बच्चों के वैक्सीनेशन और ब ...
कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखकर अब बच्चों के वैक्सीनेशन में सबसे नया अपडेट सामने आ रहा है। DCGI (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने 5 से 11 साल के बच्चों पर कॉर्बेवैक्स वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की सिफारिश की है। हम आपको बता दें कि कॉर्बेवैक्स हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई की ओर से स्वदेशी रूप से डेवलप किया गया पहला आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है। एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी मिलने के बाद बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी। फिलहाल देश में 12 साल से ऊपर के बच्चों को कोविड वैक्सीनेशन लगाई जा रही है। अब तक मिल रहे आंकड़ों के मुताबिक 12 साल से 17 साल के कुल 12 करोड़ 66 लाख बच्चे वैक्सीनेटेड हो चुके हैं।,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर में 15 साल से 18 साल की आयुवर्ग के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन कार्यक्रम को शुरू करने का ऐलान कर दिया था। 3 जनवरी से 15 साल से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी।
कोवैक्सीन पहले से वैक्सीनेशन कार्यक्रम में शामिल है औऱ इसको पहले से ही 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को दी जा रही है।
ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए अब बूस्टर डोज यानि प्रीक्वेशन डोज भी लगाया जाएगा। शुरुआती चरण में कोरोना वॉरियर्स जैसे कि स्वास्थ्य कर्मियों को बूस्टर डोज लगाया जाएगा। इसके साथ ही 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों व गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को भी बूस्टर डोज लगाया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए भी बूस्टर डोज लगाए जाने का ऐलान किया जा सकता है।
देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरोसा दिलाते हुए कहा है कि इलाज की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। 1 लाख 40 हजार ICU बेड का इंतजाम किया गया है। भारत की कुल आबादी के 61 फीसदी लोगों को वैक्सीने की दोनो डोज लगाए जा चुके हैं औऱ तकरीबन 90 फीसदी लोगों को वैक्सीन की एक डोज लगाए जा चुके हैं।
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