क्या होना चाहिए दूसरी तिम ...
दूसरी तिमाही (second trimester) गर्भावस्था के चौथे महीने से शुरू होता है। इस महीने में गर्भवती को सिरदर्द, उल्टी, मतली, सूजन व नींद आदि की समस्या दूर हो जाती है। इस महीने में आकर पेट बाहर आने लगता है। इस महीने में प्रेग्नेंट को ज्यादा शारीरिक दिक्कत तो नहीं होती, लेकिन खुद को व पेट में पल रहे शिशु को स्वस्थ रखने के लिए इस महीने में आपको अच्छे व पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। अच्छा आहार बच्चे के बेहतर विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अगर आप भी प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में हैं, तो आपके लिए यह ब्लॉग काफी उपयोगी होगा। यहां हम बता रहे हैं कि आखिर आपको इस अवस्था में किस तरह का आहार लेना चाहिए और किसका सेवन नहीं करना चाहिए। [इसे भी पढ़ें - प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में कैसा हो आहार ?]
इस अवस्था में आपको काफी भूख लगने लगती है। भूख की वजह से आप ज्यादा खाना खाती हैं, लेकिन खाने में पौष्टिक आहार जरूरी है। ताकि आपके गर्भ को और आपको किसी भी तरह का नुकसान न हो। आइए जानते हैं कि कौन सा आहार आपके लिए बेहतर होगा।
इस अवधि में अच्छे आहार पर ध्यान देने के साथ-साथ आपको कुछ सावधानी बरतने की भी जरूरत है। यानी आपको कुछ ऐसे आहारों से दूर रहना होगा, जिनसे आपको व बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। आइए जानते हैं कि दूसरी तिमाही में कौन से आहार आपको नहीं लेने चाहिएं। [पढ़ना चाहिए - कैसा होना चाहिए गर्भवती महिला का खान पान?]
जैसा कि हमने बताया कि दूसरी तिमाही गर्भावस्था के लिए अहम अवधि होती है। दरअसल इसी समय से बच्चे का विकास शुरू होने लगता है। उसके विकास में किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए जरूरी है कि आप बेहतर व पौष्टिक आहार लें।
Be the first to support
Be the first to share
Comment (0)