कब और क्यों जाए आइवीएफ ट् ...
आइवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन। नि:संतान दंपतियों के लिए इस तकनीक को एक वरदान के रूप में देखा जा रहा है। इस तकनीक के जरिए महिला में कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है। यह बांझपन दूर करने की कारगर तकनीक मानी जाती है। इस प्रक्रिया में किसी महिला के अंडाशय से अंडे को अलग कर उसका संपर्क द्रव माध्यम में शुक्राणुओं से कराया जाता है। इसके बाद निषेचित अंडे को महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है। इसका प्रयोग वे महिलाएं भी कर सकती हैं जिनमें रजोनिवृत्ति हो चुकी है, और फैलोपियन ट्यूब बंद हो चेके हैं। इस प्रकार ये सुविधा एक वरदान सिद्ध होती है | ..
1. सालों से प्रयास कर रही हैं -- जो लोग कंसीव करने के लिये 2 साल से भी ज्यादा प्रयास कर रहें हैं, या जिन महिलाओं की ट्यूब ब्लॉक हो चुकी हैं या फिर वे पुरुष जिनका र्स्पम काउंट बिल्कुल कम है, केवल उन्हें ही इस ट्रीटमेंट को करने की सलाह दी जाती है।
2. उम्र ज्यादा हो गयी है -- अगर आपकी उम्र 20 वर्ष की है तो आपके पास अभी बहुत सा समय है ये सुनिश्चित करने का कि आपको टेस्ट ट्यूब बेबी चाहिये या नहीं। आम तौर पर 30 की उम्र में फर्टिलिटी की समस्या पैदा होती है। अगर आप अपने चालीसवे साल के नजदीक हैं तो आपको अपना फैसला जल्द लेना होगा। साथ ही यह बात इस पर भी निर्भर करती है कि आप मेनोपॉज के कितने नजदीक हैं।
3.जब आपकी ट्यूब ब्लॉक हैं -- यह ट्रीटमेंट वह महिलाएं भी करवाती हैं जिनकी फैलोपियन ट्यूब बंद हो चेकर हैं, लेकिन इसकी बजाय आप कई दूसरे उपाय भी आजमा सकती हैं। आजकल अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट जैसे की सर्जरी या फिर माइक्रो सर्जरी भी उपलब्ध है जो कि ब्लॉकेज को साफ कर देता है।
4.अगर आपके अंडे बहुत पुराने हो गए हैं --जब एक बच्ची पैदा होती है तब उसकी ओवरी में पूरे अंडे होते हैं। यह अंडे हर महीने एक-एक कर के बड़े होते हैं। इसलिये अगर आप 40 साल की है तो आपके अंडे 40 साल पुराने होंगे और निष्फल होंगे।
5. अगर आपने कृत्रिम गर्भाधान के बारे में प्रयास नही किया है-- अगर आकपे पाटर्नर में र्स्पम काउंट कम हैं तो आप पहले आइवीएफ ना करवा कर आर्टिफीशियल इनसेमिनेशन करवा सकती हैं उसके बाद आपको आइवीएफ करवाने कि जरुरत है या नही ये पता लग जयेगा । इसका खर्चा भी आइवीएफ से बहुत कम होता है।
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