अफवाहों पर ध्यान ना दें प ...
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना समेत कई और राज्यों में पोलियो की दवा के कुछ बैच में संक्रमण पाए जाने की खबरों के सामने आने के बाद अब बहुत सारे माता-पिता संशय की स्थिति में आ गए हैं। कुछ पैरेंट्स ये भी सवाल पूछ रहे हैं कि क्या उन्हें अपने बच्चों को पोलियो की दवा पिलानी चाहिए या नहीं ? हम आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को सभी माता-पिता एवं अभिभावकों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने बच्चों को पोलियो की दवा जरूर पिलाएं। तो आइये जानते हैं इस ब्लॉग में कि स्वास्थ्य मंत्रालय एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) की तरफ से पोलियो की दवा के संबंध में क्या बयान जारी किया गया है। ये जानना सभी पैरेंट्स के लिए बहुत जरूरी है ताकि वो पोलियो की दवा के संबंध में किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति में ना रहें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से 4 अक्टूबर यानि गुरुवार को जारी किए गए आधिकारिक बयान में ये स्पष्ट रूप से कहा गया है कि WHO के साथ मिलकर सरकार ने ये सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया है कि बच्चों को दिए जाने वाले सभी टीके सुरक्षित और प्रभावी हों। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से ये बयान उस वक्त जारी किया गया है जब कुछ राज्यों में पोलियो की खुराक के कुछ बैच में पोलियो वायरस टाइप 2 का संक्रमण मिलने का मामला सामने आया। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि जिस कंपनी की दवा में संक्रमण पाया गया था उसकी दवाओं का प्रयोग बंद कर दिया गया है और उस कंपनी की सारी दवाओं के स्टॉक को वापस मंगवा लिया गया है। एक और अहम बात की इस बयान में ये भी कहा गया है कि पोलियो की खुराक मुहैया कराने वाली अन्य कंपनियों की दवाओं का परीक्षण किया गया है और ये पुष्टि की गई है कि ये दवाएं सभी तय मानकों पर खरे उतरें। तो आप बेफिक्र होकर अपने बच्चे को पोलियो की दवा जरूर पिलाएं।
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हाल में कुछ ऐसी अफवाहें फैलाई गईं कि बाइवेलन्ट ओरल पोलियो की दवा में कुछ वायरस पाए गए हैं। यह अफवाह मीडिया के कुछ वर्ग में आई उन खबरों के बाद फैली है जिसमें कहा गया है कि एक खास कम्पनी द्वारा आपूर्ति की गई पोलियो की दवा गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं है। टीकाकरण कार्यक्रम में इस कम्पनी द्वारा सप्लाई की गई पोलियो की दवा का इस्तेमाल रोक दिया गया है साथ ही पहले आपूर्ति की जा चुकी उसकी दवा का सारा स्टॉक भी वापस ले लिया गया है।
इस कम्पनी के अलावा दूसरी कई ऐसी दवा निर्माता कम्पनियां हैं जो पोलियो की दवा की आपूर्ति करती है। इन दवाओं की गुणवत्ता जांच की गई है और इन्हें तय मानकों के अनुरूप पाया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए बच्चों को सुरक्षित और प्रभावी पोलियो की दवा मिल सके इन कम्पनियों की दवा का टीकाकरण अभियान में इस्तेमाल किया जा रहा है।
पोलियो की दवा पूरी तरह सुरक्षित है। इसने पोलियो से होने वाली शारीरिक अपंगता से लाखों बच्चों को बचाया है। ऐसे में सभी को पोलियो से बचाव के लिए अपने बच्चों को यह दवा जरूर पिलानी चाहिए। भारत सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली दवा पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी हो।
भारत पिछले सात वर्ष से भी ज्यादा समय से पोलियो मुक्त हो चुका है हालांकि कुछ पड़ोसी देशों में पोलियो के कुछ मामले अभी भी देखे जा रहे है ऐसे में इस बीमारी के फिर से देश में आने के खतरे को देखते हुए उच्च प्रतिरक्षा बनाये रखने के प्रयासों के तहत पूरे देश में नियमित टीकाकरण के तहत सभी नवजात शिशुओं को बाइवेलन्ट ओरल पोलियो की दवा के साथ ही निष्क्रिय पोलियो वायरस टीका (आईपीवी) भी उपलब्ध कराया गया है।
सूचना का स्रोत - स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
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