बच्चे का मुँह से दूध उलटन ...
अक्सर नवजात शिशु को जन्म से लेकर 6 महीने तक केवल माँ जा दूध पिलाया जाता है। ऐसे में यह भी देखा जाता है की ज्यादातर नवजात शिशु दूध पीने के बाद उसे मुँह से निकालते रहते हैं। यह कोई बीमारी नहीं है बल्कि ऐसा होना बहुत से कारणों पर निर्भर करता है। पर ऐसा क्यों होता है और इसे सही करने के लिए क्या किया जा सकता है। यह समझना बहुत ज़रूरी है।
अक्सर जब बच्चे छोटे होते हैं तो माता-पिता के लिए ये समझ पाना मुश्किल होता है की बच्चे को कितनी भूख है और कितने दूध में उसका पेट भर जाएगा। इसका नतीजा ये होता है की अक्सर बच्चे को उसकी ज़रूरत से ज़्यादा दूध पीला दिया जाता है। जिसके कारण वह दूध निकालने लगता है। इसलिए ज़रूरी है की बच्चे को थोड़े-थोड़े समय अंतराल पर दूध पिलाया जाए।
अक्सर छोटे बच्चे को गोद में रखा जाता है। ऐसे में यदि उसके पेट या पीठ पर दवाब पड़ता है तो वह दूध निकाल देता है। ऐसा बच्चे को सुलाते समय भी होता है। अक्सर ऐसा देखा जाता है की छोटे बच्चे को अगर उल्टा करके कमर रगड़ते हुए सुलाया जाए तो वे जल्दी सो जाते है पर ऐसे में पेट पर दवाब पड़ता है और वे दूध निकालते है। इसलिए ज़रूरी है कि बच्चे को ध्यान से पकड़ा जाए, उसे पेट के बल न लिटाया जाए।
छोटे बच्चे का खान-पान उनकी माँ के खान-पान से जुड़ा होता है। ऐसे में अगर माँ कुछ ऐसा खा लें जो गैस की समस्या पैदा कर सकता है तो बच्चे को भी वह समस्या हो जाती है। ऐसे में पेट में दर्द होता है और बच्चा दूध भी निकालने लगता है। इसलिए ज़रूरी है की जब तक बच्चा माँ के दूध का सेवन करे तब तक माँ ऐसा ही खाना खाये जो गैस की समस्या को दूर रखें।
नवजात में सर्दी जुकाम या तेज़ खांसी होने के कारण वह दूध की उल्टियां करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में, अपने बच्चे को इस समस्या से बचा कर रखना ही एक बेहतर विकल्प है।
अधिकतर शिशु मुँह में हांथ या उँगली लिए रहते हैं यह भी एक कारण होता है जिसके कारण बच्चे दूध निकालने लगता है। ऐसे में, अपने बच्चे को शुरू से ही इन आदतों को छुड़वाने की कोशिश करें।
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