
कोरोना के उपचार में अपने ...
कुछ देशों में COVID-19 की जाँच और अस्पताल की सुविधाएँ सीमित होती जा रही हैं. इस वीडियो में मेरी तरफ से कुछ सलाह हैं जो अस्पताल न मिलने की स्थिति में घर पर भी की जा सकती हैं. कई जगह मैंने इस्तेमाल के तरीकों को कर के दिखाया भी है. ये आप को घर में रह कर माइल्ड करोना से निपटने में मदद करेंगी और आने वाली ज्यादा मुश्किलों से बचा सकती हैं. मेडिकल सलाह जरूर लें, अगर डॉक्टर से मिलना संभव नहीं है तो फ़ोन पर ही सही.
मैंने इन्हें तीन हिस्सों में पेश किया है: घर में रख सकने वाली कुछ जरूरी चीज़ें:, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए, विषाणु संक्रमण रोकने के तरीके, श्वास लेने और छोड़ने के कुछ कारगर अभ्यास.
घर में रख सकने वाली कुछ जरूरी चीज़ें:
1. पल्स आक्सिमीटर: सामान्य सीमा 95-100%. अगर आक्सिमीटर आप को 93% से कम की सूचना देता है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ, संक्रमित होने से 14 दिन तक दिन में एक बार जरूर पल्स आक्सिमीटर का प्रयोग करें
2. बड़े गुब्बारे
3. पेय पदार्थ के साथ इस्तेमाल की जाने वाली स्ट्रॉ
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के तरीके:
1. सेहतमंद खाना खायें (शराब, जंक फ़ूड, प्रोसेस्ड खाने की चीज़ें, चीनी भरे पेय पदार्थ और कार्बोकृत फिज़ी पेय से बचें)
2. पानी की कमी न होने दें
3. पूरी रात की नींद, आठ घंटे या और ज्यादा
4. प्रसन्न और आस्वस्त रहें. सकारात्मक सोच रखने के बहुत फ़ायदे हैं.
5. हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक रखने के लिए रोज़ाना: विटामिन सी, विटामिन डी और विकल्प के तौर पर दवाएं जैसे कि हल्दी, इचिनेसिया वगैरह.
विषाणु संक्रमण रोकने के लिए:
1. दिन में दो बार बिटाडीन या खारे पानी से गरारे करें.
2. बिटाडीन की कुछ बूँदें खारे पानी से भरी बोतल में मिला दें. दिन में दो बार इसे नाक के भीतर स्प्रे कर सकते हैं.
3. एक पिचक सकने वाली बोतल लें. इस अनुपात में मिलाएं: 250 मिली लीटर खौला कर ठंडा किया पानी, आधा चम्मच बाई कार्बोनेट सोडा, आधा चम्मच नमक और बिटाडीन की कुछ बूँदें। दिन में कई बार इस से नाक के भीतर का हिस्सा धो सकते हैं.
4. अगर आप के स्वाद और सूंघने की शक्ति कमजोर हो रही हो तो विक्स की भाप भी ले सकते हैं.
5. बंद नाक को खोलने के कुछ उपाय: ऑट्रिविन नसल स्प्रे, फैनीलेफ्रीन , एंटी हिस्टामिन की गोलियां.
श्वास लेने और छोड़ने के कुछ कारगर अभ्यास
1. 3 सेकंड तक साँस बाहर करें और फिर रोके रहें. उसके बाद 3 सेकंड तक साँस अंदर करें और अंदर ही साँस रोके रहें. साँस बाहर करते वक़्त ख्याल ये रखना है कि फेफड़े पूरी तरह खाली हो जायें और उसके ठीक बाद वाली अंदर ली गई एक गहरी साँस आप के फेफड़े को, आश्चर्यजनक रूप से, भरपूर ऑक्सीजन से भर देगी.
2. आप एक अदने से गुब्बारे से लगभग वह हासिल कर सकते हैं जो डॉक्टर अस्पताल में वेंटिलेटर जैसी जटिल मशीन से करते हैं. PEEP (Positive End Expiratory Pressure) वेंटिलेटर से लगाया गया एक दबाव होता है जो हर सांस के बाद फेफड़े की हवा वाली थैलियों को एकाएक ढहने से बचाता है. बिस्तर या कुर्सी पर बैठ कर अगर आप गुब्बारे फुलाते हैं तो इससे भी आपके फेफड़ों को भरपूर ऑक्सीज़न मिलने में मदद मिलेगी.
3. बचपन में हम खेल-खेल में स्ट्रॉ से पानी में बुलबुले बनाते थे. ऐसा करना भी एक कारगर उपाय बन सकता है.
4. पेट के बल औंधे मुँह सो कर भी आप फेफड़े के सबसे निचले हिस्से की हवा की थैलियों को ढहने से बचा सकते हैं.
घबरायें मत, खुश रहें, स्वस्थ्य रहें और सुरक्षित रहें
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