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क्या हैं बच्चों को व्यस्त रखने के आसान तरीके ?

3 to 7 years

Maheshu Sarann

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5 years ago

क्या हैं बच्चों को व्यस्त रखने के आसान तरीके ?

घर के अंदर अपने फुर्तीले शिशु को व्यस्त रखना आसान नहीं होता, खासकर जब किसी चीज में ज्यादा देर तक उसका मन नहीं लगता और खिलौनों से भी बड़ी जल्दी उसका मन भर जाता है। अगर आपका बच्चा भी नटखट और शरारती है तो अपनी ऊर्जावान शिशु को मौज-मस्ती और खेल-खेल में कुछ सिखाने और उसे व्यस्त रखने के लिये ये तरीके आपके काम आ सकते हैं।  हम यहां आपको कुछ उपयोगी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जो घर में आप और शिशु दोनों का मन बहलायेंगी।

शिशु का मन बहलाने और व्यस्त रखने के लिए उपाय / Ways to Keep Your Baby Entertained & Busy in Hindi

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    दिन भर काम या ऑफिस के बाद, हम आपके लिए दिन भर बच्चों को संभालना थोड़ा कठिन हो जाता है, इसलिए कुछ ऐसे तरीके जो आपके बच्चे को बिजी और खुश रखेंगे। जरूर पढ़ें ...

    #1. पहले कार्यक्रम बनायेंः

    इससे आपको कब, क्या करना है, यह पता हो जाता है। इसमें मौज-मस्ती से सीखने वाल कामों और खेलों को शामिल करें। हर हफ्ते के आखिर में अगले हफ्ते करने वाली चीजों को तय करें। जब आप खाने, नहाने आराम करने और सोने के समय का हिसाब लगायेंगी तों आपके पास शायद तीन से पांच घंटे का समय इन कामों के लिये बचा रहेगा। आप इस समय में कुछ मेहनती कामों को मिला कर सीखने वाले खेल, घर के अंदर खेले जा सकने वाले खेल और चित्रकारी और शिल्पकारी की मदद से अच्छी तरह से बच्चे का मन बहला सकती हैं और शिशु को ज्यादा नहीं पर कुछ देर तक टेलीविजन भी देखने दे सकती हैं। इसके लिये वह समय चुनें जब शिशु पूरी तरह से चुस्त हो जैस दोपहर की झपकी लेने के बाद।

    #2. शारीरिक कामः

    शारीरिक मेहनत वाले कामों में मौज-मस्ती शामिल होने से शिशु की ऊर्जा को दिशा देने में मदद मिलती है। घर के अंदर खेलने वालें खेलों के जरिये आप शिशु को ऐसे शारीरिक कामों में व्यस्त रख सकते हैं। आपको बाहर जाकर शिशु को क्रिकेट, बैडमिंटन, बास्केटबाॅल, बाॅलिंग या और कोई खेल सिखाने की जरूरत नहीं है। घर की बैठक या खाना खाने वाले कमरे में थोड़ी जगह बनाकर शिशु के साथ खेलने के लिये तैयार हो जायें। घर अंदर खेलने वाले खेल जैसे लुका-छिपी, पकड़ा-पकड़ी, गेंद लपकना और रस्सी कूदना जैसे खेल शिशु को घर में दौड़-भाग कराने के आसान तरीके हैं। या आप पता लगा सकती हैं कि आजकल कौन से खेल शिशु के लिये बेहतर हैं। खेल को दिलचस्प बनाने के लिये घर के अलग-अलग कमरों में खेलने की कोशिश करें।    

    #3. शिशु के लिये घर के कामों को मजेदार बनायेंः

    अपने 3 साल की शिशु को घर के कामों में शामिल करें जैसे धुले हुये कपडों को टांगते समय उसे कपड़ा फंसाने की चिमटी देने, खाने की मेज पर चटाई बिछाने, धुले बर्तनों को सजाने या टेबल से धूल हटाने के लिये कहें। अच्छा काम करने पर हर बार ताली बजाकर उसकी तारीफ करें। इससे उसका हौसला बढ़ेगा और आपका काम भी जल्दी से हो जायेगा।  

