कोरोना वायरस (nCoV FAQs) ...
कोरोना वायरस(nCov-19) जिस तेजी के साथ फैलता जा रहा है उसके साथ ही हमें ज्यादा सतर्कता और सावधानियां(COVID-19 Precautions) बरतने की आवश्यकता है। सबसे जरूरी बात ये की हम सुनी-सुनाई बातों पर आंख मूंदकर भरोसा ना करें और विश्वसनीय विशेषज्ञों के द्वारा बताए गए टिप्स(nCov Prevention Tips) का ही अनुसरण करें। गाजियाबाद के डॉ अंशुल वार्ष्णेय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है जिसमें उन्होने कोरोना को लेकर मिथकों को झूठलाया है और वास्तविकता के बारे में अपने पेशेंट को अवगत कराया है। सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस से जुड़े कई मिथक भी सामने आ रहे हैं तो ऐसे में आपको वास्तविकता क्या है इसके बारे में अवश्य जानकारी होनी चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि WHO की तरफ से इन मिथकों की वास्तविकता के बारे में अच्छे से समझाया गया है। [जरूर पढ़ लें - क्या हैं कोरोना वायरस के लक्षण व बचाव के उपाय]
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कुल मिलाकर कोरोनावायरस के 195 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 163 भारतीय नागरिक हैं, जबकि 32 विदेशी नागरिक हैं. भारत में मिले इन 195 में से अब तक 4 मरीज़ों की मृत्यु हो चुकी है, और 19 को इलाज के बाद छुट्टी दी जा चुकी है, और एक मरीज़ माइग्रेट हो गया है, यानी इस वक्त देशभर में कोविद-19 या कोरोनावायरस के 171 मरीज़ों का उपचार चल रहा है. भारत सरकार ने मीडिया को यह लिस्ट दी है राज्यवार Coronavirus(कोविद-19) से पीड़ित लोगों के Cases की. [Check करें - कोरोना वायरस (COVID-19) लाइव अपडेट]
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में Coronavirus Cases | |
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश | Coronavirus पीड़ित |
केरल (Kerala) | 28 |
आंध्र प्रदेश(Andhra Pradesh) | 2 |
पंजाब (Punjab) | 2 |
छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) | 1 |
दिल्ली (Delhi) | 17 |
गुजरात(Gujarat) | 2 |
जम्मू & कश्मीर(Jammu & Kashmir) | 4 |
लेह लद्दाख(Leh Ladakh; Kashmir) | 10 |
राजस्थान(Rajasthan) | 7 |
उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) | 19 |
उत्तराखण्ड(Uttarakhand) | 1 |
पश्चिम बंगाल(West Bengal) | 1 |
महाराष्ट्र(Maharashtra) | 47 |
ओडिशा(Odissa) | 1 |
पुदुच्चेरी(Puducherry) | 1 |
कर्नाटक(Karnataka) | 15 |
तमिलनाडु(Tamilnadu) | 3 |
तेलंगाना(Telangana) | 16 |
हरियाणा(Haryana) | 17 |
चंडीगढ़ (Chandigarh) | 17 |
Total COVID Suspects Cases | 163 |
आज हम इस ब्लॉग में आपको कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़े मिथक और उसकी सच्चाई से अवगत कराने जा रहे हैं। यहाँ जानें...
WHO: सुरक्षित हैं अखबार। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इस बात की संभावना बेहद कम है कि कोई संक्रमित व्यक्ति अखबार को दूषित कर सकता है. एक ऐसा वस्तु जो लगातार सफर कर रही है. एक जगह से दूसरी जगह जा रहा है. अलग अलग परिस्थितियां और तापमान से गुज़र रहा है. इस बात की संभावना बेहद कम हो जाती है कि उसमे कोरोना वायरस हो.
दूसरी तरफ, अमेरिका की भी एक चिकित्सा संस्था ने भी कहा है कि अखबार से कोरोना फैलने की संख्या न के बराबर ही है. संस्था ने कहा है कि कोरोना का अखबार जैसी सतह पर सर्वाइव करना आसान नहीं है. अखबार अलग-अलग तापमान और प्रोसेस से गुजरता है इसीलिए नहीं है खतरा.
