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क्या आप बच्चों पे गुस्सा करती है? जानिये इसके दुष्प्रभाव !

3 to 7 years

Priya Garg

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4 months ago

क्या आप बच्चों पे गुस्सा करती है?  जानिये इसके दुष्प्रभाव !

आज कल की  इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में जहाँ सभी के पास समय की कमी और मानसिक दवाब ज़्यादा है, वहाँ अपना चिड़चिड़ापन निकालने का सबसे आसान तरीका बच्चों पर चिल्लाना होता है। अक्सर माता पिता या परिवार के बड़े सदस्य अपना गुस्सा अपने बच्चों पर निकालते है क्योंकि वे उनको पलट से कुछ कह नहीं सकते। लेकिन वे नहीं जानते की बच्चों पर गुस्सा करने का उनपर क्या गलत या नकारात्मक असर हो सकता है।

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बढती है नकारात्मकता- जितना ज़्यादा माता-पिता अपने बच्चे पर चिल्लाते हैं उतना ही वे बच्चों में गुस्सा पैदा करते हैं। बार-बार बच्चों पर चिल्लाने से उनमें अपने और उस व्यक्ति के प्रति नफ़रत की भावना बढ़ती है। ये भावना कई बार उन्हें चिल्लाने या कुछ गलत हरकत करने के लिए भी मजबूर कर देती है। ज़रूरी है की चिल्लाने की वजाय बच्चों को प्यार से उनकी गलतियों के बारें में समझाया जाए।

 

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आत्मविश्वास कम होता- कई बार हर छोटी-बड़ी बात पर बड़े बच्चों को डाँटते है उनपर चिल्लाते हैं। इस तरह बार-बार बच्चों पर चिल्लाना उनके आत्मविश्वास कम होता है। उन्हें धीरे-धीरे लगने लगता है की वे किसी काम को करने के काबिल नहीं है। यही कारण है की वे कुछ काम करना छोड़ देते हैं, वे नई चीज़ें करने की कोशिश नहीं करते, वे काम करने से डरने लगते हैं, क्योंकि डर की वजह से उनके अधिकतर काम गलत हो जाता है और अगर उनसे छोटी-सी भी गलती हुई तो उन्हें गुस्सा किया जाएगा।  जिसके डर के कारण वे काम करना ही बंद कर देते हैं।

 

गुस्से से होता है घर का माहौल खराब- जिस घर में हमेशा बच्चों को डाँटा और गुस्सा किया जाता है उस घर में अधिकतर डर का माहौल बना रहता है। ऐसे माहौल में बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। वे अलग-अलग काम करने से डरने लगते हैं। 

 

जिद्दी हो जाते हैं- हम अक्सर हर छोटी-बड़ी बात पर समझने की जगह बच्चों को डाँटना उनपर चिल्लाना ज़्यादा आसान समझते हैं। ऐसे में बच्चे भी किसी भी गलत काम करने के बाद उससे बचने का सबसे आसान तरीका सीख लेते हैं की उन्हें डांटकर छोड़ दिया जाएगा। इससे वे  गलत काम करना नहीं छोडते बल्कि हर बार डांट/गुस्सा सुनकर बच जाते हैं और फिर से वही काम करते है। बच्चों को बार-बार डाँटना उन्हें जिद्दी बना देता है। इससे वो कोई काम करना नहीं छोड़ते बल्कि गुस्सा सुनने के आदी हो जाते है। कई बार बार गुस्सा सुनकर जो उन्हें बुरा लगता है उस भावना को खत्म करने या गुस्सा करने वाले व्यक्ति को नीचा दिखाने के लिए वे वही काम फिर से करते हैं।

 

अत: कहा जा सकता है की बच्चों पर बार-बार चिल्लाने से केवल नुकसान होता है। वे इससे कुछ भी बेहतर नहीं सीख पाते। बल्कि उनकी हर छोटी-बड़ी बात पर उनपर चिल्लाने से हम उन्हें भी इसी तरह की आदत सीखा देते हैं वे भी ये समझ जाते हैं की किसी भी गलती पर वे  किसी को डांट सकते है। 

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