बच्चों के आस-पास धूम्रपान ...
बच्चों के आस-पास धूम्रपान- ऐसा कभी न करें, इसे सख्ती से रोकें।
क्या आप अपने बच्चे के आस-पास धूम्रपान करके उसे भी इसका आदी बना रहे हैं?
बच्चे के करीब धूम्रपान करके क्या हम अनजाने में अपने बच्चों को कैसंर का जहर दे रहे हैं?
क्या आपका शिशु/बच्चा उसके आस-पास धुम्रपान से होने वाले खतरे से सुरक्षित है।
‘धूम्रपान करना सेहत के लिये नुकसानदेह है ... धूम्रपान करने से कैंसर होता है ... धूम्रपान जानलेवा है’ ... बीड़ी-सिगरेट पीने के ख़तरे से आगाह करने वाली ये बातें काफी हद हम समझदार हो चुके लागों के लिये बेमानी होती जा रही हैं। हालांकि, तम्बाकू के सेवन से सेहत को होने वाले से नुकसान से हम अच्छी तरह वाकिफ हैं और चारो तरफ इसे लेकर इतनी जागरूकता होने के बावजूद भी ज्यादातर लोगों को धूम्रपान की आदत से छुटकारा पाना एक मुश्किल काम लगता है। शायद इसीलिये, अब वह समय आ गया है कि अपने बच्चों की खातिर इन सेहत संबधी चेतावनी को एक अलग नज़रिये से समझा जाये।
तो चलिये...ऊपर लिखी बातों को एक बार फिर से समझने की कोशिश करते हैं-
‘सैकंडहैण्ड टोबैको स्मोक (एस.एच.एस.) या ‘अन्य लोगों के बीड़ी, सिगरेट पीने से होने वाले धुएंे का सेवन’ बच्चों की अचानक होने वाली मौत की सबसे बड़ी वजह होता है। बच्चों के आस-पास धूम्रपान करने से जो धुआं उनके अन्दर जाता है, वह उनके फेफड़ों में कभी खत्म न होने वाला संक्रमण देता है ... या उनके बौद्धिक विकास को रोक सकता है।
हालांकि, यह लेख जवान और समझदार हो चुके लोगों को धूम्रपान छोड़ने के लिये प्रेरित करने के इरादे से नहीं लिखा गया है लेकिन मुमकिन है कि ऊपर कही गई बातें कुछ खास लोगों पर पूरी तरह से लागू होती हों।
दूसरों के बीड़ी-सिगरेट पीने से होने वाले धुंऐ का सेवन हमारे बच्चों की दिमागी और जिस्मानी काबलियत पर कैसे असर करता है, इस ओर ध्यान दिलाने के लिये जुटाई गयी कुछ वास्तविकताऐं नीचे दी गई हैं।
दूसरों के धूम्रपान के धुंऐ का सेवन क्यों ख़तरनाक है?
दूसरों के बीड़ी-सिगरेट पीने से होने वाला धुआं, उनके मुंह से बाहर आने वाले और जलती हुई सिगरेट से निकलने वाले धुऐं का एक जानलेवा मेल होता है जिसमें 4000 से ज्यादा रसायन होते हैं और इसमें 70 तरह के कैंसर देने वाले जहरीले तत्व होते हैं। ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)’ के आंकड़ों के हिसाब से दुनियाभर में 50 प्रतिशत बच्चे अपने घर में ही दूसरों के धूम्रपान की वजह से धुंऐ का सेवन करते हैं। इस तरह के धुंये से बचाव का कोई तरीका नहीं है; और ज्यादातर, बड़ों की तुलना में शिशु/बच्चे, इस अनचाहे धूम्रपान के लिये मज़बूर होते हैं क्योंकि वह इससे बच पाने के काबिल नहीं होते... इस हकीकत को ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा विभाग, अमेरिका’ की ओर से जारी एक जांच रिपोर्ट में सामने लाया गया है।
बच्चों के नज़दीक धूम्रपान करने का असर
