शिशु अक्सर सोते समय क्यों मुस्कुराते हैं?

विभा ने जब एक नन्हे को जन्म दिया और उसे नींद में मुस्कुराता देखा तो वह भाव- विभोर हो गई। उसकी नजरे अपने शिशु से हटती ही नहीं थी। खास कर तब जब वह सो रहा होता है। ऐसे में विभा की सासू मां ने उससे कहा कि जब बच्चो को सपने में भगवान दिखते हैं तो वे मुस्कुराकर उनका शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने उसे धरती पर भेजा। विभा की सासू मां की तरह अक्सर हम सबको किसी ना किसी बड़े- बुजुर्ग ने शिशु के नींद में मुस्कुराने के पीछे की यही वजह बताई है। जबकि सच यह नहीं है! तो आइये जानते हैं कि नवजात शिशु अक्सर सोने के दौरान मुस्कुराते क्यों हैं (Why do Babies Smile While Sleeping & What Does It Mean In Hindi)
नवजात शिशु के नींद में मुस्कुराने के हो सकते हैं कई कारण / Why Do Babies Smile In Their Sleep In Hindi?
- आरईएम स्लीप साइकल - सच तो यह है कि इसके बारे में अभी तक स्पष्ट तौर पर कुछ पता नहीं चल पाया है। लेकिन इसको समझने की शुरुआत हम नींद और इसके स्टेज के बारे में जानकार कर सकते हैं। हम सबकी नींद के दो स्टेज होते हैं- रैपिड आई मूवमेंट (आरईएम) स्टेज और नॉन- रैपिड आई मूवमेंट (एनआरईएम) स्टेज। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि आरईएम नींद में आंखों का मूवमेंट होता है और एनआरईएम में नहीं। शिशु एनआरईएम फेज में अपनी नींद शुरू करते हैं, जिसके तीन स्टेज होते हैं। पहले स्टेज में आपका शिशु जागता है, ड्राउजी महसूस करता है, फिर सोता है। ऐसे में आपका शिशु हल्की सी आवाज या गतिविधि से जाग जाता है। स्टेज दो में आपके शिशु की आंखों की मूवमेंट रुक जाती है और मस्तिष्क की गतिविधि भी। स्टेज तीन में आपका शिशु शांत हो जाता है, जरा भी मूवमेंट नहीं करता है। यह एनआरईएम की गहराई है। उसे जगाना आसान नहीं होता क्योंकि उसकी बॉडी स्टैंडबाय मोड में आ जाती है। आरईएम एनआरईएम के बीच- बीच में फेज में आता है।
- शिशु का स्माइल रिफ्लेक्स -आरईएम फेज में आपका शिशु मुस्कुरा सकता है, हंस सकता है, रो सकता है या जंप भी कर सकता है। इस बारे में कोई तथ्य नहीं मिला है कि शिशु सपने देखकर मुस्कुराते हैं। यह माना जाता है कि आरईएम फेज में शिशु को कुछ रिफ्लेक्स आते हैं और वह मुस्कुराने लगता है। उसके शरीर में मुम्व्मेंट्स होते हैं और वह अपनी एक्टिव नींद के दौरान मुस्कुरा सकता है।
- भावनाओं का विकास - इस बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि शिशुओं को कुछ सकारात्मक भावनाएं मिलती हैं, जिनके परिणाम में वे मुस्कुराते हैं। अच्छी महक की वजह से भी शिशु मुस्कुरा सकते हैं। यह भी माना जाता है कि जब वे जाग रहे होते हैं तो रोजाना के अनुभव को उनका मस्तिष्क रिकॉर्ड करता रहता है। ये अनुभव नींद के समय प्रोसेस होते हैं और सुखद भावनाओं से मुस्कुराते हैं।
- कई तरह की मुस्कराहट -मुस्कुराना भी कई तरह का हो सकता है! आपको यह जानकर भले ही आश्चर्य हो रहा हो लेकिन सच यही है। शिशुओं की मुस्कराहट कई तरह की होती हैं। ये उनके जीवन में अलग- अलग चरणों में आते हैं। यदि वह नींद के समय मुस्कुरा रहा है तो उनकी मुस्कराहट तीन कैटेगरी में आती है। इसके अलावा आप इस बात को भी ध्यान रखें कि नवजात शिशु के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत आवश्यक है। आप इस ब्लॉग में क्लिक करके जान सकते हैं कि शिशु को अच्छी नींद के लिए किन उपायों को पालन करना चाहिए :- आपके नवजात बच्चे की नींद के लिए 9 घरेलू नुस्खे
- रीफ्लेक्सिव मुस्कराहट- जन्म के कुछ ही दिनों के भीतर आपका नन्हा नींद के समय मुस्कुराने लगता है। आरईएम के दौरान आपके शिशु की बॉडी कुछ फिजियोलॉजिकल बदलावों से गुजरती है, जो कुछ रीफ्लेक्सेज को एक्टिवेट करती है। ये किसी भावना की वजह से ट्रिगर नहीं होते बल्कि प्राकृतिक हैं। बल्कि रीफ्लेक्स मुस्कराहट 25 से 27 हफ़्ते के बीच मान की गर्भ में भी हो सकता है। जन्म के बाद आरईएम स्लीप फेज में अमूमन रीफ्लेक्सिव मुस्कराहट आती है।
- रिस्पॉन्सिव मुस्कराहट- जैसे- जैसे आपका शिशु बड़ा होता जाता है, वह जानी- पहचानी आवाज- शक्ल, गले लगाना, पुचकारना, अपने बिस्तर पर सोने आदि से मुस्कुरा सकता है। इसे आप सामाजिक रिस्पॉन्स ना मानिए, यह सेंसरी अनुभव है। रिस्पॉन्सिव मुस्कराहट से आप अपने बच्चे की पसंद और नापसंद को समझ सकते हैं।
- सामाजिक मुस्कराहट- 3 से 4 महीने की उम्र तक आते- आते आपका बच्चा उस सामाजिक स्टेज पर आ जाता है जब वह लोगों से कनेक्ट करना चाहता है। वह आपको अपने सबसे करीब मानने लगता है और आपको देखते ही मुस्कुराता है। जब आप अजीब- अजीब सी आवाजें निकालते हैं तो वह मुस्कुराता है।
- गैस पास करना- इस बारे में कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है लेकिन यह सच है कि कॉलिक बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं और गैस निकलने के बाद उन्हें आराम महसूस होता है और वे मुस्कुरा सकते हैं। अगर शिशु को गैस की समस्या है तो आप तत्काल राहत दिलाने के लिए इन उपायों की जरूर मदद ले सकते हैं:- 3 तरीके शिशु को गैस से छुटकारा दिलाने के
कब जरूरी है मिलना डॉक्टर से
यह याद रखिए कि यह जरूरी नहीं है कि आप जब चाहें तब आपका बच्चा मुस्कुराए। लेकिन अगर आपका लाडला 12 हफ़्ते की उम्र तक नहीं मुस्कुरा रहा है तो इस बारे में पेडियाट्रिशियन से जरूर बात करें।
निष्कर्ष
अपने लाडले को मुस्कुराते हुए देखना ऐसा सुखद अनुभव है, जो किसी और चीज से नहीं मिल सकता। यह इस बात का भी सूचक है कि आपका बच्चा भावनात्मक और शारीरिक तौर पर बड़ा हो रहा है।
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