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घर पर कोरोना से निपटने के 10 उपयोगी सुझाव

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Dr. Vikas Singhal

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4 years ago

घर पर कोरोना से निपटने के 10 उपयोगी सुझाव

एक हेल्थ प्रफेशनल होने के नाते मैं खुद कोरोना संक्रमण (कोविड-19) के कुछ हल्के लक्षण दिखने पर होम आइसोलेशन से गुजर रहा हूं, कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें मैं सभी के साथ साझा करना चाहता हूं। ऐसा करने से पहले हालांकि मैं यह कहना चाहता हूं कि इलाज के संबंध में हम 6 महीने पहले जिस स्थिति में थे, उससे थोड़े ही समझदार हुए हैं। हालांकि अच्छी खबर यह है कि अब टीकाकरण (Vaccination) उपलब्ध है। ऐसे में जरूरी है कि जब तक आपको पूरी तरह टीका नहीं लग जाता, तब तक आप कुछ और समय के लिए संयम से रहें। मेरी पत्नी की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने और कोई भी लक्षण न होने का एकमात्र कारण यही है कि वह कोरोना का टीका लगवा चुकी थी। इसलिए मैं फिर से दोहराता हूं कि अच्छे इलाज की अनुपस्थिति तक आप कृप्या सावधानी बरतें। सबसे महत्वपूर्ण ये है कि आप घर से जब भी बाहर निकलें तो मास्क जरूर लगाएं। 

लेकिन इतनी सावधानियों के बरतने के बावजूद इसकी चपेट में आ जाते हैं, जैसा कि 1 साल तक महामारी में मरीजों को सावधानी से देखने के बाद भी मेरे साथ हुआ। क्योंकि किस्मत से मुझे टीका लग चुका है ऐसे में मैं आश्वस्त हूं कि मुझे गंभीर बीमारी होने की आशंका नहीं है। तमाम सावधानियों के बावजूद भी अगर आप इस वायरस की चपेट में आते हैं, तो उसके लिए मैं बताऊंगा कि आपको क्या करना चाहिए।

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    1. किसी भी तरह के फ्लू के लक्षण दिखने पर रिपोर्ट का इंतजार किए बिना फौरन खुद को परिवार से अलग यानी आइसोलेट कर लें। मौजूदा समय में गले में खराश, बहती नाक, खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्कत, दस्त, शरीर में दर्द जैसे फ्लू के कोई भी लक्षण कोरोना से जुड़े हो सकते हैं, जब तक कि यह गलत साबित न हो जाए। खासतौर पर अगर आपको ये लगता है कि ये लक्षण सामान्य फ्लू से अधिक हैं तो अतिरिक्त सतर्क रहें। फौरन कोविड (COVID-19) टेस्ट कराएं, इनकार करने या टालने के मूड में न रहें। English में इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें:- Managing COVID 19 at home 10 practical tips coming from experience
       
    2. अगर आपको कोई बड़ी चिकित्सा समस्या (Medical Problem)  नहीं है तो होम आइसोलेशन बेहतर विकल्प है। अधिकांश लोग होम आइसोलेशन में ठीक हो सकते हैं, इसलिए अपने घर को इस हिसाब से तैयार रखें। इसमें अटैच वॉशरूम सबसे जरूरी है। इसके अलावा खिड़की व बालकनी वाला कमरा हो तो और बेहतर। आप सुनिश्चित करें कि आपके पास सैनिटाइजर, साबुन, बाल्टी, बर्तन धोने वाला लिक्विड, कपड़े के लिए कीटाणुनाशक स्प्रे और कीटाणुनाशक पोछे की आपूर्ति हो।
       
    3. अतिसक्रियता के साथ अपने जनरल फिजिशियन या हॉस्पिटल के फिजिशियन से परमार्श करें। मौजूदा हालात में फोन पर परामर्श सबसे बेहतर होगा। डॉक्टरों को भी दुर्लभ मामलों में आपके संपर्क में आना चाहिए। तब जब आपकी स्थिति बगड़ गई हो या आपको तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो।
       
    4. अच्छा पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर आवश्यक है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि आप दिन में कम से कम तीन बार ऑक्सीजन परिपूर्णता/संतृप्ति की निगरानी करें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह 94 से नीचे या बेसलाइन से नीचे नहीं गिरा है। ऑक्सीजन संतृप्ति के अलावा आपको अपनी पल्स की भी निगरानी करनी चाहिए। यह आपको एक अतिरिक्त विचार देगा कि उत्तेजक या भड़काने वाली प्रक्रिया का स्थायीकरण हो रहा है या ये खत्म हो रही है। मैंने देखा कि मेरी प्लस (नाड़ी) तीन दिनों में क्रमशः 100 से 80 पर आ गई है, जो मुझे आश्वस्त कर रही थी। इससे बुखार भी 2-3 दिनों में तेजी से खत्म होना चाहिए।
       
    5. स्वस्थ देखभालकर्ता विशेष रूप से अपके स्पाउस या वो रिश्तेदार व दोस्त हैं जिन्हें टीका लग चुका है। आप इनके बिना बहुत कुछ हासिल नहीं कर सकते। टीकाकृत देखभालकर्ता आपके भोजन, कपड़ों व अन्य चीजों की आपूर्ति में मदद करने के साथ-साथ आपके दिमाग से काफी अधिक तनाव को हटाकर आपके 2 हफ्ते के क्वारंटीन समय को बहुत आसान बना देगा।
       
