट और सख्त दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। अगर इन निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो फिर स्कूलों के खिलाफ जुर्माना लगाए जाएंगे इसके साथ ही स्कूलों की मान्यता भी छीन ली जा सकती है। हम आपको इस ब्लॉग में शिक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए गाइडलाइंस की मुख्य बातों के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक एक्सपर्ट कमिटी के द्वारा स्कूल सेफ्टी एंड सिक्योरिटी पर गाइडलाइंस तैयार किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश साल 2017 में गुड़गांव के इंटरनेशनल स्कूल में मारे गए एक छात्र के पिता की तरफ से दायर किए गए याचिका के जवाब में आया है। स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चों की सुरक्षा के मामले में स्कूल प्रशासन की जवाबदेही तय करने के लिए इस याचिका में मांग की गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी किया है।
शिक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी किए दिशा निर्देश में कहा गया है कि स्कूल प्रबंधन, स्कूल के प्रिंसिपल या स्कूल हेड के पास स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है।
इस गाइडलांस के मुताबिक जब तक बच्चा स्कूल में होते है तो तब तक बच्चे पर नियंत्रण स्कूल का होता है। अगर स्कूल जान बूझकर बच्चे की अवहेलना या अनदेखी करता है, और इसके चलते बच्चा मानसिक या शारीरिक पीड़ा का कारण बन सकता है। इसे किशोर न्याय अधिनियम 2015 के उल्लंघन के रूप में माना जा सकता है।
गाइडलाइंस में कुल 11 कैटेगरी की पहचान की गई है जिनके लिए स्कूल प्रबंधन को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
स्कूल में सुरक्षित बुनियादी ढ़ांचे की स्थापना में लापरवाही
सुरक्षा उपायों से संबंधित लापरवाही
स्कूल कैंपस में उपलब्ध कराए जा रहे खाना या पानी के स्तर में लापरवाही
स्कूल कैंपस में बच्चे को मेडिकल हेल्प मुहैया कराने में देरी
किसी छात्र ने अगर किसी प्रकार की शिकायत रिपोर्ट की है और उसके कार्रवाई करने में देरी को लेकर कई गई लापरवाही
स्कूल में छात्र के साथ मानसिक, भावनात्मक उत्पीड़न या किसी प्रकार की बदमाशी को रोकने में हुई लापरवाही
छात्र के साथ भेदभावपूर्ण कार्रवाई
स्कूल कैंपस में किसी प्रकार के मादक द्रव्यों का सेवन
किसी प्रकार की आपदा के समय या अपराध के दौरान निष्क्रियता
कोरोना के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करे में लापरवाही
स्कूल प्रशासन को इसके साथ ही किशोर न्याय अधिनियम, 2015 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण की रोकथाम, POCSO एक्ट 2019 को लेकर भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इन सब में अगर स्कूल की तरफ से लापरवाही की गई है तो स्कूल को जवाबदेह ठहराया जा सकता है और स्कूल से जुर्माना वसूल किया जा सकता है।
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