बच्चों को खेल-कूद के लिए ...
आज National Sports Day 2019 के अवसर पर कुछ बातें याद आ रही हैं। आपको अपना बचपन तो ठीक से याद होगा जब आपके मम्मी-पापा आपको खेलता देखकर आपकी पिटाई कर देते थे और हमेशा पढ़ने के लिए बोलते रहते थे। वो कहा करते थे "पढ़ोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे तो होगे खराब..।" ये कहावत अब गुजरे जमाने की बात हो गई है। अब खेलने-कूदने वाले आइकन बच्चों के दिलों पर राज कर रहे हैं। खास बात यह है कि जिस तरह माता-पिता सुबह-सुबह अपने बच्चों के बस्ते सेट करते हैं आज उसी तरह वे शाम को उनके किट बैग का भी खयाल रखना नहीं भूलते।
कहते हैं कि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग का वास होता है। बात छोटी सी है, लेकिन सोचने वाली है। स्वस्थ दिमाग है कहां। किताबें पढ-पढ कर कभी किसी का दिमाग स्वस्थ हुआ है। आम तौर पर खेल के चक्कर में बच्चों को हमेशा डांट पडती है। बचपन से ही सिखाया जाता है कि खेलोगे-कूदोगे तो होगे खराब, पढोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब। ये नहीं खेलो, वह मत खेलो, घर में खेलो, होमवर्क करना है, नहीं तो स्कूल में डांट पडेगी। शाम को बाहर मत खेलना, पापा ऑफिस से आएंगे तो गुस्सा करेंगे। पापा को भी घर में हाथों में किताब लिया बच्चा अच्छा लगता है। कहीं आप भी तो अपने बच्चे के साथ ऐसा नहीं कर रहे हैं।
अब खेलने-कूदने वाले हीरो बच्चों के दिलों पर राज करते हैं। बच्चो को खेल के लिए प्रोत्साहित करना आपका कर्त्तव्य है। जिस तरह आप माता-पिता सुबह-सुबह अपने बच्चों के स्कूल बैग को तैयार करते हैं आज से उसी तरह उनको खेल का सामान का किट का भी खयाल रखना नहीं भूलें।
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