क्या बताता है बच्चे का मल ...
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पहली बार जब मैं मां बनी तो मुझे दाईयों ने कहा कि मैं अपने बच्चे के मल पर नज़र रखूं ताकि मैं उसके स्वास्थ्य के बारे में और अधिक समझ सकूं। यह बात थोड़ी मूर्खतापूर्ण लग रही थी लेकिन फिर भी मैं हर बार, हफ्तों, महिनों तक अपनी पुत्री के डायपर को चेक करने लगी। दूसरी ओर मेरे पति को लगने लगा कि मैं पागल हो गई हूं और मल के बारे में मनोग्रहीत हो गई हूं। इसके लगभग तील साल बाद मुझे बेटा हुआ, लेकिन तब तक मैं बच्चे के मल के बारे में बहुत कुछ जान गई थी और यह भी कि मुझे अपने बच्चे के स्वास्थ्य का अंदाजा किस प्रकार से लगाना है।
क्या आप जानते हैं कि आपके बच्चे का मल से भी उनके स्वास्थ्य का संबंध है। आप में से बहुत ऐसे लोग होंगे जो अभी हाल ही में पैरेंट्स बने होंगे। बच्चे के मल को समझने और इसका उनके स्वास्थ्य से क्या संबंध हो सकता है ये समझाने के लिए ये एक छोटा सा लेख है।
आप में से बहुत ऐसे लोग होंगे जो अभी हाल ही में पैरेंट्स बने होंगे। बच्चे के मल का रंग, गंध, बनावट आदि बच्चे के पेट और पाचन बारे में बहुत कुछ बता सकते हैं। बच्चे के मल को समझने और इसका उनके स्वास्थ्य से क्या संबंध हो सकता है ये समझाने के लिए ये एक छोटा सा लेख है।
किसी नवजात के मल को जातविष्ठा भी कहा जाता है, यह आमतौर पर गहरा और हरा काला दिखाई देता है। यह पूरी तरह से सामान्य है। गहरा रंग बिलिरूबिन की उपस्थिति के कारण होता है। पीला हरा रंग लाल कौशिकाओं के से होता है। लगातार काफी ढीला मल हो तो वह बिल्कुल सामान्य है।
क्या करना चाहिए ?
जातविष्ठा अस्थायी है और आम तौर पर आपके बच्चे के जन्म के पहले तीन दिन बाद तक रहता है जिसके बाद मल का रंग पीले रंग में बदल जाता है।
स्तनपान करने वाले बच्चों का ढीला, हल्की गंध के साथ पीला मल होता है। यह डायरिया जैसा नज़र आ सकता है, लेकिन उन बच्चों के लिए यह पूरी तरह से सामान्य है जो केवल स्तनपान कर रहे है और मल में यह निरंतरता बनी रहती है।
क्या करना चाहिए ?
कुछ नही! बिना चिंता किए अपने बच्चे को स्तनपान कराते रहें।
जो बच्चे नियत समय पर दूध पीते हैं, स्तनपान करने वाले बच्चों की तुलना में मल, सामान्य गहरे रंग का होता हैं। यह निरंतर स्थूल और भूरे रंग का होता है। इस ब्लॉग को जरूर पढ़ ले:- बच्चे का मुँह से दूध उलटना(Baby Posseting), जानें नवजात शिशु की दूध की उल्टी के कारण
क्या करना चाहिए ?
चिंता करने की कोई बात नही है। आप अपने बच्चे को स्तनपान की सामान्य दिनचर्या जारी रख सकते हैं। यदि आप नियमानुसार दूध पिलाना आरंभ करते हैं तो आपके बच्चे के मल की सतत बदलाव आ सकता है, लेकिन इसे एक - दो दिन में नियमित हो जाना चाहिए।
जब आप अपने बच्चे को ठोस भोजन देना आरंभ करते है तो आपके बच्चे का मल बदलकर हरे भूरे रंग का हो सकता है। यदि आपके बच्चे को पूरक पौष्टिक दिया जाता है तो यह उसी समय भी हो सकता है। यह पूरी तरह से सामान्य है।
क्या करना चाहिए?
ऐसे मल को सामान्य समझा जाता है। यदि आप अपने बच्चे में किसी अन्य लक्षण जैसेकि ठंड, बुखार, या अत्यधिक चिड़चिड़ेपन को नोटिस करते हैं तो आप डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
डॉक्टर के पास कब जाएं? बच्चे के डायपर में क्या है, इसके द्वारा आप अपने बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ बता सकते हैं। आपके बच्चे के मल की बनावट, रंग और गंध कई प्रकार की हो सकती है। लेकिन, निम्नलिखित लक्षण पाए जाने पर, सलाह के लिए डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है।
आपके बच्चे का मल कभी कभी भूरा ढीला हो सकता है और इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। अपने बच्चे के डायपर पर नज़र रखें। अगर ढीला मल लगातार दो दिन या उससे अधिक दिनों तक जारी रहता है और इसके साथ अन्य कोई लक्षण -- जैसेकि बच्चे को बेचैनी, दूध पीने में प्रतिरोध, बुखार, उदासी आदि दिखाई देती है तो यह डायरिया (अतिसार) हो सकता है। डायरिया संक्रमण का एक संकेत हो सकता है और इससे पानी की कमी हो सकती है। यदि दस्त दो दिन से अधिक लगातार जारी रहे तो अपने बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं।
इसकी निरंतरता इस बात का प्रतीक है कि आपके बच्चे को कब्ज़ हो सकती है। कभी कभार कब्ज ठीक उसी प्रकार से सामान्य बात है जैसेकि कभी कभी ढीला मल सामान्य होता है। नियम में बदलाव या ठोस खुराक देने के कारण आपके बच्चे को कब्ज हो सकती है। अपने बच्चे को कब्ज़ से राहत देने के लिए उसे कुछ अधिक स्तनपान कराए या नियत से अधिक दूध पीने के लिए दें। बड़े बच्चों को, समय समय से थोड़ा थोड़ा पानी पिलाएं। जब ठोस खुराक देना आरंभ करें तो अधिक फाइबर वाला खाना जैसे कि सब्जी और फल दे ताकि बच्चे को कब्ज़ से बचाया जा सके।
तार के साथ हरी धारियां इस बात का संकेत है कि मल में बलग़म है। यह संक्रमण का संकेत हो सकता है और डॉक्टर के द्वारा जाँच कराने की जरूरत हो सकती है।
इसलिए नई मां बनने वाली महिलाओं को अपने बच्चे के पोट्टी यानि मल पर ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।बच्चे के मल का रंग, गंध, बनावट आदि बच्चे के पेट और पाचन बारे में बहुत कुछ बता सकते हैं।
आमतौर पर शिशु में कब्ज की समस्या कम ही देखी जाती है क्योंकि नवजात शिशु मां के दूध को आसानी से पचा लेते हैं। हालांकि फॉर्मूला मिल्क का सेवन करने वाले बच्चे में कब्ज की समस्या अक्सर देखी जाती है। कब्ज की समस्या के दौरान आप कुछ घरेलू व कारगर नुस्खों को जरूर आजमा सकती हैं।
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