कब है अगला पल्स पोलियो डे ...
हर साल भारत सरकार पोलियो वायरस से बचाव के लिए बच्चो के टीकाकरण तथा पल्स पोलियो ड्रॉप्स पिलाने के लिए पोलियो-डे की पहल करता है| भारत मैं लगभग 100 में से 99 बच्चे पोलियो की खुराक, टीके तथा पोलियो ड्रॉप्स में प्राप्त कर चुके है | भारत 27-मार्च, 2014 से पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया गया है परन्तु इसके वापस आने की संभावनाओं को देखते हुए अभी भी पोलियो वक्सीनशन तथा पल्स पोलियो ड्रॉप्स, बच्चो को पिलाना ज़रूरी है |
पल्स पोलियो(Pulse Polio) ड्रॉप्स सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य एवं ग्राम क्लिनिक में निशुल्क उपलब्ध होगा | इनके अलावा नगर के प्रमुख स्कूलों तथा स्थानों में भी पल्स पोलियो अभियान को चलाया जायेगा | . [खबर है - क्या हैं कोरोना वायरस से मौत के मामले, लक्षण और बचाव के उपाय?]
इस साल भी कई राज्यों में 18 सितंबर से 22 सितंबर 2022 को पल्स पोलियो अभियान को इन प्रमुख शहरों में लागू किया है।
City Name | Polio Date |
Delhi | 18 सितंबर 2022 |
उत्तर प्रदेश | 18 सितंबर से 22 सितंबर |
बिहार | 18 सितंबर से 22 सितंबर |
मध्य प्रदेश | 18 सितंबर 2022 |
Mumbai | 19 जून'2022 |
Ahmedabad | 19 जून'2022 |
Chandigarh | 19 जून'2022 |
मान लीजिए की किन्हीं कारणों से आप अपने बच्चे को सरकारी कार्यक्रम के तहत पोलियो की खुराक नहीं दिलवा पाएं हैं तो इसको लिए बहुत परेशान ना होएं क्योंकि अगर आपके बच्चे को बूस्टर डोज दे दी गई है तो उसमें भी पोलियो टीकाकरण मौजूद होता है। लेकिन इसके साथ ही आपको ये भी जान लेना चाहिए कि ये सिर्फ डेढ़ साल तक के बच्चों को दिए जाने वाले बूस्टर डोज में मौजूद होता है। इसलिए आप हर बार बच्चे को पोलियो ड्रॉप्स जरूर पिलवाएं। बच्चे के नियमित वैक्सीकरण जो किसी भी अस्पताल से कराए जाते हैं और वहां भी पोलियो की खुराक भले बच्चे को मिल चुकी हो इसके बावजूद भी आपको सरकारी अभियान में पोलियो ड्रॉप्स अपने बच्चे को देना जरूरी है।
पोलियो या 'पोलियोमेलाइटिस' भी कहा जाता है एक संक्रामक रोग है जो आमतौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति मे संक्रमित तरीके जैसे की कफ, मल, मूत्र, दूषित जल तथा खाद्य पदार्थों माध्यम से फैलता है। यह वायरस अधिकतर तौर पे संक्रमित व्यक्ति के रीढ़ की हड्डी तथा शरीर के प्रमुख चलायमान अंग जैसे की पाँव और हाथ को नुक्सान पंहुचा सकता है। इसके अधिक संक्रमण से हाथ और पाँव को लकवा भी मार सकता है। Next: एमआर टीकाकरण अभियान 2018 बच्चों को मीजल्स (खसरा) और रूबेला से बचाने के लिए
अधिकांश मामलो में संक्रमित व्यक्तियों को लक्षणों का पता नहीं चलता किन्तु अधिक संक्रमण से पोलियो के प्रमुख लक्षण इस प्रकार है:
फ्लू जैसा लक्षण
पेट का दर्द
गर्दन की जकड़न
मांस-पेशियाँ नरम होना तथा विभिन्न अंगों में दर्द होना
मांस पेशियों में जकड़न
अतिसार (डायरिया)
मस्तिष्क और मेरुदंड का गंभीर संक्रमण
मांस पेशियों में दर्द, नरमपन और जकड़न
गर्दन न झुका पाना, गर्दन सीधे रखना या हाथ या पांव न उठा पाना
मस्तिष्क वृंत (Brain Stem) किस्म - इस प्रकार में संक्रमित बच्चे या व्यक्ति को भोजन निगलने तथा साँस लेने में कष्ट होता है एवं हृदय की गति की अनियमितता हो जाती है।
बच्चो को पोलियो की वैक्सीन के टीके लगवाने से उन्हें इस खतरनाक बिमारी से बचाया जा सकता है । जहाँ तक संभव हो सके समय समय पर इन पल्स पोलियो वैक्सीनशन तथा पल्स पोलियो ड्राप पीला या लगा कर अपने बच्चो को इस खतरनाक बिमारी से बचाया जा सकता है | पोलियो की दवा इस अंतराल पे दिलाएं
जन्म के समय पर
छह सप्ताह पर
दस सप्ताह
14 सप्ताह
एक या डेढ़ साल पर (बूस्टर)
आगे देखें - पोलियो बीमारी से बचाओ के लिए ज्यादा जानने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को जरूर देखें।
पोलियो से बचाव् के लिए बच्चे के जन्म के बाद तथा ऊपर दिए गए अंतराल पे टीकाकरण कराना अत्यंत ज़रूरी है | पोलियो वायरस के विरूद्व प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने के लिए 'नियमित टीकाकरण कार्यक्रम' व 'पल्स पोलियो अभियान के उन्तर्गत पोलियों वैक्सीन की खुराकें अपने बच्चो 0-5 वर्ष तक दिलाना चाहिए ।
बच्चों का मुफ्त टीकाकरण सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों परउपलब्ध है।सभी राज्यों ने एक निश्चित तिथि व निश्चित समय तथा स्थान निर्धारित किया है, जिस दिन सभी बच्चों को टीका दिया जाता है।बच्चों के टीकाकरण के सम्बन्ध में हर गाँव में प्रतिमास निश्चित दिन पर एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता दौरा करती है तथा शहरों में अखबार एवं होर्डिंग के माध्यम से पेरेंट्स को सूचित किया जाता है|
ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV) का आविष्कार रूसी वैज्ञानिक डॉ. अल्बर्ट सेबिन ने 1961 में किया थाओर पोलियो वैक्सीन में विशेष प्रकिया द्वारा निष्क्रिय किये गये पोलियो के जीवित विषाणु होते हैं। इस विशेष प्रकिया में पोलियो विषाणु की बीमारी पैदा करने की क्षमता समाप्त कर दी जाती है, परन्तु से पोलियो बीमारी के विरूद्व प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करती है।
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