कोरोना काल में बच्चे को इ ...
अभी आप और हम ऐसे दौर से गुजरें और गुजर रहे हैं, वह बेहद मुश्किल है। हम सबकी दिनचर्या को कोरोना ने अस्त-व्यस्त कर दिया है। हम आप तो बडे हैं, एडजस्ट कर लेते हैं लेकिन, सोचा है कि बच्चों पर क्या बीत रही है? उनके सामने क्या दिक्कत है ? क्या आपने उनसे बात की है ? उनके बारे में सोचा है ? यदि अब तक नहीं, तो इस पर सोचिए। आपको उनकी चिंता करनी चाहिए। उन्हें मोटिवेट करना चाहिए। कोई नहीं बेटा, डाॅन्ट वरी। सबकुछ ठीक हो जाएगा। मैं हूं न। कुछ ऐसी ही बातें करें उनसे। यकीन मानिए, उन्हें अच्छा लगेगा।
बच्चों की खुशियों में अपनी खुशियां तलाशें। उनके खेलों में हिस्सा लें और अगर वे जीतते हैं, तो उनकी कामयाबी को सेलिब्रेट करें। इससे उन्हें अहसास होगा कि आप उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं।
जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि हर उम्र में बच्चे को एक अलग प्रोत्साहन की जरूरत होती है। माता-पिता का कर्तव्य होता है कि उन्हें सही दिशा प्रदान करें, जिससे वे अपने लक्ष्य को हासिल कर सकें। एक माता पिता के रूप में आपकी जिम्मेदारी सबसे अधिक है। याद रखिए, कोरोना केवल आपके लिए ही संकट ले कर नहीं आया है। आपके बच्चों को भी दिक्कत है। इसलिए उनका बेहतर साथ निभाएं।
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