    6. स्थानीय फार्मेसी का नंबर व संपर्क बनाकर जरूर रखें। हालांकि नरम कोविड के खिलाफ काम करने के लिए अभी तक ऐसी कोई दवाई बाजार में नहीं है, लेकिन इस स्थिति में मल्टीविटामिन, जिंक और अन्य सप्लिमेंट्स लेने में कोई नुकसान नहीं है। इसलिए डॉक्टर इन सबको लेने की सिफारिश करते हैं। आपकी व्यक्तिगत स्थिति को देखते हुए आपका डॉक्टर आपको स्टेरॉयड टैबलेट, ब्लड थिनर आदि की भी सिफारिश कर सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने घर के आसपास के ऐसे फार्मेसी वाले से संपर्क बनाकर रखें और उसका नंबर अपने पास रखें ताकि जरूरत पड़ने पर वह फौरन आपको यह दवाइयां पहुंचा सके। बेशक कोविड-19 के खिलाफ अभी कोई निश्चित दवाई नहीं है, लेकिन इसके अभाव में भी मानव शरीर 90 प्रतिशत से अधिक मामलों में इस वायरस से अच्छे से लड़ता है। इसलिए कृप्या अपने शरीर का ख्याल रखें। अच्छी तरह से खाएं, ज्यादा से ज्यादा ताजे फल, सब्जियां व प्रोटीन का सेवन करें। रोजाना कम से कम आधे घंटे व्यायाम करें और अच्छी तरह से आराम करें।
       
    7. एक ऐसे लोकल लैबोरेटरी (प्रयोगशाला) का नंबर रखें, जो घर से आपका सैंपल ले सके। इस स्थिति में जरा सा भी शक होने पर आपका डॉक्टर कुछ ब्लड टेस्ट व अन्य टेस्ट की सिफारिश कर सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप पास के किसी ऐसे लैब का नंबर अपने पास रखें जो घर आकर आपका व आपके परिवार का सैंपल कलेक्ट कर सके। अभी अधिकांश लैब मानक के अनुसार कोविड-19 पैनल चला रहे हैं, जिसमें डी-डिमर, सीआरपी, आईएल-6 और अन्य ब्लड टेस्ट शामिल हैं।
       
    8. जरूरत के अनुसार कुछ लोगों को ही इसके बारे में बताएं। कोविड पॉजिटिव होने को अपना वॉट्सऐप स्टेटस या फेसबुक पोस्ट न बनाएं। बेशक शुरुआती दिनों में आपको यह जोक लगे, लेकिन बाद में यह बीमारी अप्रत्याशित हो सकती है। ऐसे में आपको बहुत आराम करना होगा और आप नहीं चाहेंगे कि तब आपका फोन लगातार बजता रहे। वास्तव में जहां तक संभव हो आप इस दौरान खुद को सोशल मीडिया से दूर रखने की कोशिश करें। आपको अपने जीवन में फिर कभी ऐसे शांतिपूर्ण दो सप्ताह नहीं मिलेंगे।
       
    9. जहां तक संभव हो खुद को सक्रिय रखें। इस बीमारी में खुद को सक्रिय रखना बहुत जरूरी है। उम्मीद है कि शुरुआती 3-4 दिनों में आप इसके लक्षणों के सबसे बुरे हिस्से से लड़े होंगे। इसलिए जितनी जल्दी हो सके, आप फिर से सक्रिय हो जाएं। बिस्तर पर लंबे समय तक लेटने से बचें। इसकी जगह आप रुक-रुककर आराम करें। यह आश्चर्यजनक है, लेकिन सच भी है कि अगर आप लंबे समय तक बिस्तर पर रहते हैं तो इससे आपके शरीर में अकड़न आ जाती है। आपका शरीरी जितनी अनुमति दे, उस हिसाब से आराम-आराम से स्ट्रेचिंग करें, खास तौर पर पीठ और जोड़ों के लिए। आपको इस दौरान व्यायाम भी करना चाहिए।
       
    10. इस स्थिति में ज्यादा पागल न बने या जहाज से बाहर न जाएं। धीरे-धीरे आप महसूस करेंगे कि यह बीमारी प्रमाण से ज्यादा व्यवहारिक ज्ञान सामान्य बुद्धि की चीज है। आपको इसमें वो करना चाहिए जो तर्कसंगत लगे। सिर्फ पागलों की तरह खुद को व कमरे को सैनिटाइज ही न करते रहें। जितनी जल्दी हो सके दैनिक दिनचर्या को फिर से शुरू करने की कोशिश करें। समय पर भोजन करें, कम से कम भोजन के समय अपने परिवार के साथ विडियो कॉल पर बात करें। इससे आप खुद को सामान्य और अपनों के करीब महसूस करेंगे। इस दौरान अच्छी किताबें पढ़ें, संगीत सुनें, आराम करने की कोशिश करें। क्योंकि यह बीमारी अप्रत्याशित है, ऐसे में इसका थोड़ा बहुत डर होना ठीक है, लेकिन इसे लेकर पागल न हो जाएं।

    सकारात्मक रहने की बात कहने की जगह मैं यह कहूंगा कि, अपने ऊपर नकारात्मकता को आने न दें।

     

    डॉ. विकास सिंघल,सीनियर कंसल्टेंट, डिपार्टमेंट ऑफ जीआई एंड बैरिएट्रिक सर्जरी

    मेदांता मेडिसिटी हॉस्पिटल

    सेक्टर-38, गुरुग्राम, हरियाणा

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