क्या 12-18 आयुवर्ग के बच ...
एक लंबे अंतराल के बाद अपने देश में स्कूल फिर से खुलने लगे हैं और इसके साथ ही इस विषय पर भी चर्चा होने लगे हैं कि क्या बिना कोविड वैक्सीनेशन के बच्चों का स्कूल जाना सुरक्षित है? बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर अब जो सबसे ताजा अपडेट सामने आ रहा है उसके मुताबिक ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ( DCGI) ने 12 साल से 18 साल के आयुवर्ग के बच्चों के लिए कोविड 19 टीके कोर्बेवैक्स (Corbeaux Vaccine) को सीमित आपात इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। हालांकि स्पष्ट कर देना चाहूंगा कि अभी तक सरकार की तरफ से 15 साल से कम उम्र वाले बच्चों के टीकाकरण पर किसी प्रकार का कोई फैसला नहीं लिया गया है।
यूरोप और अमेरिका के कई देशों में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को कोविड वैक्सीनेशन दिए जा रहे हैं।
Country |
Age Group |
Vaccine Name |
Dose |
UK |
12-15 |
Pfizer |
one |
Denmark |
12-15 |
Pfizer | |
Spain |
12-19 |
Pfizer | |
France |
12-17 |
Pfizer |
|
Germany |
12-15 | ||
Sweden |
12 to 15 |
two | |
Norway |
12 to 15 |
Pfizer, Moderna |
Two |
USA |
12+ |
Pfizer, Moderna |
Two |
Canada |
12+ | ||
Chile |
6+ | ||
China |
3+ |
Sinovac vaccine | |
Israel |
5-17 |
Pfizer-BioNTech | |
सितंबर 2021 तक फ्रांस में 12+ आयुवर्ग के 66 फीसदी बच्चों को सिंगल डोज और 52 फीसदी बच्चों को पूरी तरह से वैक्सीनेडेट किए जा चुके हैं।
फ्रांस में किशोरावस्था के तमाम बच्चों को सिनेमा हॉल, म्यूजियम, रेस्टोरेंट या इनडोर शॉपिंग सेंटर में प्रवेश करने से पहले वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अथवा निगेटिव कोविड टेस्ट प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य बना दिया गया
नॉर्वे में सितंबर 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक 12+ आयुवर्ग के 42 फीसदी बच्चों को पहला डोज जबकि 32 फीसदी बच्चों को दूसरा डोज भी दिए जा चुके हैं।
अमेरिका में स्कूल बोर्ड ने 12+ आयुवर्ग के बच्चों के लिए क्लास एटेंड करने से पहले वैक्सीनेशन को अनिवार्य करने की मांग की, हालांकि कुछ पेरेंट्स ने इस बात को लेकर आपत्ति भी जाहिर की।
दिसंबर 2021 में Parentune पर कराए गए एक सर्वे में कुल 20628 पेरेंट्स ने अपनी राय रखी। इस सर्वे में कुल 1226 पेरेंट्स ने वैक्सीनेशन को लेकर अपनी स्वीकृति प्रदान की जबकि कुल 19402 पेरेंट्स ने वैक्सीनेशन से असहमत दिखे। दरअसल ज्यादातर पेरेंट्स वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को शुरू होने के बावजूद भी कुछ और दिनों की प्रतीक्षा करने के बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचने की स्थिति में थे। पेरेंट्स बच्चे के वैक्सीनेशन को लेकर किसी प्रकार का जोखिम उठाने के मूड में नहीं थे, पेरेंट्स के मुताबिक वैक्सीनेशन का किसी प्रकार का साइड इफेक्ट बच्चे पर ना हो।
अमेरिका की Centers for Disease Control and Prevention’s Advisory Committee के मुताबिक 12 साल से 18 साल की आयुवर्ग के जिन बच्चों के वैक्सीनेशन का दोनो डोज लगाया जा चुका है वे कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए 91% अधिक प्रभावी हो चुके थे। कोरोना से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराए गए 95 फीसदी बच्चे कोविड वैक्सीनेटेड नहीं थे। वैक्सीनेटेड बच्चों को कार्डियोवस्कुलर लाइफ सपोर्ट या सांस संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा जबकी 39 फीसदी अनवैक्सीनेटेड बच्चों को इस तरह की समस्याएं आई।
अपने देश में 12+ आयुवर्ग के बच्चों के लिए जिस कोर्बेवैक्स को मंजूरी दी गई है उसके दूसरे-तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण की अनुमति पिछले साल सितंबर में मिली थी। कोर्बेवैक्स टीका को मांसपेशियों के जरिए शरीर में पहुंचाया जाएगा और 28 दिनों के भीतर 2 खुराक लेना होगा।
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