बच्चों को मीजल्स (खसरा) और रूबेला से बचाने के लिए क्या हैं उपाय?

भारत में खसरा से होने वाले संक्रमण (Measles Infection) के मामलों में तेजी देखी जा रही है। इस साल भारत में अब तक कुल 12 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। हम आपको ये बता दें कि पिछले चार साल में ये आंकड़ा सबसे ज्यादा है। महाराष्ट्र, झारखंड, गुजरात, केरल और बिहार जैसे राज्यों में खसरे के मामले बढ़ रहे हैं। मीजल्स (खसरा) एवं रूबेला टीका अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी जोरों पर है। इसके तहत उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत कई और राज्यों में व्यापक रूप से टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है।
खसरा बीमारी क्या है और इसके लक्षण क्या हैं?
खसरा एक संक्रामक बीमारी है और 'पैरामाइक्सोवायरस' नाम के विषाणु के संक्रमण से फैलता है। खसरे से संक्रमित होने के खतरे के बारे में आप इसको ऐसे समझें कि अगर खसरे से पीड़ित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो हवा में वायरस के फैलने से दूसरा स्वस्थ आदमी भी इसके प्रभाव में आकर संक्रमित हो सकता है।
- खसरे के लक्षण आमतौर पर दूसरे सप्ताह के भीतर आने शुरू हो जाते हैं, खसरे से पीड़ित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से भी खसरे का संक्रमण हो सकता है
- इसके शुरुआती लक्षण हैं सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, आंखों में जलन, आंखें लाल होना
- इसके अलावा पांच से सात दिनों के बाद शरीर पर लाल दाने निकल आते हैं और कई बार मुंह में सफेद दाग भी नजर आने लगते हैं
- खसरे के लक्षणों को नोटिस करने के बाद तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें, ब्लड टेस्ट से खसरे की पुष्टि हो सकती है।
- बिना टीकाकरण कराए हुए बच्चों को खसरे के संक्रमण होने का ज्यादा खतरा बना होता है इसके अलावे एक और महत्वपूर्ण बात की गर्भावस्था के दौरान भी खसरे से संक्रमित होने का खतरा बना होता है।
- बच्चों को खसरे के साथ साथ रूबेला की वैक्सीन, जिसे एमआर वैक्सीन के नाम से जाना जाता है, दो खुराक में दी जाती है.
-
पहली खुराक जब बच्चा नौ से 12 महीने की उम्र का होता है और दूसरी खुराक तब होती है जब बच्चा 16 से 24 महीने का हो जाता है.
उत्तर प्रदेश में मीजल्स और रूबेला टीकाकरण अभियान 2022 / Rubella & Measles Vaccination Schedule
अगर आपके यहाँ भी छोटे बच्चे है तो नीचे दी गयी ऍमआर टीकाकरण डेट (MR Vaccination Dates) से जुडी जरुरी जानकारी से अवगत होना होना जरुरी है.! पूरा पढ़ें...
-
बच्चों का टीकाकरण अभियान तीन चरण में चलेगा। नौ से 20 जनवरी तक पहले चरण में, दूसरे चरण में 13 से 24 फरवरी तक और तीसरे चरण में 13 से 24 मार्च तक बच्चों को टीका लगाने की तैयारी है।
- 9 महीने के शिशु से लेकर 15 साल तक की उम्र के तकरीबन 7 करोड़ 64 लाख बच्चों का टीकाकरण करने का लक्ष्य तय किया गया है।
- इससे पहले देश के 20 राज्यों में टीकाकरण किया जा चुका है और यूपी 21 वां राज्य है जहां मीजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
भारत में एमआर वैक्सीनेशन Dates 2018-19
भारत सरकार ने खसरा और रूबेला (Measles & Rubella) जैसी बीमारियों को ख़त्म करने के लिए देशव्यापी अभियान शुरू किया हुआ है। जिसकी अलग अलग राज्यों में अलग अलग तारीख निर्धारित हैं! इनको जरूर देखें और अपने बच्चे को पास के वैक्सीनेशन केंद्र पर टीकाकरण के लिए जरूर ले जाएँ।
City or State | MR Vaccination Dates |
Delhi | 16 Jan’19 से शुरू |
Uttar Pradesh | 27 Nov’18 से शुरू |
West Bengal | 27 Nov’18 से शुरू |
Maharashtra | 27 Nov’18 से शुरू |
Punjab | 27 Nov’18 से शुरू |
रूबेला वायरस के लक्षण /Rubella Virus Symptoms In Hindi
रूबेला संक्रमण को जर्मन मीजेल्स के नाम से भी जाना जाता है। ये बीमारी मुख्य रूप से रूबेला वायरस की वजह से ही होता है।
- आमतौर पर ये बीमारी सर्दी और वसंत के मौसम में होता है। इस बीमारी के मुख्य लक्षण हल्का बुखार, चेहरे और गले के पास में चकत्ते हो जाते हैं।
- वायरस के संपर्क में आने के 2 से 3 दिन बाद चकत्ते आते हैं और ये 3 दिन तक रह सकते हैं
- ये एक संक्रामक बीमारी है और छींकने, खांसने और सांस लेने के माध्यम से इसका वायरस फैलता है।
रूबेला वायरस से गर्भ में पल रहे बच्चों को बड़ा खतरा /What If Rubella Infected In The Early Pregnancy In Hindi?
गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है रूबेला। गर्भावस्था के दौरान रूबेला से संक्रमित हो जाने पर ये संक्रमण गर्भ में पल रहे भ्रूण तक भी पहुंच जाता है। खास कर के प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान रूबेला वायरस से संक्रमण होने की स्थिति में गर्भपात या फिर समय से पूर्व प्रसव का जोखिम बना होता है। यदि भ्रूण बच भी जाए तो 80 फीसदी तक इस बात की संभावनाएं होती हैं कि जन्म लेने वाले बच्चे में बहरापन, आंखों की समस्याएं, हृदय संबंधी समस्याएं, मानसिक रूप से मंदता, हड्डियों में जख्म एवं अन्य तरह के रोग से ग्रसित हो सकता है। इस तरह की विकृतियों को CRS यानि Congenital Rubella Syndrome कहते हैं। इसलिए महिलाओं को गर्भधारण करने से पहले रुबेला प्रतिरक्षा क्षमता की जांच करा लेनी चाहिए। [जरूर पढ़ लें - स्कूलों में MR टीकाकरण अभियान : आपके सवाल-एक्सपर्ट के जवाब]
इस वीडियो को जरूर देखें
UNICEF के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रफुल्ल भारद्वाज ने जानकारी देते हुए कहा कि इस अभियान का मकसद बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना और मीजल्स रूबेला जैसी बीमारियों को जड़ से खत्म करना है। मीजल्स रूबेला के टीके के संदर्भ में उन्होंने बताया की विश्व के कुल 163 देशों में इस टीके का इस्तेमाल किया जा चुका है और ये पूरी तरह से सुरक्षित है।
Be the first to support
Be the first to share
Comment (0)
Related Blogs & Vlogs
No related events found.
Loading more...