WHO: इस मिथक पर कतई विश्वास नहीं किया जा सकता है क्योंकि इस तरह का कोई प्रमाण सामने नहीं आया है कि सर्दी से कोरोना वायरस या ऐसा कोई अन्य वायरस नष्ट हो जाता है। कोरोना से बचने का सबसे बेहतर और आसान तरीका ये कि हम अपने हाथों की सफाई का खास ख्याल रखें। अल्कोहल युक्त हैंडवॉश से अपने हाथों को समय-समय पर साफ करते रहें या फिर साबुन से हाथ मलकर फिर पानी से साफ कर लें।
WHO: ये दावे पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। सामान्य मनुष्य के शरीर का तापमान 36.5 डिग्री सेल्सियस से 37 डिग्री सेल्सियस तक होता है। ऐसे में गर्म पानी से नहाकर कोविड-19 (COVID-19) वायरस से नहीं बचा सकता है। बल्कि बहुत ज्यादा गर्म पानी से स्नान करने के कई नुकसान भी हो सकते हैं जैसे कि शरीर की त्वचा जल सकती है।
WHO: आप इस बात को जान लें कि कोरोना वायरस किसी भी सतह पर कुछ घंटे या अधिक से अधिक कुछ दिन ही जीवित रह सकता है। चीन या किसी अन्य देश में बने उत्पाद से कोरोना वायरस फैलने का कोई खतरा नहीं है। इसकी संभावना इसलिए भी बहुत कम है क्योंकि किसी अन्य देश में बने उत्पाद को अगर किसी देश में भेजा जाता है तो इस दौरान उस उत्पाद को अलग-अलग तापमान और मौसम का सामना करना पड़ता है और यही वजह है कि इस वायरस का बचना बहुत मुश्किल है। लेकिन फिर भी अगर आपको ऐसा प्रतीत हो रहा हो कि किसी उत्पाद की सतह प्रदूषित हो सकती है तो और उसे कीटनाशक की मदद से अच्छे से सफाई कर दें।
WHO: आप को मालूम होना चाहिए कि एंटीबायोटिक्स, केवल बैक्टीरिया से बचाव करता है और वायरस से बचाव में इसका कोई योगदान नहीं होता है। हालांकि इसके साथ ही यह भी जान लें कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति जब अस्पताल में भर्ती होता है तो उसे एंटीबायोटिक्स दवाएं भी साथ में दी जाती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस दौरान उसे बैक्टीरियल इन्फेक्शन का भी काफी खतरा रहता है।
WHO: कोरोना वायरस के इलाज या इससे बचाव के लिए अब तक कोई विशेष दवा उपलब्ध नहीं है। हालांकि, इस वायरस से ग्रसित मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में अन्य सहयोगी दवाओं के जरिए इलाज किया जा रहा है। बहुत ज्यादा बीमार लोगों को सपोर्टिव केयर में रखा जा रहा है। इस वायरस से बचाव की दवा और वैक्सीन तैयार करने की दिशा में रिसर्च कार्य लगातार जारी है।
WHO: फिलहाल इस तरह का कोई प्रमाण नहीं मिल पाया है कि मच्छर से भी कोरोना वायरस फैल सकता है। दरअसल कोरोना वायरस शरीर की श्वसन प्रणाली पर हमला करता है। कोरोना वायरस से प्रभावित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उससे बनने वाली अति सूक्ष्म बूंदों के जरिये ये वायरस आसपास मौजूद लोगों के शरीर में पहुंच जाता है। इसके अलावा लार के जरिये भी ये वायरस फैलता है। इसलिए ये सबसे ज्यादा जरूरी है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए उस व्यक्ति से दूर रहें, जो खांस या छींक रहा हो।
WHO: बिल्कुल नहीं, कोरोना वायरस को मारने के लिए हैंड ड्रायर्स प्रभावी नहीं है। अल्कोहल युक्त हैंडवॉश से हाथ को लगातार साफ करना या साबुन-पानी से हाथ को अच्छे से धोना ही इससे बचने का सबसे पुख्ता तरीका है। हाथ धोने के बाद आप हैंड ड्रायर्स या टिश्यू पेपर के जरिए उसे पोछ सकते हैं।
