कोहरे (Fog) या धुंध से ह ...
3 साल का आर्यन सुबह जगने के बाद ही बालकनी में चला आता है क्योंकि अपने घर की बालकनी में उसे खेलना अच्छा लगता है। आर्यन अब चीजों को समझने लगा है और हर नई चीज को देखते ही उसके मन में कौतुहल जाग जाता है। आर्यन जैसे ही बालकनी में पहुंचा तो बाहर का दृष्य देखकर हैरान रह गया..उसने आवाज देते हुए मम्मी को बुलाया और कहा कि देखो मम्मा…अपने घर के बाहर बादल जमा हो गए हैं। मम्मी ने उसे समझाया कि बेटा ये बादल नहीं इसको कोहरा ( Fog) कहते हैं। इस ब्लॉग में हम आपको कोहरे के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं और इसके साथ ही आपको ये भी बताने जा रहे हैं कि कोहरे से होने वाले नुकसान के चलते किन 5 बीमारियों की चपेट में आने से आपको बच्चे को बचाना है। सर्दी के मौसम में होने वाले कोहरे के दौरान आपको क्या सावधानियां बरतने की आवश्यकता है इसके बारे में भी आपको इस ब्लॉग में जानकारी मिल जाएगी।
सर्दी के मौसम में कोहरे का होना आम बात है। कोहरे के चलते विजिबिलिटी का कम हो जाना बहुत सामान्य सी बात है। कोहरे में कई प्रकार के प्रदूषित तत्व पाए जाते हैं और यही वजह है कि कोहरा कई बीमारियों का कारण बन सकता है। धुंध में सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे रसायन भी मिले होते हैं इसलिए कोहरे के दौरान कुछ खास सावधानियां बरतने की आवश्यकता है।
1) फेफड़ों में संक्रमण- कोहरे के कारण हवा में मौजूद अनेक प्रदूषित कण फेफड़ों में पहुंचकर उसकी कार्य क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। इसके चलते सांस की तकलीफ और घबराहट की परेशानी हो सकती है।
2) खांसी- कोहरे में मौजूद प्रदूषित कणों के प्रभाव के चलते सांस लेने में परेशानी होने लगती है और इसके चलते खांसी की समस्या बढ़ सकते हैं। कोहरे में मौजूद धूलकण श्वसन तंत्र को सीधे प्रभावित कर सकते हैं।
3) अस्थमा- कोहरे में मौजूद जहरीले रसायनों के कारण अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में कठिनाई होती है। कोहरे के चलते अस्थमा के मरीजों की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है।
4) ब्रोंकाइटिस- लंबे समय तक कोहरे के संपर्क में रहने से ब्रोंकाइटिस के मरीजों की तबियत और खराब होने के आसार बन सकते हैं। प्रदूषण के कारण श्लेष्मा झिल्ली (mucous membranes) में सूजन हो जाती है जिससे बहुत समस्या होती है।
5) आंखों में जलन- कोहरे के कारण होने वाले वायु प्रदूषण का आंखों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। कोहरे में मौजूद सूक्ष्मण कणों के आंखों के संपर्क में आने से जलन पैदा हो सकते हैं। इसके अलावा आंखों में सूजन और कई अन्य प्रकार के संक्रमण भी हो सकते हैं।
धुंध या कोहरे के संपर्क में आने के कारण गर्भवती महिलाएं जन्म दोष और जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों को जन्म दे सकती हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक 5 माइक्रोग्राम जितना कम स्मॉग पार्टिकुलेट मैटर के संपर्क में आने से भी प्रसव के समय जन्म के समय वजन बहुत कम होने का जोखिम हो सकता है। धुंध या कोहरे के संपर्क में आने से नवजात शिशुओं में कुछ गंभीर जन्म दोष हो जाते हैं। इनमें स्पाइना बिफिडा (spina bifida) शामिल है, जो स्पाइनल कॉलम की खराबी को दर्शाने वाली स्थिति है।
जन्म के समय कम वजन वाले नवजात शिशुओं को कई समस्याएं हो सकती हैं जैसे -