जानकार मानते हैं कि धूम्रपान करने वाले लोगों के साथ एक घंटा बिताना खुद 4 सिगरेट पीने के बराबर होता है। बच्चों के नज़दीक धूम्रपान और इसके धुंऐ का असर जानने के लिये बड़े पैमाने पर की गई जाचों से यह बातें पता चली हैं।
1. दूसरों के धूम्रपान से होने वाले धुंऐ का सेवन बच्चों के फेफड़ों की बढ़त पर बुरा असर करता है और सांस की बीमारियां जैसे दमा, ब्रोंकाइटिस और न्यूमोनिया का जोखिम बढ़ाता है।
2. आकस्मात् शिशु मृत्यु सिण्ड्रोम या एस.आई.डी.एस. (SIDS के बारे में नीतू का लेख पढ़ें)- जलती हुई सिगरेट से निकलने वाले धुंआ दिमाग के उस हिस्से पर असर करता है जो बच्चे के सांस लेने को नियमित करता है। जांचो से पता चला कि बहुत से शिशु जो ‘आकस्मात् शिशु मृत्यु सिण्ड्रोम’ के शिकार बने उनके फेफड़ों में निकोटीन बड़ी तादाद पाई गई।
3. दूसरों के धूम्रपान के धुंऐ का सेवन बच्चों की पढ़ने-लिखने की आदत, उनकी समझबूझ और याद्दाश्त को कमजोर करता है।
4. घर में धूम्रपान करने से इसका धुंआ घर की चीजों में बस जाता है और बच्चों में घबराहट, खांसी और बलगम की शिकायतों की वजह बनता है जो काफी समय तक बनी रहती हैं।
5. दूसरों के धूम्रपान के धुंऐ का सेवन स्लीप एप्निया (सांस रूकने से नींद का टूटना) और मिडिल इयर इन्फैक्शन (कान और कान के पर्दे के बीच संक्रमण) की असल वजहों में से एक है।
6. यह बच्चों के गले की धमनियों को नुकसान पंहुचाता है - जो सिर और गले में आॅक्सीजन युक्त खून को ले जाती हैं।
7. तम्बाकू से होने वाले धुंऐ में रहना, दमा रोगी बच्चों को दमे के बार-बार और जानलेवा दौरे आने की बड़ी वजह है।
8. अनजाने में दूसरों के धूम्रपान के धुंऐ का सेवन गर्भपात, समय के पहले प्रसव और कम वजनी शिशु के पैदा होने जैसे जोखिम को बढ़ाता है। यह दिल के ठीक से काम करने पर असर करता है खून ले जाने वाली धमनियों की परत को नुकसान पंहुचाता है।
9. कार में सिगरेट पीते समय खिड़कियां खोल लेना आपके बच्चे को तम्बाकू के धुंऐ के असर से नहीं बचा सकता।
गर्भावस्था में धूम्रपान
1. गर्भावस्था में सिगरेट पीने वाली महिलाओं से पैदा होने वाले शिशु में वजन कम होना, पैदायशी असमान्यता और जन्म से होने वाली खामियों का ज्यादा जोखिम होता है।
2. यह पाया गया है कि इन बच्चों में शुरूआती पांच साल में ही दमे की बीमारी हो सकती है।
3. गर्भावस्था में धूम्रपान शिशु के बौद्धिक और दिमागी बढ़त पर बुरा असर करता है।
4. निकोटीन खून की नसों को सिकोड़ देता है और माँ के खून में कार्बन मोनोआॅक्साइड को बढ़ाता है, जिससे गर्भ में पलने वाले शिशु तक साफ खून के पंहुचने में कठिनाई होती है।
5. गर्भावस्था में धूम्रपान दूसरी परेशानियां भी ला सकता है जैसे समय से पहले प्रसव, भ्रूण का जगह से हट कर गर्भ के बाहर बनना और गर्भनाल का छोटा होना।
6. प्रसूति और स्त्रीरोग विभाग, राजकीय मेडिकल काॅलेज और हाॅस्पिटल, चंडीगढ में हुई जांच में पाया गया कि गर्भावस्था में इस तरह के धुंऐ के सेवन से महिलाओं में होने वाली ‘Small-for-gestation baby’ जैसी समस्या का सीधा संबंध है। आसान शब्दों में इसका मतलब है कि गर्भ में शिशु का आकार, उसके लिंग और गर्भ की उम्र के हिसाब से उतना नहीं बढ़ता जितना बढ़ना चाहिये।
