क्या हैं 1 साल के बच्चे क ...
बच्चे के जन्म के कुछ महीनों बाद से पैरेंट्स बच्चे के आहार को लेकर काफी सोचने लगते हैं। हालांकि 6 महीने तक बच्चा ठोस आहार नहीं लेता और मां के दूध पर ही निर्भर रहता है। लेकिन ठोस आहार शुरू होने के बाद से अभिभावक बच्चे को ज्यादा से ज्यादा खिलाने के चक्कर में ऐसी कई गलतियां करते हैं, जिनसे उन्हें बचना चाहिए। इसी कड़ी में एक बड़ी गलती है बच्चे को मीठा खिलाना। दरअसल भारत में हर शुभ काम में मीठा खाने व खिलाने को अच्छा माना जाता है। बच्चे का अन्नप्राशन भी खीर खिलाकर किया जाता है। कई बार जब बच्चा खाना नहीं खाता है, तो पैरेंट्स उसे मीठे का लालच देकर खाना खिलवाते हैं. जो गलत है। चीनी का अधिक सेवन बच्चे को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है।
इस ब्लॉग में हम बताएंगे एक साल तक के बच्चों को मीठा खिलाने के नुकसान और इससे होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में।
छोटी उम्र में बच्चों को शहद देना तो फायदेमंद होता है, लेकिन कई पैरेंट्स मान लेते हैं कि शहद मीठा है और अगर इससे फायदा होता है तो अन्य मीठी चीजें भी शिशु को लाभ पहुंचाएंगे। इस तरह वह अपने बच्चे को अधिक से अधिक मीठा देने लगते हैं। मीठा कुछ हद तक तो लाभ पहुंचाता है, लेकिन 1 साल तक के बच्चों के लिए इसका थोड़ा सा भी अधिक सेवन हानि पहुंचाएगा। हालांकि आप बच्चे को मीठे के लिए ऐसे फल खिला सकते हैं, जिनमें प्राकृतिक रूप से मिठास होती है और किसी तरह के केमिकल का सहारा नहीं लिया जाता है।
किसी भी ऐसी चीज का सेवन बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिनमें कृत्रिम मीठा डाला जाता है। यही वजह है कि डॉक्टर भी 1 साल तक के बच्चों को ज्यादा मीठा देने से मना करते हैं। आइए जानते हैं अधिक मीठे से होने वाले नुकसान के बारे में। यहाँ जानें...
मोटापा – मीठे के अधिक सेवन से बच्चे के शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे वह मोटापे का शिकार हो सकता है।
टेढ़े मेढ़े दांत – कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि अधिक मीठा खाने वाले बच्चों के दांत टेढ़े मेढ़े निकलते हैं।
संक्रमण – मीठा अधिक खाने वाले बच्चों के दांतों में कैबिटी बनने पर बैक्टीरिया अधिक पनपते हैं। इससे मुंह में संक्रमण व मसूड़ों में दर्द की समस्या होती है।
ध्यान केंद्रित ना कर पाने की समस्या – चीनी के अधिक सेवन करने वाले बच्चों को आगे जाकर ध्यान केंद्रीत करने में समस्या आती है।
मीठे में कई तरह के केमिकल मिलते होते हैं, जो बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कई शोधों में ये बात सामने आई है कि छोटे बच्चों को ज्यादा मीठा देने से भविष्य में उन्हें कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आती हैं। अमेरिकन हार्ड असोसिएशन ने कुछ समय पहले अपनी एक रिपोर्ट में बच्चों को एक दिन में 6 चम्मच से ज्यादा चीनी न देने की सलाह दी थी। उन्होंने यह सलाह 0-2 साल के बच्चों के अलावा 18 साल के युवाओं के लिए भी दी थी। आइए जानते हैं कुछ बड़ी समस्याओं के बारे में।
दिल की बीमारी (Heart Disease) - रिसर्च के अनुसार, बच्चों को अधिक मीठा खिलाने से उनमें आगे जाकर दिल की बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है।
इम्यूनिटी सिस्टम खराब (Weak Immunity) – अधिक मीठा खाने से बच्चे का इम्यून सिस्टम भी प्रभावित होता है। इससे उसमें इंफेक्शन और कई बीमारियां होने का खतरा रहता है।
मधुमेह (Diabetes) – अधिक मीठा खाने से बच्चे को भविष्य में मधुमेह की बीमारी भी हो सकती है। इसलिए उसे अधिक चीनी न दें।
एनीमिया (Anemia) – अधिक मीठा खाने वाले बच्चे ठीक से खाना नहीं खाते। ऐसे में पौष्टिक आहार न मिलने व अधिक मीठे की वजह से उन्हें एनीमिया भी हो सकता है।
किडनी की समस्या (Kidney Problems) – अधिक मीठा खाना आपके बच्चे की किडनी पर भी असर डाल सकता है।
ऊपर दिए गए कारणों से बच्चे और बड़ों को अधिक मीठा न खाने की सलाह दी जाती है। इसलिए बचपन से ही बच्चों को अधिक मीठा खिलाने की आदत से बचें।
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