WHO: हाथ या शरीर के किसी भी अन्य हिस्से को कीटाणु रहित रखने के लिए पराबैंगनी कीटाणुनाशक लैंप का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिये। इससे आपकी स्किन को खतरा पहुंच सकता है।
WHO: कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की पहचान करने में थर्मल स्कैनर पूरी तरह से प्रभावी नहीं है। थर्मल स्कैनर तभी कोरोना वायरस की पहचान कर सकता है, जबकि किसी व्यक्ति को इन्फेक्शन की वजह से बुखार हो या उसके शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा हो। थर्मल स्कैनर कोरोना वायरस से संक्रमित उन लोगों की पहचान नहीं कर सकता, जिन्हें बुखार न हो। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद तबीयत खराब होने या बुखार आने में दो से 10 दिन का वक्त लगता है।
WHO: पूरे शरीर पर अल्कोहल या क्लोरीन का छिड़काव करना वायरस से बचने की गारंटी नहीं हो सकता है। इस तरह के छिड़काव से उस वायरस को नहीं मारा जा सकता है, जो पहले ही आपके शरीर में प्रवेश कर चुके हों। इस तरह के छिड़काव से कपड़ों या शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। अल्कोहल या क्लोरीन किसी भी सतह को कीटाणु रहित करने में मददगार होता है, अगर उसे उचित मात्रा व दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रयोग किया जाए।
WHO: निमोनिया से बचाने के लिए इस्तेमाल होने वाली वैक्सीन की कोरोना वायरस से बचाव में कोई भूमिका नहीं है। ये वायरस एकदम नया और बहुत अलग तरीके का है, लिहाजा शोधकर्ता इसके लिए विशेष वैक्सीन ईजाद करने में जुटे हुए हैं। WHO इन शोधकर्ताओं की मदद कर रहा है। फिलहाल सांस संबंधी बीमारी से बचाने वाले वैक्सीन की कोरोना वायरस से बचाव के लिए अनुशंसा की जा रही है।
WHO: कई औषधीय गुणों से युक्त लहसुन स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। हालांकि, ऐसा कोई प्रमाण अभी उपलब्ध नहीं है जिससे साबित हो सके कि लहसुन खाने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। (सोर्स)
WHO: हांगकांग में एक महिला से उसके पालतू कुत्ते को कोरोना वायरस होने की खबरें सामने आ चुकी हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि इंसान से पालतू पशुओं को कोरोना वायरस होने का खतरा है, लेकिन पशुओं से इंसान में कोरोना वायरस फैलने की अभी तक कहीं से कोई सूचना नहीं मिली है। लिहाजा, पालतू जानवरों से कोरोना वायरस फैलता है या नहीं, इस संबंध में कोई स्पष्ट दावा नहीं किया जा सकता। ऐसे में बचाव के लिए अपने हाथों को निरंतर साफ करना जरूरी है। हाथ धोने से केवल कोरोना ही नहीं, बल्कि पालतू जानवरों से इंसानों तक पहुंचने वाले कई तरह के अन्य वायरस से भी बचा जा सकता है।
WHO: कोरोना वायरस किसी भी उम्र के व्यक्ति को शिकार बना सकता है। पहले से अस्थमा, डायबिटीज, दिल की बीमारी आदि से जूझ रहे लोगों या बुजुर्गों को इस वायरस से ज्यादा खतरा है। वायरस की चपेट में आने से इन लोगों की तबीयत ज्यादा खराब हो सकती है। लिहाजा सभी उम्र के व्यक्तियों को इस वायरस से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिये।
भारत सरकार ने सभी प्रदेश और संघीय सरकारों के लिए coronavirus की रोकथाम और मॉनिटरिंग के लिए हेल्पलाइन की घोषणा की है...
Delhi NCR: 011-22307145
Kerala: 0471-2552056
ईमेल यहाँ करें - ncov2019@gmail.com
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