बच्चों को कहानी सुनाने के ...
आज की भागभाग वाली लाइफस्टाइल व टेक्नॉलॉजी से भरी जिंदगी की असर आप अपने बच्चे पर भी महसूस करते होंगे। पैरेंट्स के ऑफिस में व्यस्त होने व बच्चों के स्कूल व बचे हुए समय में मोबाइल व टीवी पर व्यस्त होने से बच्चों को कहानी सुनाने वाला दौर लगभग खत्म हो चुका है। अगर आप अपने बचपन के दिनों को याद करें तो दादा-दादी से कहानी सुनने को लेकर बहुत चाव रहता था लेकिन अब कहानी की जगह मोबाइल व टीवी ने ले ली है। बच्चे अक्सर इन्हीं चीजों में बिजी रहते हैं। दरअसल मोबाइल की वजह से जहां एक तरफ बच्चे अनेक तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, वहीं कहानी के अभाव में वह कई तरह के फायदों से वंचित भी हो रहे हैं। [एक लघु कहानी- बच्चो के साथ कैसे करें बर्ताव?]
इसलिए जरूरी है कि समय मिलने पर आप खुद या दादा-दादी से बच्चों को कहानी जरूर सुनवाएं। आज हम इस ब्लॉग में आपको बताएंगे आखिर बच्चों को कहानी सुनाने के क्या फायदे हैं।
बच्चों को कहानियां सुनाने के होते हैं ये फायदे, आपको जरूर पढ़ना चाहिए ।
कहानी सुनने से आपका बच्चा नए शब्द, नए वाक्य को पहचानता है और उन्हें बोलना सीखता है। कहानी सुनने के दौरान बच्चे के सामने कई ऐसे शब्द आते हैं, जिन्हें वह आमतौर पर नहीं सुनते हैं। ऐसे में वह आपसे उनको लेकर सवाल भी पूछते हैं और आपके जबाव से सीखते भी हैं।
आमतौर पर बच्चे सुनने की जगह बोलना पसंद करते हैं लेकिन जब आप उन्हें कहानी सुनाएंगे तो वह चुपचाप सुनेंगे। ऐसे में कहानी सुनाना बच्चे के अंदर ध्यान से सुनने की कला को विकसित करता है। [अपने बच्चों को जरूर बताएं- मटकामैन अंकल की कहानी आपके बच्चे के लिए]
वर्तमान समय में बच्चे अपनी संस्कृति से कटते जा रहे हैं। उन पर वेस्टर्न कल्चर हावी हो रहा है। यह गलत नहीं है, लेकिन अपनी संस्कृति को पूरी तरह भूल जाना भी ठीक नहीं है। ऐसी स्थिति में कहानियां बच्चों को अपनी संस्कृति से जोड़ता है। इसलिए जब भी समय मिले बच्चों को अपने रीति-रिवाजों व परंपराओं से जुड़ी कहानियां जरूर सुनाएं।
कहानियां बच्चों में याददाश्त बढ़ाने में मदद करती है। बच्चे कहानी को आसानी से याद कर लेते हैं। आप बच्चे को कहानी सुनाकर कुछ दिन बाद उससे जुड़े सवाल जरूर पूछें। इन सब प्रक्रिया से बच्चे का दिमाग तेज होने के साथ ही उसकी स्मरण शक्ति भी बढ़ेगी। [इसे पढ़ें- बच्चों को तेज दिमाग के लिए क्या खिलाएं?]
कहानी सुनाने से बच्चों की कल्पना शक्ति, रचनात्मकता बढ़ती है। वे कहानियां सुनते-सुनते वर्ण, चरित्र, जगह व कहानी से जुड़ी अन्य चीजों की कल्पना करने लगते हैं। इससे उनकी रचनात्मकता व सोचने की शक्ति का विकास होता है।
जो भी शख्स बच्चे को कहानी सुनाता है, बच्चा उसके काफी करीब आता है। ऐसे में यह रिश्तों को मजबूत करता है। [इसे पढ़ें- रिश्तों को बेहतर और मजबूत बनाती हैं कहानियां]
कहानियों की अपनी दुनिया होती है। आप अपने बच्चे को सुनाने के लिए कहानियां गढ़ भी सकते हैं इससे बच्चे के साथ-साथ आपके अंदर की क्रिएटिविटी भी बढ़ेगी। अगर आप चाहें तो अपने बचपन से जुड़ी इंटरेस्टिंग बातों को भी कहानी के माध्यम से बच्चे को सुना सकते हैं। कई ऐसी कहानियां हैं जो सैकड़ों साल बाद भी आज के दौर में उपयुक्त लगती है। किस्से-कहानी से जुड़े अपने अनुभव को अगर आप साथी माता-पिता के संग साझा करना चाहते हैं तो आप जरूर कमेंट करें।
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