बच्चों में डायरिया और उल् ...
कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है ऐसे में वैज्ञानिकों व डॉक्टरों की टीम लगातार रिसर्च में जुटी हुई है। अपने देश में भी लगातार जारी लॉकडाउन के बावजूद कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। चीन के शोधकर्ताओं और बाल रोग विशेषज्ञों ने जो दावा किया है उसको गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। बच्चों में पेट से संबंधित किसी प्रकारी की समस्या हो तो फौरन डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए क्योंकि इस रिसर्च के मुताबिक बच्चों में उल्टी और डायरिया का होना भी कोरोना के लक्षण हो सकते हैं।
फ्रंटियर्स इन पीडियाट्रिक्स जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक अगर बच्चों में उल्टी और डायरिया के लक्षण नजर आ रहे हैं तो सावधान हो जाएं। इस रिसर्च के दावों के मुताबिक कुछ समय पहले इस तरह के लक्षण वयस्कों में भी पाए गए थे। अगर चीन के कोरोना मरीजों के आंकड़ों को देखें तो तकरीबन 50 फीसदी लोगों को पेट से संबंधित समस्याएं थीं जैसे कि पेट दर्द, डायरिया और उल्टी। ये रिसर्च वुहान प्रांत के टॉन्गजी अस्पताल के डॉक्टरों ने की है। अस्पताल के पीड्रियाटिक्स विभाग के प्रमुख डॉ. वेनबिन ली का कहना है कि ज्यादातर बच्चे कोरोना के गंभीर मरीज नहीं हैं। कुछ ही मामले गंभीर हैं। डॉ वेनबिल ने बताया है कि अधिकांश बच्चों को पेट से जुड़ी दिक्कतें हो रही हैं।
रिसर्च के दावों के मुताबिक बच्चों में सिर्फ कफ या सूखी खांसी ही नहीं बल्कि कमजोरी या डायरिया का होना भी कोरोनावायरस के संक्रमण का लक्षण हो सकता है (CORONAVIRUS SYMPTOMS IN CHILDREN MAY INCLUDE SICKNESS AND DIARRHEA RATHER THAN COUGH, STUDY FINDS)
सूखी खांसी के अलावा डायरिया भी हो सकते हैं कोरोना संक्रमण के लक्षण
बच्चे को उल्टी भी हो सकती है कोरोना संक्रमण का लक्षण
चीन के वुहान प्रांत के टॉन्गजी अस्पताल में बच्चों पर किए गए रिसर्च का नतीजा सामने आया
इन बच्चों में Non Respiratory Symptoms दिखे
रिसर्च के मुताबिक इन बच्चों को सांस से संबंधित कोई परेशानी नहीं थी
रिसर्च के दावों के मुताबिक बच्चों में पेट से संबंधित किसी प्रकार की समस्या पहले से नहीं थी
सीटी स्कैन के बाद निमोनिया की हुई पु्ष्टि
टॉन्गजी अस्पताल के मुताबिक 5 में से 4 मरीजों को पेट से संबंधित समस्याओं के लक्षण पाए गए
इस रिसर्च के मुताबिक कोरोना वायरस आंतों तक भी पहुंच सकता है। टॉन्गजी अस्पताल में मौजूद संक्रमित बच्चों में नॉन रेस्पिरेटरी लक्षण यानि की सांसों से संबंधित परेशानी नहीं देखी जा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चों को बाद में निमोनिया हुआ और फिर इसके बाद कोरोना की पु्ष्टि हुई। डॉ. वेनबिन के मुताबिक कोरोना संक्रमण फैलाने में मदद करने वाला एसीई-2 रिसेप्टर इंसान के फेफड़ों के अलावा आंतों की कोशिकाओं में भी पाया जाता है। रिसर्चर के मुताबिक संक्रमित मल से भी आंतों तक कोरोना का संक्रमण फैल सकता है।
कोरोना को लेकर नित्य प्रतिदिन नए अपडेट सामने आ रहे हैं। अब जबकि बच्चों को लेकर ये नई जानकारियां सामने आई है तो हमें अपने बच्चों के स्वास्थ्य का पहले के मुकाबले और अधिक ध्यान रखने की जरूरत है। अगर बच्चे में डायरिया या उल्टी की समस्या हो तो निश्चित रूप से डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। लॉकडाउन के तकरीबन 2 महीने हो चुके हैं और अब हम सभी लोग कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे और बचाव के उपायों के बारे में अच्छे तरीके से जान चुके हैं। आने वाले दिनों में भले लॉकडाउन में ढिलाई दी जाए लेकिन हम किसी प्रकार की लापरवाही ना बरतें। घर से जब बाहर निकले तो अपने नाक-मुंह को अच्छे से जरूर ढ़क लें। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें कि बार-बार हाथ को मुंह, नाक या चेहरे पर मत ले जाएं और हां हाथों को लगातार साफ करते रहें।
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