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पेट भरा पर पोषण मिला क्या ?

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Supriya jaiswal

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6 years ago

पेट भरा पर पोषण मिला क्या ?

क्या आप चाहती हैं की आपका बच्चा खाना अच्छे से  खाए बिना किन्ही मिन्नतों के, बिना TV पर कार्टून देखते हुए, बिना रोये, मुस्कुराते हुए । मानती हूँ की ये किसी सपने से कम नहीं है, पर एक बात और भी है गौर करने की, बच्चे को केवल भर पेट खिलाना काफी है क्या? मान लीजिए की आपके बच्चे ने भर पेट खाना भी खा लिया तो क्या आपके बच्चे को वो सारे पोषक तत्व मिल गए जिसकी आपके बच्चे को वाकई में जरूरत है ? गौर कीजिएगा, ये बहुत अहम सवाल है क्योंकि इसका सीधा संबंध आपके बच्चे के शारीरिक विकास और पोषण से जुड़ा है। ध्यान में रहे कि आपके बच्चे को विभिन्न खाद्य समूहों से कुछ न कुछ भोजन में दिया जारहा है या नहीं। उदाहरण के लिए अनाज जो मुख्य रूप से वसा का श्रोत हैं, और हम देखते है कि बच्चा पूरी चपाती या चावल की प्लेट खत्म कर रहा है या नहीं। जबकि हमें देखना चाहिए कि बच्चे को कम से कम कुछ मात्रा में प्रोटीन, खनिज, विटामिन ,सब्जियों का सूप या सलाद, दाल या चिकन, दही आदि के रूप में दिया गया है या नहीं। यह आपके बच्चे के आहार को संतुलित करने में मदद करता है।

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मैंने अपने बच्चे के पोषण पर उसके पेट भर खाने से ज़्यादा ध्यान दिया है और इन 3 बातों ने मेरी काफी मदद की है।

  1. उनके भोजन की मात्रा नहीं भोजन की संख्या बढ़ाये -- जैसे हम दिन में 3 बार भोजन करते हैं और एक बार शाम में कुछ नाश्ता हो सकता है, लेकिन यही योजना बच्चे के लिए आदर्श भोजन योजना नहीं है। एक बच्चे के लिए भोजन की संख्या हमारे तीन भोजन पैटर्न से अधिक होती है। एक साधारण भारतीय थाली या वयस्कों का एक प्लेट जिसमें दो सब्जियां, दाल ,मांस, सलाद, ब्रेड, दही , रायता और एक मिठाई शामिल है। छोटे बच्चे के लिए ये भारी हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पेट का आकार छोटा है इसलिए बच्चे के खाने की क्षमता कम होती है। भोजन की मात्रा बढ़ाने की बजाय, प्रतिदिन भोजन की संख्या में वृद्धि करें। आदर्श रूप से उन्हें नाश्ता के अलावा तीन मुख्य भोजन दिए जा सकते हैं, तीन स्नैक्स के साथ दोपहर का भोजन और रात का खाना। फिर उन भोजन में अधिक विविधता दी जा सकती है। ध्यान रहे कि एक बच्चे कि डाइट एक वयस्क से कम होगी, इसलिए, भोजन छोटे पोरशंस में दें।
     
  2. .हर खाने में ऊर्जा प्रदान करने वले तत्व मिलायें -- बच्चो को अधिक वसा की जरूरत है। चूंकि उनके पेट छोटे होते  हैं जो थोडा भोजन करने से ही भर जाते हैं लेकिन उन्हें निश्चित रूप से अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए उनके हर भोजन में कैलोरी बढ़ाने के लिए, भोजन में वसा जैसे की घी को शामिल करने की जरूरत है। ऊर्जा और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें। पोषक तत्व से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे की बादाम ,अखरोट , सूखे फल, पनीर, घी, वसा वाले दूध, मांस खाद्य पदार्थ, अंडे इत्यादि को बच्चों के आहार में शामिल कर सकते हैं।
     
  3. पूर्ण आहार ही है स्वस्थ बच्चे का राज --जब बच्चों का पेट भरा रहता है तो वो रोते कम हैं ,खेलते है और आराम से सो जाते है पर अगर उन्होंने पूर्ण आहार नहीं लिया है तो बहुत जल्दी थक जाते है ,उनका शारीरिक और मानसिक विकास सही से नहीं होता है भले ही वो देखने में स्वस्थ दिखें पर उनकी बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम होती है । जबकि पूर्ण आहार से बच्चे दिमागी और शारीरिक तौर पर मजबूत होते है और उनका इम्यूनिटी सिस्टम भी मजबूत होता है।

मुझे अभी भी याद है जब मेरा बच्चा ढाई साल का था और प्रीस्कूल जाना बस शुरू ही किया था , ये उसी समय कि बात है जब मैनें इन तीन बातों को समझा और इन पर ध्यान देना चालू किया। अब सोचती हूँ तो लगता है कि जैसे लगभग सही समय पर शुरुआत की, पर आप अगर ये ब्लॉग पढ़ रहे हैं तो उम्मीद करती हूँ कि आपने सही समय पर इन ३ बातों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है  और आपके बच्चे को सही पोषण मिल रहा है।  

Disclaimer-  This Blog is supported by Nestle Ceregrow. A child needs more nutrition than an adult. Each bowl of Ceregrow contains the goodness of grains, milk & fruits and makes up for the lack of sufficient nutrition. Follow Early Childhood Nutrition to learn more.

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