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गर्भवती महिलाओं के लिए कौन से विटामिन लेना जरूरी है?

Pregnancy

Supriya jaiswal

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4 years ago

गर्भवती महिलाओं के लिए कौन से विटामिन लेना जरूरी है?

गर्भवती महिलाओं के लिए ये विटामिन्स लेना बेहद जरूरी है। प्रेग्नेंसी के दौरान विशेष ख्याल रखने की जरुरत होती है, इसलिए गर्भवती महिला को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों का सेवन करना चाहिए और पोषक तत्वों की मात्रा निश्चित करते समय यह ध्यान रखना चाहिए की माँ के पेट में शिशु पल रहा है और माँ के ही भोजन से उसे आवश्यक न्यूट्रीशंस मिलता है। गर्भवती महिला को डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए। अपने डाइट पर खास ध्यान देना चाहिए।  उन्हें अपने भोजन में फोलिक एसिड, आयरन, कैल्सियम, और अन्य जरुरी पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए। गर्भावस्था में कई और पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है, जिनमें से एक है विटामिन। 

गर्भावस्था के दौरान किन विटामिन का सेवन करना चाहिए?/ Vitamins to Consume During Pregnancy in Hindi

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    अधिकतर महिलाएं प्रेगनेंसी में विटामिन्स का महत्व नहीं समझती उन्हें नहीं पता होता की कौन कौन से विटामिन्स प्रेगनेंसी में बेहद आवश्यक है। तोआइए जानते है गर्भावस्था में आवश्यक विटामिन कौन हैं, और इसे आप किन चीजो से पा सकती है।

    • विटामिन A:- विटामिन ए भ्रूण के विकास के लिए कई तरह से जरुरी है, जैसे ह्रदय, फेफड़े, किडनी, आंखों और हड्डियों के विकास के लिए।  यह मेटाबोलिज्म फैट और संक्रमण प्रतिरोध के निर्माण में भी मदद करता है। विटामिन ए प्रेगनेंट महिलाओं में प्रसव के बाद ऊतकों की मरम्मत करने में भी सहायक है। साथ ही यह नजर को कमजोर होने से बचाता है। शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। विटामिन ए मुख्य रूप से नारंगी, पीले फल, पीली और हरी पत्तेदार सब्जियाँ, अंडे, दूध, और फल में पाया जाता है। विटामिन ए का बहुत  अधिक मात्रा में सेवन करने से जन्म दोष और लिवर विषाक्तता जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है।
       
    • विटामिन B:- प्रेगनेंसी के दौरान थकावट और ज्यादा कमजोरी का अहसास होता है। इसे दूर करने के लिए और शिशु के बेहतर दिमाग के लिए विटामिन बी की जरुरत पड़ती है। इसके लिए आप दाल, ओट्स का भरपूर सेवन करें, साथ ही अलसी का सेवन भी फायदेमंद है।  विटामिन बी के सेवन से शिशु की हड्डियां मजबूत होती है और आँखों की रौशनी भी तेज होती है। विटामिन बी अंकुरित अनाज में, बादाम में, दही व हरी सब्जियों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन बी गर्भावस्था में भोजन पचाने, भ्रूण का विकास करने, गर्भवती महिला के स्तनों में दूध बनाने और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। ये ब्लॉग भी बहुत काम का है, जरूर पढ़ लें:- गर्भवती महिला के लिए आहार संबंधी आवश्यक सूचनाएं
       
    • विटामिन C:- गर्भावस्था में विटामिन सी महिला के इम्यून सिस्टम को शक्तिशाली बनाने में मदद करता है। विटामिन सी के स्रोत फलों में संतरा और नींबू सबसे प्रमुख माने जाते हैं। इनका खट्टा स्वाद इनमें मौजूद एसिड का संकेत है। विटामिन सी हर तरह की बेरीज जैसे लाल बेरी, ब्लूबेरी  क्रैनबेरी स्ट्रॉबेरी और रास्पबेरी एस्कॉर्बिक एसिड में भरपूर होती है। विटामिन सी वाले फल, टमाटर, पपीता, अमरुद, ब्रोकली और अन्य हरी पत्तियां भी इस तत्व से युक्त होती हैं।  प्रेगनेंसी में इनका भी अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए शिशु  के लिए खतरा भी हो सकता है। विशेष जानकारी के लिए पढ़ें - क्या हैं विटामिन C के फायदे माँ और बच्चे के लिए, कमी से होने वाली बीमारियां?
       
    • विटामिन D:- विटामिन डी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है। इससे हड्डियां मजबूत होती है। विटामिन डी धुप से मिलता है। नवजात शिशु को सूर्य की किरणों से मिलता है जो पीलिया व अन्य बीमारियों से बचाता है। यह कैल्सियम व फास्फोरस के स्तर को सामान्य रखता है। गर्भावस्था के दौरान महिला को विटामिन डी की खुराक लेनी चाहिए।  जिससे महिला के शिशु को इस समस्या का सामना न करना पड़े।
    • विटामिन E:- गर्भवती महिलाओं में विटामिन ई की कमी से बच्चों में मानसिक कौशल संबंधी विकार उत्पन्न  हो सकते हैं। विटामिन ई की कमी से भ्रूण में चोलीन और ग्लूकोज की कमी रह जाती है, और विकास सही तरीके से नहीं हो पाता। एक शोध में पाया गया कि जन्म के बाद विटामिन की कमी को पूरा करने से बेहतर है, कि बच्चे जब गर्भ में हो तब पूरा किया जाए। विटामिन ई वनस्पति तेल, गेहूं, हरे साग, चना, जौ, खजूर, मांढ के चावल, मक्खन, मलाई, शकरकन्द, अंकुरित अनाज और फलों में पाया जाता है।
       
    • फोलिक एसिड:- गर्भावस्था में मां और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए फोलिक एसिड बहुत जरूरी है। डॉक्‍टर भी इस समय महिला  को फोलिक एसिड के सप्लीमेंट लेने की सलाह देते है। यह पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित करने के साथ-साथ शरीर में हर तरफ ऑक्सीजन पहुंचाने वाले लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है। इसका सेवन करने से गर्भपात का खतरा भी कम हो जाता है। इसके लक्षण है, थकान,भूख ना लगना, खून की कमी, सिरदर्द, घबराहट, चिडचिडापन। अपनी डाइट में मकई, ब्रोकली, शलगम, सलाद, सरसों का साग  भिंडी, पलक और मुली के पत्ते आदि शामिल करें।

    अपने गर्भावस्था के इस सफर को आनंदित बनाए रखने के लिए आपको विशेष रूप से अपने खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत है। 

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