वजन बढ़ने में परेशानी
खाने में कठिनाई
सांस लेने में दिक्कत, जैसे रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम
संक्रमण से लड़ने में कठिनाई
जन्म के समय ऑक्सीजन का निम्न स्तर
नेक्रोटाइजिंग एंटरोकोलाइटिस जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मुद्दे
हमारा सुझाव है कि आप कोहरे और धुंध की स्थिति को देखते हुए अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श लें और उनके द्वारा बताए गए सुझावों का अवश्य पालन करें।
जब आद्र हवा ऊपर उठकर ठंडी हो जाती है तब जलवाष्प संघनित होकर पानी की छोटी बूंदे बनाती है। कुछ ऐसी परिस्थितियां भी आते हैं जब हवा के बिना उपर उठे ही जलवाष्प ( पानी से निकलने वाले भाप) पानी की सूक्ष्म बूंदों में बदल जाते हैं तब हम इसे कोहरा कहते हैं। इसको आप दूसरे शब्दों में ये भी कह सकते हैं कि बूंदों के रूप में संघनित जलवाष्प के बादल को कोहरा कहा जाता है।
जब कोहरे का धुएं के साथ मिश्रण होता है तो उसे धुंध कहते हैं। हालांकि कुहासा या धुंध भी एक तरह का कोहरा ही होता है लेकिन उसमें दृष्यता (Visibility) का अंतर होता है। यदि दृश्यता की सीमा एक किलोमीटर या इससे कम हो तो उसे कुहासा या धुंध कहते हैं।
कोहरे या धुंध से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए हम सबको संकल्प लेना चाहिए कि हम वायु प्रदूषण फैलाने से बचें।
कोहरे के दौरान बच्चे के संग यात्रा करने से बचें, घने कोहरे में यात्रा करने से परहेज रखना ही सबसे बेहतर विकल्प है। सुबह के समय जब कोहरा हो तो घर के अंदर ही बच्चे को रखें ताकि कोहरे के दुष्प्रभावों से बचा जाए।
कोहरे में अगर निकलना जरूरी है तो चेहरे को अवश्य ढ़क कर रखें, मास्क का प्रयोग करना और बेहतर विकल्प
कोहरे के दौरान भीड़ भाड़ वाले इलाके और इंडस्ट्रियल इलाके में जाने से बचा जाए
घर के अंदर गहरी सांस लेने वाले व्यायाम को करने का प्रयास करें ताकि आप अपने मस्तिष्क को ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन भेज सकें
अपने डॉक्टर के परामर्श के मुताबिक इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। गर्म व पौष्टिक आहार का सेवन करना आपके बच्चे को बीमारियों से बचाव करेगा।
सर्दी के मौसम में आप और आपका बच्चा पर्याप्त रूप से नींद ले सके ये सुनिश्चित करें
आंखों पर होने वाले नुकसान से बचने के लिए दिन में कई बार स्वच्छ पानी से आंखों को धोएं या साफ करें
क्रिसमस या सर्दी की छुट्टियों में अगर आप परिवार के साथ लंबी दूरी की यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो वहां जाने से पहले वहां की मौसम औऱ रूट की स्थिति के बारे में अवश्य पता कर लीजिए। कोहरे के कारण कई जगहों पर ट्रेन और प्लेन के टाइम टेबल में भी आखिरी समय में बदलाव कर दिए जाते हैं हालात को देखते हुए कुछ ट्रेन और फ्लाइट को रद्द भी कर दिए जाते हैं। इसके अलावा एक और जरूरी बात की अपने डॉक्टर की सलाह के मुताबिक कुछ आवश्यक दवाएं भी अपने साथ में अवश्य रखे लें।
सर्दी के मौसम में और कोहरे के चलते होने वाली परेशानियों में तत्काल अपने डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें। पेरेंट्स होने के नाते अगर आप भी अपना अनुभव और सुझाव अन्य पेरेंट्स के संग साझा करना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें इसके अलावा आप हमें helpdeskune.com पर भी मेल कर सकते हैं।
Be the first to support
Be the first to share
Comment (0)