क्या खाएं गर्भवती महिलाएं 2nd ट्राईमिस्टर में

आज इस लेख में हम महिला ने प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही यानि चौथे महीने से लेकर छठे महीने तक अपने आहार में क्या बदलाव करना चाहिए इसकी जानकारी दे रहे हैं। दुसरे तिमाहीं में महिला का वजन प्रेगनेंसी में 3 से 4 Kg तक बढ़ना चाहिए। इस दौरान आपके गर्भ में पल रहे शिशु का विकास तेजी से होता हैं।
प्रेगनेंसी में 4 थे से 6 वे महीने (2nd Trimester) में कैसा आहार लेना चाहिए इसकी जानकारी निचे दी गयी हैं :
प्रेगनेंसी में 4 थे से 6 वे महीने (2nd Trimester) में कैसा आहार लेना चाहिए ? Pregnancy 2nd trimester diet tips in Hindi
प्रेगनेंसी के दूसरे तिमाही में कैसा आहार लेना चाहिए इसकी जानकारी निचे दी गयी हैं :
- उर्जा / Energy : गर्भावस्था में महिला को सामान्य से ज्यादा calories की आवश्यकता होती है। इस दौरान महिला को उपवास बिलकुल नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिला ने अधिक उर्जा देने वाले पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए जैसे की दलिया, बाजरा, दालें, चावल, दूध, हरी सब्जिया, फल इत्यादि।
- आयरन / Iron : गर्भवती महिला हिमोग्लोबिन 12 ग्राम से ऊपर होना चाहिए। अगर रक्त में हिमोग्लोबिन की कमी है तो डॉक्टर से मिलकर हिमोग्लोबिन आयरन और फोलिक एसिड की दवा शुरू करना चाहिए। आयरन का पेट में अच्छे से अवशोषण होने के लिए साथ में विटामिन सी युक्त आहार भी साथ में लेना चाहिए।
- कैल्शियम / Calcium : दुसरे तिमाही में गर्भ में बच्चे का विकास होते समय हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम की जरुरत होती हैं। इस दौरान आपको कैल्शियम की जरुरत को पूरा करने के लिए दूध, दही, पनीर, चीज, रागी, हरी पत्तेदार सब्जिया या जरुरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से दवा लेने की जरुरत भी पड़ सकती हैं। कैल्शियम के साथ आपको इन आहार से विटामिन डी भी प्राप्त होता हैं। भोजन में अतिरिक्त आधा कटोरी दाल या दही लेकर आप कैल्शियम और प्रोटीन की अतिरिक्त जरुरत को पूरा कर सकते हैं।
- फाइबर / Fiber : प्रेगनेंसी के दुसरे तिमाही में महिलाओं को अक्सर कब्ज की शिकायत हो जाती है जो की प्रेगनेंसी में एक गंभीर समस्या हैं। कब्ज से छुटकारा पाने के लिए इस दौरान दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी और अधिक फाइबर युक्त अनाज खाना चाहिए। साबुत अनाज, दलिया, फल, हरी पत्तेदार सब्जी, चुकंदर, गाजर, ककड़ी, टमाटर का सेवन करना चाहिए।
- ओमेगा 3 / Omega 3 : गर्भावस्था में बच्चे के ब्रेन का विकास अच्छे से होने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड जरुरी होता हैं। इनमे शामिल हैं अवकाड़ो, ब्रोकोली, पत्तागोभी, दही, चीज, सूर्यफूल बिज, सुकामेवा गाजर इत्यादि।
- आयोडीन / Iodine : बच्चे के मानसिक विकास के लिए आयोडीन बेहद जरुरी होता हैं। आपको भोजन में हमेशा आयोडीन युक्त नमक का सेवन ही करना चाहिए। अगर आपको थाइरोइड की समस्या है तो गर्भावस्था के समय यह नियंत्रण में होना जरुरी हैं। आपको गर्भावस्था में कई बार थाइरोइड की जाँच करना पड़ सकता है और रिपोर्ट के अनुसार अपने गोली की मात्रा में फेरबदल करना पड़ सकता हैं।
इस तरह आपको प्रेगनेंसी के दुसरे तिमाही में पर्याप्त पौष्टिक आहार लेना चाहिए आप चाहे तो अच्छे डायटीशियन से मिलकर अपने हफ्ते भर का डाइट चार्ट तैयार कर सकते हैं।
यह लेख Parentune के साथ डॉ पारितोष त्रिवेदी जी ने साझा किया हैं l पेरेंटिंग और सेहत से जुडी ऐसी ही अन्य उपयोगी जानकारी सरल हिंदी भाषा में पढने के लिए आप डॉ पारितोष त्रिवेदी जी की वेबसाइट www.nirogikaya.com पर अवश्य करे
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