    #4. मन बहलाने के लिये नाचना-गानाः

    गाना बजायें और आवाज बढ़ा दें (यकीनन् ज्यादा नहीं)। अपनी शिशु को उसकी पसंदीदी धुन पर नाचने दें। अगर आपके एक से ज्यादा बच्चे हैं तो उनमें मुकाबला करा कर इसे और मजेदार बना सकती हैं। और बेहतर होगा यदि आप भी इसमें शामिल हो जायें।[ इसे जानें - क्या है बच्चे को प्रोत्साहित करने का सही तरीका ?]

    #5. रूकावट को फांदनाः

    आप शिशु के लिये तकिये, कुर्सियां, डलिया या जो कुछ भी आपके पास है, से एक छोटी आड़ बनायें और अपने शिशु के साथ दौड़ लगायें पर इस खेल को खेलने से पहले उस जगह से नुकीले कोनों वाली टेबल और सभी नुकीली चीजें को हटा दें।

    #6. हर जगह गुब्बारे होंः

    पहले से हवा भरे हुये गुब्बारों के बजाय कुछ सादे गुब्बारे खरीदें और उन्हें फुलायें। आपकी शिशु को इन हवा भरे गुब्बारों को इधर-उधर फेंकना अच्छा लगता है। उसके साथ हवा भरे गुब्बारे से टेनिस खेलें। गेंद के बजाय गुब्बारे सुरक्षित होते हैं और उनसे घर में चीजों के टूटने का खतरा नहीं होता। अगर गुब्बारा फूट जाता है तो इसके टुकड़ों को तुरंत घर से बाहर फेंक दें।

    #7. खेल-खेल में पढ़ायेंः

    शिशु को खेल-खेल में सिखाने वाले खेलों में शामिल करें जैसे ब्लाॅक जोड़ने-लगाने वाले खेल। ज्यादातर जोड़ने-लगाने वाले ब्लाॅक पर नंबर या अक्षर लिखे होते हैं और यह कई रंगों के होते हैं। आप शिशु को इन अक्षरों को सिखा सकते हैं या जोड़ना सिखा सकते हैं क्योंकि शिशु को इस खेल में मजा आता है। फ्लैश कार्ड भी बच्चों को सिखाने का अच्छा तरीका है। आप इन्हें घर पर ही बना सकती हैं या बजार से खरीद सकती हैं। आमतौर पर कार्ड के एक तरफ एक कोई अक्षर होता और दूसरी तरफ इस अक्षर से शुरू होने वाली तस्वीर। पहेलियां शिशु को व्यस्त रखने का एक और तरीका है। उसे एक पहेली हल करके दिखायें और उसे दूसरी पहेलियां हल करते हुये देखें।

    8. कहानियां पढ़नाः

    शिशु के साथ पढ़ना, उसे बच्चों की कविताऐं और कहानियों की पहचान करा कर उसमें किताबों की दिलचस्पी बढ़ाने में आपकी मदद करता है। आप जोर-जोर से पढ़ें और शिशु को अपनी नकल करने के लिये कहें। [जानिएक्या हैं फायदे बच्चों को कहानी सुनाने के ?]

    9. चित्रकारी करनाः

    शिशु को चित्रकारी करने दें और उसे चित्र बनाने, रंग भरने और पेंटिंग के कामों में शामिल करें। इसके लिये आप रंग भरने वाली किताबें या सादा पेपर भी इस्तेमाल कर सकती हैं। शिशु को व्यस्त रखने के लिये आप सभी तरह के रंग भरने और पेंटिंग करने के तरीके अपना सकती हैं, हाथों और उंगलियों को इस्तेमाल भी कर सकती हैं। सब्जियां जैसे भिण्डी या आलू को काटकर इसे रंग में डुबा कर इससे सादे कागर पर छापें, रंग भरें या मजेदार आकार बनायें।

     

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