धूम्रपान की आदी 50% महिलाओं में बांझपन होने या गर्भधारण करने में पेरशानी का शिकार होने की ज्यादा संभावना होती है। जांच में पता चला है कि ‘धूम्रपान की आदी महिलाओं में प्टथ् या कृत्रिम रूप से गर्भ जमाने के जरिये उनका बांझपन खत्म करने के लिये गैर-धूम्रपान करने वाली महिलाओं की तुलना में दोगुना कोशिश करनी पड़ती है।
गर्भावस्था में दूसरों के धूम्रपान से होने वाले धुंऐ का सेवन (धूम्रपान न करने वाली गर्भवती महिलाओं पर इसका असर)
1. धूम्रपान न करने वाली माताऐं जो गर्भावस्था के समय तम्बाकू के धुंऐ में रहती हैं, उनके शिशु में पैदायशी वजन कम होना और शुरूआती सालों में सेहत संबंधी समस्याऐं होना आम बात है।
2. गर्भ में पलने वाले शिशु पर तम्बाकू के धुंऐ के असर उसके अंदर ADHD या ध्यान लगाने की कमी, बर्ताव में आवेग और गुस्सा, उग्रता, मायूसी जैसी परेशानियों के साथ उसके रहन-सहन से जुड़ी दूसरी भी परेशानियां ला सकता हैं।
3. दूसरों के धूम्रपान के धुंऐ से ग्रस्त महिलाओं से पैदा होन वाले शिशु में अंगों में खराबी, महसूस करने और ध्यान न लगा पाने जैसी कमियां होती हैं।
4. बांझपन- अमेरिका के रोचेस्टर मेडिकल विष्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पाया कि जो महिलाऐं गर्भधारण की चाह रखती हैं और चार से छः घंटें दूसरों के धूम्रपान के धुंऐ में रहती हैं, उन्हें गर्भधारण करने में परेशानी या गर्भपात होने की समस्या हो सकती है।
5. जांच में पाया गया है कि दूसरों के धूम्रपान का धुंआ पैदा होने वाले शिशु की एक पीढ़ी के गुण अगली पीढ़ी में ले जाने की खूबी को हमेशा के लिये खराब कर सकता है।
क्या करें जब आपका जीवनसाथी, परिवार का सदस्य या दोस्त-यार धूम्रपान का आदी हो
1. माता-पिता दोनों के लिये जरूरी है कि वे अपने बच्चे पर होने वाले निकोटीन के खतरनाक असर के बारे में जानें और इसे अपने परिवार के लोगों के साथ बांटे और आदर पर सख्ती के साथ से उन्हें गर्भवती माँ और शिशु/बच्चे के आस-पास बीड़ी, सिगरेट पीने के लिये मना करें।
2. काम करने की जगह पर यह अच्छा होता है कि आप गैर-धूम्रपान वाली जगह पर रहें और अनचाहे धूम्रपान से जुड़ी चिंताओं के बारे में आवाज उठायें। अपनी और शिशु की सेहत की रक्षा के लिये एक गैर-धूम्रपान वाली जगह के लिये आवाज उठाना आपका हक है।
3. अगर आप खुद धूम्रपान के आदी हैं तो बेहतर होगा कि जब शिशु/बच्चे आस-पास हों तो धूम्रपान करने से परहेज करें। यह जानना भी जरूरी है दूसरे कमरे में धूम्रपान करने के बावजूद यह जरूरी नहीं कि आपका बच्चा इससे पूरी तरह सुरक्षित हो।
अब आखिरी और जरूरी बातः हमारी ख्वाहिश होती है कि हम हमेशा अपने बच्चों के साथ बने रहें पर धूम्रपान करना हमारी जिंदगी के लगभग 10 साल कम कर देता है... तो शायद धूम्रपान छोड़ने के लिये यह सबसे अच्छी वजह हो सकती है।
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