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क्या हैं छोटे बच्चों में कब्ज की समस्या के लक्षण, कब्ज मिटाने के सरल घरेलु उपचार?

3 to 7 years

Supriya jaiswal

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4 years ago

क्या हैं छोटे बच्चों में कब्ज की समस्या के लक्षण, कब्ज मिटाने के सरल घरेलु उपचार?

क्या हो सकते हैं कब्ज मिटाने के सरल उपचार? यही सोचते होंगे जब आपके बच्चे को कब्ज़ या कॉन्स्टिपेशन की समस्या हो! पेट का तंदुरूस्त होना बहुत जरूरी है। यह शरीर का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है अगर पेट में किसी तरह की कोई गड़बड़ी हो तो यह और भी बहुत सी बीमारियों को न्यौता देता है। बहुत से लोग अक्सर पेट साफ न होने यानि कब्ज की शिकायत करते हैं। इसका कारण पाचन क्रिया में गड़बड़ी के अलावा खान-पान का सही न होना है। कई बार हमारा गलत लाइफस्टाइल भी पेट पर बुरा असर पड़ता है। ज्यादा समय तक लगातार कब्ज की बीमारी से पीडित रहने पर त्वचा पर भी इसका असर दिखाई देने लगता है। इसेे चेहरे का कुदरती निखार खोना शुरू हो जाता है। इसके अलावा भूख न लगना,पेट की गैस,बेचैनी आदि की वजह भी पेट ही है।

बच्चों में कब्ज होने के लक्षण/ Symptoms of Constipation in Children in Hindi

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    बच्‍चों में कब्‍ज की समस्‍या आम है लेकिन कैसे पता चले कि बच्‍चा सिर्फ पेट में दर्द की वजह से रो रहा है या उसे कब्‍ज की प्रॉब्‍लम है । इन आम लक्षणों को पहचानकर आप इस बात का तुरंत पता लगा सकते हैं । बच्‍चों में कब्‍ज होने के आम लक्षण हैं...

    1. बुखार,
    2. उल्टी,
    3. मल के साथ खून आना,
    4. पेट में सूजन होना,
    5. वजन का घटना

    आप भी इनमें से कोई लक्षण देखें तो लापरवाही ना करें । तुरंत डॉक्टर से मिले और बताये गए इलाज़ को शुरू करें।

    कब्‍ज दूर करने के घरेलु उपाय / Home Remedies to Recover from Constipation in Hindi

    कब्‍ज अगर बार-बार आपके बच्‍चे को सता रही है तो आपको कुछ घरेलु उपाय जरूर अपनाने चाहिए । ये बच्‍चे के लिए हानिकारक बिलकुल भी नहीं है।

    एलोवेरा का जूस

    सबसे पहले हम आपको बताते हैं एलोवेरा का जूस आपकी कैसे मदद कर सकता है । बच्‍चे को कब्‍ज की शिकायत अकसर रहती है तो 1 कप एलोवेरा जूस लेक इसे बच्‍चे के मनपसंद जूस में मिला लें और बच्‍चे को दिन में दो बार पिलाएं । कब्‍ज से राहत मिलेगी ।

    नींबू के रस का इस्‍तेमाल

    बच्‍चे को कब्‍ज की प्रॉब्‍लम से दूर रखना है तो बच्‍चे को नींबू का रस पिलाएं। इसके स्‍वाद को बैलेंस करने के लिए इसमें शहद मिलाएं । इस उपाय को आजमाने के लिए नींबू का एक चम्‍मच रस लें, इसमें आधा चम्‍मच  शहद मिलाएं और चुटकी भर इलायची पाउडर मिलाकर बच्‍च्‍े को पिलाएं । दिन में दो बार ये आयुर्वेदिक औषधि बच्‍चों को पिलाएं और इसका लाभ पाएं ।

    जैतून का तेल

    कब्‍ज की प्रॉब्‍लम में ऑलिव ऑयल बच्‍चों के लिए बहुत हेल्‍पफुल है । किसी भी फल को लेकर दूध में उसकी स्‍मूदी या शेक बनाएं और इसमें एक चम्‍मच ऑलिव ऑयल मिलाएं । इसे बच्‍चों को पिलाने से कब्‍ज की समस्‍या दूर हो जाएगी । बच्‍चे को राहत मिलेगी । बच्‍चों को शेक या स्‍मदी देते हुए उसमें बर्फ आदि का प्रयोग ना करें । ये उनके हेल्‍थ के लिए सही नहीं माना जाता ।

    कीवी का प्रयोग

    कीवी का फल बहुत ही गुणकारी है, इसका प्रयोग कब्‍ज में भी लाभदायक है । खासतौर पर बच्‍चों की सेहत के लिए ये अच्‍छा साबित होता है । कीवी Fiber से भरपूर एक हेल्‍दी सिट्रस फ्रूट है, इसे काटकर खाइए या किसी और प्रकार से ये बच्‍चों को फायदा ही पहुंचेगा । 1 चम्मच कॉर्न फ्लोर, एक चम्‍मच चीनी और एक कीवी का फ्रूट लें, पानी के साथ इसे मिक्‍सी में ब्‍लेंड कर लें । इस मिश्रण को एक बार पिलाने से ही कब्‍ज की प्रॉब्‍लम में राहत मिल जाती है।

    कब्ज मिटाने के सरल उपचार आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं / Simple Remedies for Constipation in Children in Hindi

    1. गर्म पानी, नींबू और कैस्टर ऑयल:  सुबह खाली पेट एक कप गर्म पानी में आधा नींबू निचोड़ कर इसमें एक छोटा चम्मच आरंडी यानि कैस्टर ऑयल डाल कर पी लें। इसे पीने के 15-20 मिनट बाद पेट साफ हो जाएगा। इसके अलावा रात को सोने से पहले 1 गिलास गर्म दूध में 2-4 बूंद कैस्टर ऑयल की डालकर पीएं। इससे सुबह पेट आसानी से साफ हो जाएगा। 
       
    2. काला नमक: सुबह खाली पेट आधे नींबू के रस में काला नमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ सेवन कर लें। इससे पेट से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाएगी। 
       
    3. फयदेमंद पपीता: पपीता में विटामिन डी भरपूर मात्रा में होता है। खाने में टेस्टी होने के साथ-साथ यह पेट के लिए भी बहुत लाभकारी है। रोजाना दिन में एक बार पके हुए पपीते का सेवन करें। पका हुआ अमरूद खाने से भी कब्ज से राहत मिलती है। 

    कब्ज़ के समय आहार में जरूर शामिल करें

    अगर आपका बच्‍चा एक साल से बड़ा है तो आप उसे आड़ू, मुनक्का और आलूबुखारा जैसे फ्रूट दे सकते हैं । बच्‍चे को सब्जियों में पालक, मटर और पत्तागोभी खिलाएं । इन चीजों से बच्‍चे को पर्याप्‍त मात्रा में फाइबर मिलेगा । बच्‍चे को दूध के साथ पानी आदि भी पिलाते रहें । उसकी डायट में जूस आदि की मात्रा भी बढ़ाकर रखें।

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