आपके घर में कौन-कौन सी ची ...
अभी देश भर में लॉकडाउन लागू है और आप भी अपने-अपने घरों में ही रह रहे होंगे। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए आप और आपका पूरा परिवार सभी प्रकार के निर्देशों का पालन भी नियम से कर रहे होंगे लेकिन इसके साथ ही आपको सुरक्षा के लिए अपने घर के अंदर भी कुछ महत्वपूर्ण बातों का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है। क्या आप जानते हैं कि घर के अंदर के कुछ सामान भी कोरोना वायरस के कैरियर हो सकते हैं? तो चलिए आज हम आपको इस ब्लॉग में बताने जा रहे हैं कि घर के अंदर के कौन से सामान कोरोना वायरस कैरियर हो सकते हैं और इनसे बचने के लिए आपको क्या उपाय आजमाने चाहिए।
यह अति महत्वपूर्ण जानकारी है। आप अपने घर के अंदर भी बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ सावधानियां जरूर बरतें।
अपने बच्चे को फिलहाल किसी से हाथ नहीं मिलाने के लिए अच्छे से समझा दें।
अभी ना तो आप अपने बच्चे से गले मिलें और ना ही किसी को मिलने दें। बच्चों को भी इसके बारे में अच्छे से समझा दें। सोशल कॉन्टैक्ट से बचने की शिक्षा बच्चे को जरूर दें।
बच्चों की आदत होती है कि किसी की गोदी में चले जाना, अभी आपको एहतियात बरतने की आवश्यकता है और अपने बच्चे को किसी की गोदी में जाने से परहेज रखें।
बाहर से खरीदकर लाई हुई कोई भी वस्तु सीधे बच्चे को खाने के लिए नहीं दें। अच्छे तरह से सेनेटाइज करने के बाद ही बच्चे को दें।
फल भले बहुत फायदेमंद होता है लेकिन फलों को अच्छे से साफ करने के बाद ही यानि की वायरल लोड कम करने के बाद ही खाने के लिए दें। जहां तक संभव हो फलों का छिलका उतारकर ही इस्तेमाल में लाएं।
बच्चे को अगर सर्दी खांसी हो गया है तो उनको आइसोलेट कर दें, इस दौरान बच्चे की देखभाल करने के लिए या तो मां या फिर पापा साथ में रहें।
लॉकडाउन के इस समय में अपने घर में बच्चों को व्यस्त रखें, बच्चों का मनोरंजन करें,बोर्ड गेम्स व अन्य इनडोर गेम्स खेलते रहें ताकि बच्चा बोर ना फील करे
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सबसे बेहतर उपाय यही है कि हम अपने घर के अंदर ही रहें लेकिन इसके साथ ही आपको फोमाइट यानि ऐसी चीजें जो वायरस कैरियर हो सकती है उनसे सावधान रहने की जरूरत है।
यह एक बहुत अहम सवाल है क्योंकि रोजमर्रा की जिंदगी में फल, दूध, सब्जियां व अन्य प्रकार की खाद्य सामग्रियों के बगैर काम नहीं चल सकता है। और इनमें से कुछ वैसे सामान भी शामिल हैं जिनको हम बहुत दिनों तक स्टोर करके रख भी नहीं सकते हैं, उदाहरण के लिए दूध, सब्जियां, फल। जब हम फल-सब्जियां या दूध के पैकेट को खरीदकर लाते हैं तो क्या हमें इनको भी सेनेटाइज करना चाहिए और अगर सेनेटाइज करना भी है तो इसकी प्रक्रिया क्या है? इस सवाल का उत्तर दिया है SHRC की डायरेक्टर डॉ शिखा पवार ने।
अखबार यानि न्यूजपेपरों को सेनेटाइज कैसे करें- डॉ शिखा पवार कहती हैं कि बेहतर तो यही होगा कि कुछ दिनों के लिए अभी न्यूजपेपर ना पढ़ें क्योंकि प्रिंट होने के बाद न्यूजपेपर कई जगहों से होकर आती है और अखबार भी वायरस कैरियर हो सकते हैं। लेकिन अगर अखबार पढ़ने की आदत ही है तो न्यूज पेपर आने के 6-12 घंटे के बाद पढ़ें और अगर मुमकिन हो तो न्यूज पेपर को कम से कम 7-8 घंटे के लिए धूप में रख दें। धूप में इतनी देर रहने से वायरस का लोड कम हो जाता है।
दूध की थैली को कैसे सेनेटाइज करें- डॉ शिखा पवार के मुताबिक जब कभी आपके घर में दूध की थैली आए तो आप उसके पैकेट को डिटर्जेंट से अच्छी तरह धो लें। डिटर्जेंट के प्रभाव से दूध की थैली पर वायरस का लोड काफी कम हो जाता है। इसके बाद आप दूध को थैली से निकालकर बर्तन में रख लें औऱ अच्छे से उबाल कर फिर इस्तेमाल करें।
सब्जियां-फल खरीदकर लाने के बाद क्या करना चाहिए- ये एक अहम सवाल है, इसके बारे में डॉक्टरों का कहना है कि सबसे पहले तो आप जिस थैली में सब्जी और फल लेकर आए हैं उसको डिस्पोज कर दें। फल और सब्जियों को वेजीटेबल फूड वॉश में धो लें इससे वायरस का लोड कम हो जाता है। इसके अलावा आप सब्जियों और फलों को अच्छी तरह साफ पानी से भी धो सकती हैं। फलों के छिलके को साफ करके ही खाने के लिए इस्तेमाल करें।
अपने घरों में प्रतिदिन सफाई का खास ख्याल रखें, डोर नॉब्स, हैंडल, ताला, इत्यादि की भी सफाई का ध्यान रखें। कहीं बाहर से घर में प्रवेश करने पर हैंड वॉश को नियम बना लें।
अब आपके मन में ये भी जिज्ञासा जरूर होगी कि अगर कोराना वायरस का प्रभाव किस सामान पर कितने देर तक बना रह सकता है। तांबा पर 4 घंटे, शीशे पर 4 घंटे, रबर पर 8 घंटे, पॉलिथिन पर 16 घंटे, कार्डबोर्ड पर 24 घंटे, प्लास्टिक पर 72 घंटे, स्टेनलेस स्टील पर 72 घंटे, हवा में 3 घंटे तक कोरोना वायरस जीवित रहता है।
एक और महत्वपूर्ण बात की अभी ज्यादातर ऑनलाइन पेमेंट के विकल्पों का ही इस्तेमाल करें, अगर एटीएम का इस्तेमाल करना है तो टिश्यू पेपर या टूथपिक का प्रयोग करें और फिर इसके बाद टिश्यू पेपर को डिस्पोज जरूर कर दें।
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