बच्चे को ठोस आहार कब से द ...
शिशु को 6 माह का होने तक केवल स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है। पर छह माह के बाद केवल स्तन दूध शिशु को पर्याप्त पोषक तत्व प्रदान नहीं कर पाता, विशेषकर आयरन। इसी कारणवश आपके शिशु को अन्य भोजन की जरुरत होती है। शिशु के आहार में ठोस भोजन शामिल करने से पहले छह माह तक इंतजार करना सही है। इससे शिशु में भोजन के प्रति प्रतिकूल प्रतिक्रिया और एलर्जी विकसित होने का खतरा कम करने में मदद मिलती है। यदि आपके परिवार में एक्जिमा, दमा जैसी एलर्जी या फिर भोजन के प्रति एलर्जी का इतिहास रहा है, तो यह विशेषतौर पर महत्वपूर्ण है।
अगर आपको लगे कि शिशु को छह माह से पहले ही ठोस आहार शुरु करने की जरुरत है, तो पहले इस बारे में अपने डॉक्टर से बात अवश्य करें। यह खासतौर पर तब महत्वपूर्ण, जब आपका शिशु समय से पहले (प्रीमैच्योर) पैदा हुआ हो।
जब शिशु छह माह का हो जाए, तब आप सैद्धांतिक तौर पर उसे अधिकांश भोजन दे सकती हैं। तो आईये जानते है की बच्चे के भोजन की शुरुआत कैसे करें।
बच्चे को पहले आहार की शुरुआत आप वीट या राइस से कर सकती है। वीट दलिया के रूप में या सूजी के रूप में होता है। दलिये की खीर बना लीजिये या सूजी की खीर बना लीजिये लेकिन मीठा मात्रा में कम रखिये। शुरू में एक दो दिन तक बच्चे को एक दो चम्मच दीजिये और फिर जब बच्चा इसे एक्सेप्ट करे तो मात्रा बढ़ा दीजिये। शुरू के 6-8 महीने में आधी कटोरी तक दे सकते है। इसके अलावा राइस की खीर, पोहे के खीर, पलक का साग, एप्पल मैस किया हुआ,चीकू मैस किया हुआ, केला मैस किया हुआ आप दे सकते है। याद रखिये जो भी खाना आप बच्चे को 6-8 महीने के बीच बच्चे को देंगे वो बहुत ज्यादा मैस किया हुआ और प्यूरी के रूप में होना चाहिए। इसीलिए आप उसे बॉईल करके हाथ से मैस कर सकते है नहीं तो आप मिक्स्सर और ग्राइंडर का भी प्रयोग कर सकते है। याद रखिये इस बीच में माँ को अपना दूध बच्चे को पिलाना नहीं छोड़ना है क्योकि बच्चा अभी पूरी मात्रा में खाना नहीं ले रहा है इसीलिए माँ का दूध बच्चे के लिए अभी भी बहुत आवश्यक है।
8-10 महीने के बच्चे को खाना आपको वही सब देना है जो आप 6-8 महीने के बच्चे को दे रही थी। बस उसका टेक्सचर धीरे धीरे बढ़ा दीजिये। जब खाना थोडा गाढ़ा होगा तो बच्चा थोडा सॉलिड खाना सीखता जायेगा। इसी बीच आप अपने दूध की मात्रा कम करते जाइये और उपर का दूध शुरू कर दीजिये। याद रखिये दूध बच्चे के लिए टोंड मिल्क या गाय का ही होना चाहिए। बहुत ज्यादा गाढ़ा या मलाई वाला दूध बच्चा नहीं पचा पायेगा।
10-12 महीने के बच्चे के दांत आ गए होते है वो थोडा सा बड़ा हो गया होता है। इसीलिए हम बच्चे के खाने में सॉलिड फोम बढ़ा सकते है। अब बच्चा अंडा खा सकता है, पनीर खा सकता है, बिस्कुट भी खुद से काट कर खा सकता है। बच्चे को सॉलिड चीजे जैसे रोटी भी आप भिगों कर दे सकते है वो खुद से खा लेगा। याद रखिये ये जो 10-12 महीने का पीरियड है इस समय बच्चे को टेस्ट की नॉलेज हो रही होती है। जो भी आपके लिए पॉसिबल है आप मांसाहारी है, शाकाहारी है हर चीज का टेस्ट उसे देने की कोशिश करें लेकिन याद रखिये एक टाइम में एक ही तरह का टेस्ट उसे चेक कराइए। अगर आप बच्चे को मीठा खीला रही है तो नमक वाली चीज थोड़ी देर बाद दें। बच्चे की किडनी अभी भी उतनी डेवलप नहीं हुई होती है इसीलिए बच्चे को शुगर और और साल्ट दोनों कम मात्रा में दीजिये। [जरूर पढ़ें - कैसा होना चाहिए जन्म से लेकर 3 वर्षों तक आपके बच्चे का आहार]
छह महीने के बाद जब बच्चा खाना शुरु करे तो नीचे दी गई बातों का अवश्य ध्यान रखें। जरूर पढ़ें...
बच्चे में ये चीजे अक्सर होती रहती है लेकिन ये चीजे अगर बच्चे को बार बार हो रही है तो आप जरुर एक बार डॉक्टर की सलाह लें और अपना दूध देना बच्चे को मत बंद करिए। शिशु के आहार में ठोस भोजन शामिल करने के लिए छ: माह तक का इन्तजार जरुर करें।
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