आपके नवजात बच्चे की नींद ...
अक्सर कई पैरेंट्स इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि उनका बच्चा ठीक से सो नहीं रहा है। वह इसके लिए डॉक्टर से भी सलाह लेते हैं। दरअसल नवजात शिशु के लिए भरपूर नींद लेना बहुत जरूरी है। डॉक्टरों के अनुसार नवजात के लिए 16 घंटे की नींद जरूरी है। अक्सर कई बच्चे रात को उठ जाते हैं और रोने लगते हैं। नींद पूरी न होने की वजह से वह अगले दिन चिड़चिड़े हो जाते हैं। बच्चों के ठीक से ना सो पाने के कई कारण होते हैं। ऐसे में यहां हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे उपाय जिनकी मदद से आप बच्चे को आराम से सुला सकते हैं, वह पूरी नींद लेगा और कोई परेशानी भी नहीं होगी।
पढ़ें कुछ ऐसे उपाय जिनकी मदद से आप बच्चे को आराम से सुला सकते हैं, वह पूरी नींद लेगा और कोई परेशानी भी नहीं होगी। ब्लॉग पढ़ें....
अगर आप चाहते हैं कि बच्चा सही से और भरपूर नींद ले तो इसके लिए आपको एक निश्चित दिनचर्या बनानी होगी। उन्हें एक खास समय पर रोजाना सोने की आदत डालें। इससे धीरे-धीरे बच्चा खुद ही समझ जाएगा कि इस समय पर मुझे सोना है।
जब आपका बच्चा 8 महीने का हो जाए, तो उसे अपने आप सोने दें। इससे सोने की आदत लगेगी। जब बच्चे को नींद आने लगे, लेकिन वह सोया न हो, ऐसी स्थिति में उसे बिस्तर पर पीठ के बल लिटा दें। धीरे-धीरे वह खुद सो जाएगा।
बच्चे को अगर अच्छी नींद देना चाहते हैं, तो उसके कमरे में अंधेरा कर दें। दरअसल अंधेरा नींद से जुड़े हार्मोन मेलाटोनिन को बढ़ाता है। ऐसे में अंधेरा होने पर बच्चा जल्दी नींद पड़ेगा और देर तक सोएगा।
बच्चे की नींद बहुत कच्ची होती है, वह जरा सी आवाज में उठ जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि घर में शांत माहौल बना रहे। बच्चे के कमरे में आवाज करने से बचना चाहिए।
रात को सोने के समय अगर बच्चा बिस्तर गिला कर देता है, तो उसकी नींद खराब हो जाती है। इसके बाद उसे सुलाने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। इसस बचने के लिए रात को सोने से पहले उसे डायपर पहना देना चाहिए, ताकि वह आराम से सो सके।
बच्चे को दिन में भी सुलाना जरूरी है। अगर उसे सुलाना चाहती हैं, तो दिन में उसकी मालिश करें और फिर हल्के गुनगुने पानी से नहलाएं। इससे कुछ देर बाद ही आपके लाडले को नींद आने लगेगी और वह चेन से सोएगा।
देअने में आता है कि बच्चे को सोने के लिए गाना या लोरी पसंद आता है। अगर बच्चा सो नहीं रहा है, तो उसे गाना या लोरी सुनाएं। इससे उसे जल्दी नींद आ जाएगी।
बच्चे को रात में चेन से सुलाने के लिए आप ये भी सुनिश्चित कर लें कि बच्चे का पेट न खाली हो। अक्सर बच्चा रात के समय तभी उठता है जब वह खाली पेट होता है या भूख लगती है। अगर उसका पेट भरा होगा तो वह नहीं उठेगा।
बच्चे अक्सर पैरेंट्स से लिपटकर सोते हैं, लेकिन ये ठीक नहीं है। इससे कई बार ये होता है कि आपके हटते ही बच्चे की नींद खुल जाती है। ऐसे में बेहतर है कि आप बच्चे को अपने से लिपटाकर न सुलाएं।
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