शिशु को डकार दिलाने के आस ...
सबसे पहले, सभी नई माताओं को पहली बार माँ बनने और एक प्यारे से शिशु को जन्म देने के लिए बहुत-बहुत बधाई!!
मैंने पाया है कि आजकल ज्यादातर माताओं को शिशु के पेट दर्द, रोने, ठीक से स्तनपान न करने या ज्यादा देर तक स्तनपान करने और दूध उलटने वगैरह के बारे में शिकायत रहती है और मैं आपको इन सभी परेशानियों से बचने का तरीका बताने जा रही हूँ- पर इससे पहले आपको बताना होगा कि क्या आप शिशु को एक तरफ से स्तनपान कराने के बाद उसे डकार दिलाती है और फिर दूसरी ओर से स्तनपान कराती हैं? डकार दिलाने के लिए कितनी देर तक आप शिशु को उठाकर अपने कंधे पर रखती हैं? क्या आप कुछ देर तक अपने शिशु को पेट के बल लिटाती हैं? क्या काफी देर तक दूध पीने के बाद भी या छोटे समय अंतराल जैसे एक-एक घंटे में दूध पीने के बाद भी आपका शिशु भूखा रहता है और रोता है? क्या आपका शिशु गहरी नींद में सोते हुए अचानक उठ कर रोता है?
अगर हाँ, तो इन सारे सवालों का हल है शिशु को डकार दिलाना। मैं एक 26 दिन के शिशु की माँ हूँ और मैं भी इन्हीं समस्याओं से जूझ रही थी पर एक शिशु रोग विशेषज्ञ से मिलने और खुद भी कुछ जानकारी हासिल करने के बाद, मैंने इन परेशानियों से बचने का तरीका पा लिया और मुझे उम्मीद है कि ये जानकारी आपके भी काम आएगी...
हमेशा याद रखें कि हर बार स्तनपान कराने के बाद शिशु को अपने कंधे पर इस तरह से उठाएं कि उसके पेट पर आपके कंधे का दबाब बने। ऐसा करना शिशु के लिए डकार लेना आसान कर देता है। कभी-कभी यह 5 मिनट में हो जाता है और कभी ऐसा करने में 30 मिनट भी लगते हैं पर इसमें परेशानी वाली कोई बात नहीं, क्योंकि हर शिशु अलग होता है। एक ओर से स्तनपान कराने के बाद, पहले शिशु को डकार दिलाएं और फिर उसे दूसरी ओर से स्तनपान कराएं। इसकी वजह ये है कि जब शिशु को डकार आ जाती है तो वह तृप्त और संतुष्ट महसूस करता है और मेरे शिशु रोग विशेषज्ञ के मुताबिक, यदि शिशु डकार नहीं लेता या उसकी गैस नहीं पास होती तो दूध पूरी तरह से नहीं पच पाता और इस वजह से शिशु चिड़चिड़ाने लगता है। पेट में गैस बनी रहती है, पेट कड़ा हो जाता है, कब्ज हो जाती है और नतीजे में उसे गैस के साथ पतले दस्त होने लगते हैं। बार-बार इस तरह के दस्त होने से, वहाँ शिशु की मुलायम त्वचा छिल जाती है क्योंकि दस्त के दौरान बहुत से अम्लीय पदार्थ भी बाहर निकलते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दूध ठीक से हजम नहीं होता और पेट में मौजूद अम्ल से मिल जाता है।
शिशुओं में दूध के अच्छे हाजमे के लिए, पेट अपने अंदर मौजूद अम्ल को दूध के साथ अच्छे से मिलाता है जिससे दूध पूरी तरह से हजम हो सके, पर शिशु को डकार न दिलाए जाने या उसकी गैस न पास होने पर परेशानी होने लगती हैं....तो यदि आप शिशु को डकार दिला दे ंतो आपकी सारी परेशानियों का खात्मा हो जाएगा और इसके लिए कोई दवा लेने की जरूरत भी नहीं पडे़गी।
यदि आपको लगे कि शिशु दूध पीने के दौरान बेचैन है जैसे दूध पीने के पहले वह छिटके या अकड़ जाए और रोने लगे तो पहले उसे डकार दिलाएं। जब शिशु एक ओर से दूध पी चुके तो दूसरी ओर से दूध पिलाने से पहले का समय डकार दिलाने का सही समय होता है। यदि आपको लगे कि अच्छे से दूध पी लेने के बाद भी शिशु संतुष्ट नहीं है और रो रहा है तो ऐसे में भी उसे डकार दिला सकती हैं।
डकार दिलाने के तरीकेः
अपने कंधे पर रखकर- धीरे से शिशु को अपने बगल में लाएं जिससे वह सोते से न उठे। उसके सिर या ठोड़ी आपके कंधे पर रखी होना चाहिए। कंधे पर लेने पर उसे फिसलने से बचाने और सहारा देने के लिए अपना एक हाथ शिशु के नीचे लगाएं। अब डकार दिलाने के लिए अपने दूसरे हाथ से शिशु की पीठ पर हल्के-हल्के से थपथपायें।
गोद में बिठाकर- शिशु को अपनी गोद में सीधा बिठाएं, उसका मुंह दूसरी ओर हो। एक हाथ से शिशु को सहारा दें, आपकी हथेली उसकी छाती पर होनी चाहिए और उसकी ठोड़ी/जबड़े को सहारा देने के लिए उंगलियों का इस्तेमाल करें पर उंगलियां को उसके गले से दूर रखें। शिशु को धीरे से आगे की ओर झुकाएं और हल्के हाथ से उसकी पीठ पर सहलाएं।
अपनी गोदी में उल्टा लिटा कर- शिशु को आड़ा करके अपने पैरों पर सही तरह से उल्टा लिटा लें। एक हाथ से उसके ठोड़ी और जबड़े को सहारा दें। शिशु का सिर, उसके बाकी शरीर से थोड़ा ऊंचा रखें। अब दूसरे हाथ से हल्के-हल्के शिशु की पीठ पर सहलाएं या थपथपाएं। यह सब आपके शिशु को आराम देगा और उसे शांत रखेगा।
उम्मीद है कि ऊपर दी गई जानकारी नई माताओं के लिए मददगार रहेगी। इस बारे में अपनी राय हमें बताने के लिए जरूर लिखें।
Be the first to support
Be the first to share
Comment (0)